कोंडागांवः धान खरीदी केंद्रों पर किसानों से धान की खरीदी जोरों पर है. 1 दिसंबर 2021 से प्रदेश में धान की खरीदी शुरू हो चुकी है और इस धान खरीदी के दौरान खरीदी केंद्रों पर वस्तुस्थिति का जायजा (Status review at paddy procurement centers) लेने ईटीवी भारत द्वारा विशेष मुहिम "धान पंचायत" जारी है.
जिसके तहत आज हमारी टीम कोंडागांव जिले के ग्राम पंचायत गिरोला के धान खरीदी केंद्र पहुंची. यहां पर वस्तु स्थिति का जायजा लेते हुए किसानों से धान खरीदी-बिक्री के दौरान धान खरीदी केंद्रों पर आ रही समस्याओं एवं सुविधाओं पर विस्तार पूर्वक चर्चा की.
किसानों ने बताया कि इस वर्ष सरकार ने धान खरीदी केंद्रों पर अच्छी व्यवस्था (Good arrangement at paddy procurement centers) की है. टोकन भी सही तरीके से जारी किए जा रहे. जिससे किसानों को असुविधा नहीं हो रही और इससे केंद्रों पर अनावश्यक भीड़ नहीं हो रही, न ही धान बेचने लंबा इंतजार करना पड़ रहा है. पर बारदानों की बड़ी समस्या (big problem of gunny bags) है. उन्हें जो बारदाने दिए गए हैं, उसमें लगभग सभी बारदाने फटे हुए हैं. जिन्हें दुरुस्त करने काफी मशक्कत करनी पड़ रही है.
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केंद्र प्रभारियों ने भी उठा दिए हैं हाथ
उन्होंने बताया कि 25% बारदाना उन्हें खुद लाना है और 75% बारदाना सरकार द्वारा उन्हें दिया जा रहा है. जो बारदाना उन्हें प्राप्त हो रहा है वह बदहाल है. ऐसी लचर व्यवस्था के चलते खरीदी केंद्रों पर उनसे 500 ग्राम से लेकर एक किलोग्राम तक धान बारदानों में अधिक डलवाया जा रहा है. कारण पूछने पर उन्होंने बताया कि धान खरीदी केंद्र प्रभारी का कहना है कि बारदाना फटे होने की वजह से तौल करते या रख-रखाव करते समय 500 ग्राम से 1 किलोग्राम धान बारदानों से गिर जाता है.
बाद में उन्हें इसकी भरपाई करनी पड़ती है. जिसके लिए वे किसानों से 500 ग्राम से लेकर एक किलोग्राम तक धान अतिरिक्त ले रहे हैं. धान खरीदी केंद्र प्रभारी से हमने व्यवस्थाओं व किसानों की समस्याओं को लेकर चर्चा की तो उन्होंने बताया कि सबसे बड़ी समस्या यहां फटे हुए बारदानों की है जिसका खामियाजा उन्हें भी एवं किसानों दोनों को भुगतना पड़ रहा है.
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मिलरों से मिले खराब बारदाना
उनका कहना है कि जो बारदाना मिलरों से मिला है वह शत-प्रतिशत खराब एवं फटा हुआ है. धान खरीदी केंद्रों पर शौचालय एवं पीने के पानी की व्यवस्थाओं को लेकर किसान असंतुष्ट नजर आए. बहरहाल, अभी धान खरीदी का आधा माह (एक पखवाड़ा ) गुजरने को है , इस दौरान सबसे बड़ी समस्या बारदाना के बदहाल होने की है. जिससे किसान एवं धान खरीदी केंद्र प्रभारी दोनों खासे परेशान हैं.