कोंडागांव: जल्द ही छत्तीसगढ़ में चुनाव की तारीखों का ऐलान हो जाएगा. इस बीच संभावित प्रत्याशियों को लेकर कई क्षेत्रों में विवाद हो रहा है. जिले के कोंडागांव विधानसभा से पूर्व मंत्री लता उसेंडी को टिकट दिए जाने की संभावना है. इसे लेकर बीजेपी के टिकट दावेदार विरोध जता रहे हैं. स्थानीय भाजपा नेताओं ने पार्टी पर एक कार्यकर्ता को लगातार कई सालों से टिकट देने का विरोध किया है. इनका कहना है कि नए चेहरों को भी मौका मिलना चाहिए.
खुलकर सामने आया बीजेपी का अंतर्कलह: दरअसल, ईटीवी भारत की टीम कोंडागांव विधानसभा क्षेत्र में पहुंची. चुनाव से पहले ईटीवी भारत की टीम लगातार सभी ग्राम पंचायत में सर्वे कर रही है. कोंडागांव विधानसभा के ग्राम पंचायत पल्ली और बम्हनी में बीजेपी कार्यकर्ताओं ने लता उसेंडी को टिकट न देने की मांग पार्टी से की है. क्षेत्र के लोगों से बातचीत के बाद भाजपा का अंतर्कलह खुलकर सामने आ गया.
क्या कहते हैं स्थानीय दावेदार ?: यहां के बीजेपी नेताओं का कहना है कि "बीजेपी परिवारवाद का विरोध करती है. बीते कई सालों से लता उसेंडी के परिवार को ही टिकट दिया जा रहा है. इसके पहले लता उसेंडी के पिता को कोंडागांव विधानसभा से टिकट दिया गया था. उसके बाद लगातार लता उसेंडी को ही टिकट दिया जा रहा है. इससे हम नाराज हैं. नए चेहरों को भी टिकट दिया जाना चाहिए. ताकि कार्यकर्ताओं में उत्साह बना रहे." उनका कहना है कि लगातार दो बार हार जाने के बाद इस बार नए चेहरे को मौका मिलना चाहिए." इतना ही नहीं कार्यकर्ताओं का कहना है कि "यदि इस बार भी पूर्व मंत्री लता उसेंडी को भारतीय जनता पार्टी से कोंडागांव विधानसभा के लिए टिकट दिया गया तो पार्टी की हार तय है."
दो ग्राम पंचायत में लता उसेंडी का विरोध: बता दें कि ग्राम पंचायत पल्ली में दो पोलिंग बूथ है, जिसमें लगभग 2200 से 2500 मतदाता हैं. यहां से लगातार बीजेपी को बढ़त मिलती रही है. इसके साथ ही बम्हनी ग्राम पंचायत में तीन पोलिंग बूथ है. यहां लगभग 3000 मतदाता हैं. यहां से भी बीजेपी को बढ़त मिलती रही है. हालांकि इस बार दोनों ही ग्राम पंचायत के बीजेपी कार्यकर्ताओं ने लता उसेंडी को टिकट न देने की मांग की है.