कांकेर : आवश्यकता ही आविष्कार की जननी होती है, यदि आपको किसी चीज की जरुरत नहीं होगी तो आप उसे पाने के लिए प्रयास नहीं करेंगे. लेकिन यदि आपको किसी चीज की जरुरत है तो फिर आप हर वो रास्ता अपनाने की कोशिश करेंगे. ऐसा ही कुछ कर दिखाया है कांकेर के एक युवा इंजीनियर ने जिसके अविष्कार ने कई लोगों की बड़ी समस्या का समाधान किया है. कांकेर के एक युवा इंजीनियर प्रवीण देहारी ने अपनी इंजीनियरिंग से कमाल का डिवाइस बनाया है, जो वार्डवासियों को ये बताएगा कि नलों में कब पानी आने वाला है और कब पानी के बंद होने का समय हो गया. इस डिवाइस से उन जगहों पर काफी मदद मिलेगी जहां सरकारी नलों से पानी आने का इंतजार लोग करते हैं.
कहां थी पानी की समस्या : कांकेर के राजापारा वार्ड में पानी की बहुत समस्या थी. वार्ड के पार्षद आनंद चौरासिया ने बोर का इंस्टालेशन करवाया. लेकिन उसमें समस्या ये थी उसे समय-समय पर शुरु और बंद करना पड़ता था.वहीं बारिश के मौसम में बोर को चालू और बंद करने वाला व्यक्ति नहीं होने से पानी की समस्या पैदा हो रही थी.ये जानकारी जब इंजीनियर प्रवीण देहारी को लगी तो उन्होंने एक डिवाइस बनाने की ठानी, जो पानी की परेशानी को दूर करने का काम करता है.
मैंने एक ऐसा डिवाइस तैयार किया. जिसमें टाइमर सेट करने से सबसे पहले ऑटोमेटिक ही वाल्व ओपन हो जाता है, फिर जिस तरफ की लाइन में पानी देना हो उधर पानी की सप्लाई शुरु हो जाती है. जैसे ही वॉल्व ऑटोमेटिक खुलता है, 20 सेकेंड तक सायरन बजाता है.
सायरन वार्ड के 4 जगहों पर लगा है.एक निर्धारित समय के बाद डिवाइस पानी सप्लाई को बन्द भी कर देता है. इसके बाद दूसरे लाइन में ऑटोमेटिक वॉल्व खुलता है और पानी की सप्लाई शुरु करता है. -प्रवीण देहारी, इंजीनियर
कितने महीने में बनाया डिवाइस : प्रवीण ने ये डिवाइस छह महीने की कड़ी मेहनत के बाद बनाया है.पहले भी कई डिवाइस का इस्तेमाल प्रवीण ने किए थे.लेकिन वो सक्सेस फुल नहीं रहे.लेकिन इस डिवाइस से अब मोहल्लेवासियों को पानी की दिक्कत नहीं होती है.
नगरपालिका के एक कर्मचारी को बारिश में मोटर शुरू करते वक्त करंट लगा था, जिसके बाद से उनकी जगह कोई नहीं है.ऐसे में प्रवीण देहारी से चर्चा हुई.प्रवीण ने छह महीने में डिवाइस तैयार किया.वार्ड में 70 घर हैं, जहां अब नियमित रूप से पानी उपलब्ध हो रहा है. वार्ड पहाड़ के नीचे बसे होने के कारण पानी की बहुत समस्या थी. अब पानी की समस्या नही है. -आनंद चौरसिया, वार्ड पार्षद
सायरन बजता है तो हमें पता चल जाता है कि अब नल में पानी आने वाला है.हम लोग तुरन्त पानी भरते हैं, दो टाइम पानी आता है. कई बार पानी आता है तो पता नहीं चलता था, बेवजह पानी बहता था. जिसके कारण पानी वेस्ट होता था. अब समय से पानी आ जाता है. -रुक्मणी साहू
इस डिवाइस को बनाने में 20 हजार रुपए खर्च आए है. प्रवीण देहारी के डिवाइस बनाने के बाद बाकी नगर के वार्ड में भी बनाने की मांग की जा रही है. नगर में पूरे पानी सप्लाई होने वाले दशपुर के वाटर प्लांट में भी इस सिस्टम का प्रयोग करने की तैयारी है.