कवर्धा: छत्तीसगढ़- मध्यप्रदेश सीमावर्ती गांव बांकी में 14 हाथियों का दल का उत्पाद मचा रहा है. इस दौरान हाथियों का झुंड धान की फसल को चौपट कर गये. हाथियों के उत्पात से आसपास के ग्रामीण दहशत में रहने को मजदूर है. वहीं वन विभाग ने मौके पर पहुंचकर मोर्चा संभालते हुए उत्पात मचा रहे हाथियों के दल को खदेड़ दिया है.
बांकी गांव में हाथियों के आने से दहशत
कवर्धा जिले के पंडरिया विकासखंड अंतर्गत छत्तीसगढ़-मध्यप्रदेश की सीमा पर कुछ दिनों से 14 जंगली हाथियों के दल की मौजूदगी बनी हुई है. मंगलवार को हाथियों के दल ने मध्यप्रदेश के सीमावर्ती गांव में उत्पाद करने के बाद मध्यप्रदेश फारेस्ट के खदेड़े जाने के बाद हाथियों का दल कवर्धा जिले के बांकी गांव में दाखिल होकर हाथियों ने धान खेत जमकर उत्पाद किया और फसलों को चौपाल कर दिया. हालांकि वन विभाग की सक्रियता के चलते हाथियों के दल को वन अमला ने भगाने में कामयाब रही.
धान के खेत को पहुंचाया भारी नुकसान
दरअसल कवर्धा जिले से लगे टायगर रिजर्व आचानक मार्ग से हाथियों का दल अपने परिवार के साथ भटकर मध्यप्रदेश के जंगल में घुस गया था. लगभग एक सप्ताह तक मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ सीमावर्ती जंगल और गांव में उत्पाद करने की लगातार सूचना मिल रही थी. जिसे लेकर कवर्धा वन अमला लगातार हाथियों पर नगर बनाई हुई थी और आखिरकार मंगलवार की रात 14 हाथियों का दल पूरे परिवार के साथ कवर्धा जिले के बांकी गांव में प्रवेश होकर नदी किनारे धान के खेत में घुसकर धान की फसल को नुकसान पहुंचाया है. बुधवार की सुबह बड़ी संख्या में वन अमला ने मौके पर पहुंचकर हाथियों के दल को अचानक मार्ग की जंगल की ओर खदेड़ दिया है.
विभाग विभाग के दल ने संभाला मोर्चा
वन मंडल अधिकारी दिलराज प्रभाकर ने बताया कि जंगली हाथियों का दल भटकर छत्तीसगढ़ मध्यप्रदेश की सीमावर्ती कवर्धा जिले के आखरी गांव बांकी में घुसा था. जिसे वन अमला ने खदेड़ कर वापस भेज दिया है और वन अमला नजर बनाया हुआ है.