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आदिवासी आंदोलन पर बोले जोगी, 'मैं मरना पसंद करूंगा, लेकिन अडानी को एक फावड़ा या कुदाल नहीं चलाने दूंगा'

जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जोगी) के प्रमुख अजीत जोगी ने दंतेवाड़ा के किरंदुल में आदिवासियों द्वारा किए जा रहे आंदोलन का समर्थन किया है  उन्होंने कहा कि, 'मैं मर जाना पसंद करूंगा.

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Published : Jun 7, 2019, 11:14 PM IST

अजीत जोगी

कोंडागांव : जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जोगी) के प्रमुख अजीत जोगी ने दंतेवाड़ा के किरंदुल में आदिवासियों द्वारा किए जा रहे आंदोलन का समर्थन किया है उन्होंने कहा कि, 'मैं मर जाना पसंद करूंगा, लेकिन हमारे देवी-देवताओं के स्थान को किसी को लेने नहीं दूंगा'.

आदिवासी आंदोलन पर बोले जोगी

जोगी ने कहा कि, 'मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मिलकर बैलाडीला की खदान अडानी को दी है. उन्होंने कहा कि, 'दुनिया में सबसे ज्यादा लोहे की खदान और कहीं नहीं है, इसे NMDC ने मांगा, लेकिन उन्हें नहीं दी गई और काम नहीं करने दिया गया'.

अडानी से कोई व्यक्तिगत बैर नहीं
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि, 'हमारा अडानी से कोई व्यक्तिगत बैर नहीं है, लेकिन जो काम हो वो कानून के तहत होना चाहिए. कानूनन आदिवासियों की मंजूरी के बिना खदान आवंटित नहीं की जा सकती, लेकिन ऐसा नहीं हुआ'.

अडानी को खदान पर कुदाल नहीं चलाने देंगे
उन्होंने कहा कि, 'हम जिन देवी-देवताओं की पूजा करते हैं वो उस खदान में रहते हैं. आदिवासी जान दे देंगे, लेकिन अडानी को वहां पर एक खदान पर कुदाल नहीं चलाने देंगे. इसी संकल्प को पूरा करने के लिए 50 किलोमीटर दूर तक से चलकर लोग वहां पहुंचे हैं'.

खदान हम किसी को नहीं लेने देंगे
जोगी ने कहा कि, 'आदिवासियों ने उन्हें फोन कर बुलाया है और नेतृत्व के लिए कहा है'. इसके साथ ही जोगी ने कहा कि, 'मैं अपने जीवन के अंतिम सोपान में हूं, मैं मर जाना पसंद करूंगा, लेकिन ये खदान जहां हमारे देवी -देवताओं का निवास है, हमारे आदिवासियों के भगवान रहते हैं ये खदान हम किसी को नहीं लेने देंगे'.

कोंडागांव : जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जोगी) के प्रमुख अजीत जोगी ने दंतेवाड़ा के किरंदुल में आदिवासियों द्वारा किए जा रहे आंदोलन का समर्थन किया है उन्होंने कहा कि, 'मैं मर जाना पसंद करूंगा, लेकिन हमारे देवी-देवताओं के स्थान को किसी को लेने नहीं दूंगा'.

आदिवासी आंदोलन पर बोले जोगी

जोगी ने कहा कि, 'मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मिलकर बैलाडीला की खदान अडानी को दी है. उन्होंने कहा कि, 'दुनिया में सबसे ज्यादा लोहे की खदान और कहीं नहीं है, इसे NMDC ने मांगा, लेकिन उन्हें नहीं दी गई और काम नहीं करने दिया गया'.

अडानी से कोई व्यक्तिगत बैर नहीं
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि, 'हमारा अडानी से कोई व्यक्तिगत बैर नहीं है, लेकिन जो काम हो वो कानून के तहत होना चाहिए. कानूनन आदिवासियों की मंजूरी के बिना खदान आवंटित नहीं की जा सकती, लेकिन ऐसा नहीं हुआ'.

अडानी को खदान पर कुदाल नहीं चलाने देंगे
उन्होंने कहा कि, 'हम जिन देवी-देवताओं की पूजा करते हैं वो उस खदान में रहते हैं. आदिवासी जान दे देंगे, लेकिन अडानी को वहां पर एक खदान पर कुदाल नहीं चलाने देंगे. इसी संकल्प को पूरा करने के लिए 50 किलोमीटर दूर तक से चलकर लोग वहां पहुंचे हैं'.

खदान हम किसी को नहीं लेने देंगे
जोगी ने कहा कि, 'आदिवासियों ने उन्हें फोन कर बुलाया है और नेतृत्व के लिए कहा है'. इसके साथ ही जोगी ने कहा कि, 'मैं अपने जीवन के अंतिम सोपान में हूं, मैं मर जाना पसंद करूंगा, लेकिन ये खदान जहां हमारे देवी -देवताओं का निवास है, हमारे आदिवासियों के भगवान रहते हैं ये खदान हम किसी को नहीं लेने देंगे'.

Intro:मैं अपने जीवन के अंतिम सोपान में हूँ, मैं मर जाना पसंद करूँगा, पर ये खदान जहाँ हमारे देवी -देवताओं का निवास है, हमारे आदिवासियों के भगवान रहते हैं ये खदान हम किसी को नहीं लेने देंगे- अजीत जोगीBody:एनएमडीसी द्वारा अडानी ग्रुप को 13 नंबर खदान दिए जाने पर अनिश्चितकालीन हड़ताल एवं विरोध प्रदर्शन में शामिल होने छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस के सुप्रीमो अजीत जोगी आज कोंडागांव पहुंचे जहां उन्होंने कार्यकर्ताओं से मुलाकात की और कहा कि नंदराज पर्वत में होने वाले खनन का विरोध करते हुए आदिवासी समाज बड़े आंदोलन के लिए कूच कर चुका है, दंतेवाड़ा के किरंदुल में 200 गांव के आदिवासी समाज के लोग एनएमडीसी का घेराव करने पहुंच चुके हैं और उनके बुलावे पर और आदिवासियों के हित के लिए वे उस आंदोलन में शामिल होने किरंदुल पहुंच रहे हैं।

बाइट_अजीत जोगीConclusion:नंदराज पर्वत जिसे आदिवासी देवता मानते हैं इस पर खुदाई के लिए अडानी ग्रुप को लीज पर दिया गया है इस खनन वब्लॉक को डिपॉजिट 13 के नाम से जाना जाता है जिसके विरोध में आदिवासी समाज के लोग एकजुट होकर इस लीज को हटाने व अडानी को यहां न आने देने का आंदोलन कर रहे हैं।
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