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Controversy over reservation in Chhattisgarh कोंडागांव में सर्व पिछड़ा वर्ग समाज का चक्काजाम

छत्तीसगढ़ में आरक्षण संशोधन विधेयक 2022 विधानसभा में पारित होने के बाद राजभवन गया. लेकिन राज्यपाल ने इस विधेयक पर अभी तक हस्ताक्षर नहीं किए Controversy over reservation in Chhattisgarh हैं. लिहाजा प्रदेश में आरक्षण की मांग को लेकर समाज विरोध करने लगा. इस मामले में सरकार भी कई मौकों पर राज्यपाल को घेर रही है. इसी कड़ी में kondagaon में सर्व पिछड़ा वर्ग समाज ने विरोध प्रदर्शन करके चक्काजाम किया All Backward Class Society Chakkajam in Kondagaon था.Kondagaon latest news

sarv pichda samaj
सर्व पिछड़ा समाज का प्रदर्शन
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Published : Dec 28, 2022, 5:36 PM IST

कोंडागांव : कोंडागांव में sarv pichda varg samaj अब आरक्षण के मुद्दे में कूद पड़ा है. समाज ने अपनी नौ सूत्रीय मांगों को लेकर रायपुर जगदलपुर नेशनल हाईवे जाम कर दिया. इस दौरान सर्व पिछड़ा वर्ग समाज ने लोगों से अपील की है कि वो इस विरोध का समर्थन करे.नतीजतन कोंडागांव में बड़ी संख्या में लोगों ने बंद का समर्थन किया. समाज के आह्वान पर शहर के कई प्रतिष्ठान सुबह से ही बंद थे. protest of All Backward Classes Society in Kondagaon सर्व पिछड़ा वर्ग समाज के युवक बाइक रैली निकालकर नगर भ्रमण करने के बाद दुकानों को बंद कराया.

पुलिस ने की पूरी तैयारी : इस दौरान पुलिस भी मुस्तैदी से सुरक्षा व्यवस्था को बनाए रखने के लिए पेट्रोलिंग की. नगर बंद और चक्काजाम के दौरान रायपुर से जगदलपुर और जगदलपुर से रायपुर आने जाने वाले यात्रियों को परेशानी ना हो, इसलिए सुबह 10 बजे से लेकर शाम 4 बजे तक यातायात का रूट डायवर्ट किया गया था.हालांकि शाम 4 बजे के बाद स्थिति सामान्य हो गई और पहले के ही तरह मुख्य मार्ग से गाड़ियों का आवागमन शुरु हुआ.

ये भी पढ़ें-सीएम भूपेश के खिलाफ कोंडागांव में प्रदर्शन

क्या है सर्व पिछड़ा वर्ग समाज की प्रमुख मांगें : सर्व पिछड़ा वर्ग समाज ने सरकार से पांच सूत्रीय मांगें की है.

1. 2 दिसंबर 2022 को पारित विधेयक जिसमें पिछड़ा वर्ग को 27% आरक्षण देने का प्रस्ताव शामिल है, राज्यपाल बिना किसी हीला-हवाली के शीघ्र हस्ताक्षर करें.
2. Bastar Division और Surguja Division के प्रत्येक जिलों में भी पिछड़ा वर्ग समाज को 27% आरक्षण किया जाए.
3. बस्तर संभाग और सरगुजा संभाग के पिछड़ा वर्ग समाज के मूल निवासियों को पेसा कानून के दायरे में शामिल किया जाए.
4. Bastar Division और Surguja Division में रह रहे पिछड़ा वर्ग के लोगों को जनसंख्या के अनुपात में पंचायत, स्थानीय निकाय और अन्य शासकीय संस्थाओं में प्रतिनिधित्व (सरपंच या अध्यक्ष जैसे पद) का अवसर दिया जाए ( दोनों संभागों में एक बड़ा समुदाय प्रजातंत्र में अपने चुनाव लड़ने के मौलिक अधिकार से वंचित है).
5. 2005 के पूर्व जंगल जमीन पर काबिज पिछड़ा वर्ग समाज के सभी भाइयों को आदिवासी भाइयों की तरह जंगल जमीन का पट्टा दिया जाए. 75 वर्ष पूर्व काबिज होने की अनिवार्यता को समाप्त किया जाए. प्रक्रियाधीन प्रकरणों का निपटारा कर जल्द पट्टा जारी किया जाए.

कोंडागांव : कोंडागांव में sarv pichda varg samaj अब आरक्षण के मुद्दे में कूद पड़ा है. समाज ने अपनी नौ सूत्रीय मांगों को लेकर रायपुर जगदलपुर नेशनल हाईवे जाम कर दिया. इस दौरान सर्व पिछड़ा वर्ग समाज ने लोगों से अपील की है कि वो इस विरोध का समर्थन करे.नतीजतन कोंडागांव में बड़ी संख्या में लोगों ने बंद का समर्थन किया. समाज के आह्वान पर शहर के कई प्रतिष्ठान सुबह से ही बंद थे. protest of All Backward Classes Society in Kondagaon सर्व पिछड़ा वर्ग समाज के युवक बाइक रैली निकालकर नगर भ्रमण करने के बाद दुकानों को बंद कराया.

पुलिस ने की पूरी तैयारी : इस दौरान पुलिस भी मुस्तैदी से सुरक्षा व्यवस्था को बनाए रखने के लिए पेट्रोलिंग की. नगर बंद और चक्काजाम के दौरान रायपुर से जगदलपुर और जगदलपुर से रायपुर आने जाने वाले यात्रियों को परेशानी ना हो, इसलिए सुबह 10 बजे से लेकर शाम 4 बजे तक यातायात का रूट डायवर्ट किया गया था.हालांकि शाम 4 बजे के बाद स्थिति सामान्य हो गई और पहले के ही तरह मुख्य मार्ग से गाड़ियों का आवागमन शुरु हुआ.

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क्या है सर्व पिछड़ा वर्ग समाज की प्रमुख मांगें : सर्व पिछड़ा वर्ग समाज ने सरकार से पांच सूत्रीय मांगें की है.

1. 2 दिसंबर 2022 को पारित विधेयक जिसमें पिछड़ा वर्ग को 27% आरक्षण देने का प्रस्ताव शामिल है, राज्यपाल बिना किसी हीला-हवाली के शीघ्र हस्ताक्षर करें.
2. Bastar Division और Surguja Division के प्रत्येक जिलों में भी पिछड़ा वर्ग समाज को 27% आरक्षण किया जाए.
3. बस्तर संभाग और सरगुजा संभाग के पिछड़ा वर्ग समाज के मूल निवासियों को पेसा कानून के दायरे में शामिल किया जाए.
4. Bastar Division और Surguja Division में रह रहे पिछड़ा वर्ग के लोगों को जनसंख्या के अनुपात में पंचायत, स्थानीय निकाय और अन्य शासकीय संस्थाओं में प्रतिनिधित्व (सरपंच या अध्यक्ष जैसे पद) का अवसर दिया जाए ( दोनों संभागों में एक बड़ा समुदाय प्रजातंत्र में अपने चुनाव लड़ने के मौलिक अधिकार से वंचित है).
5. 2005 के पूर्व जंगल जमीन पर काबिज पिछड़ा वर्ग समाज के सभी भाइयों को आदिवासी भाइयों की तरह जंगल जमीन का पट्टा दिया जाए. 75 वर्ष पूर्व काबिज होने की अनिवार्यता को समाप्त किया जाए. प्रक्रियाधीन प्रकरणों का निपटारा कर जल्द पट्टा जारी किया जाए.

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