कोंडागांव: मुख्य सचिव आरपी मंडल ने बस्तर संभाग के सभी अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की. उन्होंने कोविड-19 के प्रोटोकाल का पालन करते हुए सार्वजनिक स्थानों में मास्क के उपयोग को अनिवार्य कराने, मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के तहत कुपोषण दूर करने, जिले में दस ट्राइबल हॉस्टल का विकास और एफआरए के तहत हितग्राहियों को 200 दिन का रोजगार देने के संबंध में आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिए. मुख्य सचिव मंडल ने शनिवार को कोंडागांव के जिला कार्यालय में बस्तर संभाग के सभी जिला कलेक्टर, वनमंडलाधिकारी और मुख्य कार्यपालन अधिकारियों के साथ बैठक की.
बैठक में पीसीसीएफ राकेश चतुर्वेदी, प्रमुख सचिव वन मनोज पिंगुवा, सचिव कृषि एम गीता, सचिव समाज कल्याण और महिला एवं बाल विकास आर प्रसन्ना, विशेष सचिव मो. कैसर हक, संचालक कृषि निलेश क्षीरसागर, संचालक उद्यानिकी माथेशरण, बस्तर कमिश्नर अमृत खलखो, कलेक्टर कोंडागांव पुष्पेंद्र मीणा सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे.
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बैठक में मुख्य सचिव मण्डल ने उपरोक्त सभी जिलों में चल रहे शासकीय योजनाओं जैसे सुराजी योजना, मनरेगा, वनधन योजना, वनाधिकार पट्टे, वृक्षारोपण, गोधन न्याय योजना, मुख्यमंत्री सुपोषण योजना सहित कोविड-19 के संक्रमण के बचाव की रणनीति के संबंध में दिशा निर्देश दिए. इस मौके पर उन्होंने कहा कि सभी जिलों की प्रशासनिक टीम योजनाओं के क्रियान्वयन के संबंध में उत्साहवर्धक काम कर रही है. इसी का परिणाम है कि बस्तर जैसे वनांचल संभाग में बदलाव की एक सुखद बयार चल रही है.
आदिवासी जिलों में उत्कृष्ट प्रदर्शन
मुख्य सचिव ने कहा कि इन आदिवासी बाहुल्य जिलों ने योजनाओं के क्रियान्वयन की दिशा में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया गया है. चाहे वह केन्द्र प्रशासित योजना हो या राज्य की योजानाएं. इसके फलस्वरूप आज पूरे देश में छत्तीसगढ़ राज्य महत्वपूर्ण पायदान पर है. यह एक चमत्कार से कम नहीं है. महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार योजना (मनरेगा) का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि कोविड-19 संक्रमण के चलते जहां देश में रोजगार के क्षेत्र में इसका दुष्प्रभाव पड़ा है, वहीं छत्तीसगढ़ के जिलों में मनरेगा के तहत लक्ष्य से ज्यादा मानव दिवस का सृजन किया गया. बस्तर जैसे आदिवासी जिलों में मनरेगा का क्रियान्वयन आशा के अनुरूप था.
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धान खरीदी पहली प्राथमिकता
जिलों में धान खरीदी और गिरदावरी की समीक्षा करते हुए उन्होंने कहा कि धान खरीदी छत्तीसगढ़ शासन सर्वोच्च प्राथमिकता है. जिसके लिए किसानों के रकबे की सही जानकारी होना आवश्यक है और इसके लिए पहले ही सभी कलेक्टर को शासन की ओर से निर्देश दिए जा चुके हैं.