कांकेर: कोरोना जाने कितनी अमानवीयता और बुरे दिन दिखाएगा. इस महामारी ने ऐसी हालत कर दी है कि लोग अपने सामने अपनों की जान जाते देख रहे हैं. ऐसा ही हुआ पखांजूर में. यहां कोरोना टेस्ट कराने आई महिला ने सिविल अस्पताल की चौखट पर दम तोड़ दिया. परिवार का आरोप है जब बीमार महिला हॉस्पिटल पहुंची तो किसी ने हाथ तक नहीं लगाया. वो तड़प-तड़प कर अस्पताल के बाहर ही मर गई.
कांकेर जिले के पखांजुर सिविल अस्पताल में स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है. यहां डॉक्टरों की निष्क्रियता के चलते एक महिला ने रविवार को अस्पताल की दहलीज पर ही दम तोड़ दिया. बताया जा रहा है कि 15 दिन पहले वैक्सीनेशन कराने के बाद महिला की तबीयत बिगड़ी थी. इसके बाद BMO ने कोरोना टेस्ट कराने के लिए कहा. जब महिला को लेकर परिजन अस्पताल पहुंचे तो किसी ने हाथ ही नहीं लगाया. परिजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा किया. सूचना मिलने पर प्रशासन की टीम भी वहां पहुंच गई.
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गेट पर ही तोड़ दिया दम
पंखाजुर के योगेंद्रनगर गांव की रहने वाली रूपोषि तरफदार की तबीयत बिगड़ने पर परिजन रविवार को सिविल अस्पताल लेकर पहुंचे थे. महिला को कोरोना के लक्षण थे. कोई भी कर्मचारी उसे एंबुलेंस से उतार कर अंदर लाने के लिए तैयार नहीं था. महिला को अंदर ले जाने का भी कोई इंतजाम नहीं था. परिजन खुद ही किसी तरह महिला को उठाकर अस्पताल में ले गए लेकिन तब तक देर हो चुकी थी. उसने गेट पर ही दम तोड़ दिया था.
परिवार ने निकाला गुस्सा
परिजनों ने आरोप लगाया है कि इलाज नहीं करने के कारण महिला की जान गई है. परिवारवाले उसे उठाकर ले जाने की कोशिश कर रहे लेकिन किसी ने मदद नहीं की. ऑक्सीजन भी नहीं मिली. घटना के बाद परिजनों ने हंगामा कर दिया. प्रशासन की टीम को मामला शांत कराने में कड़ी मशक्कत करनी पड़ी.
'BMO ने दी थी पैरासिटामॉल लेने की सलाह'
महिला के परिजन ने बताया कि 15 दिन पहले मृतिका का वैक्सीनेशन हुआ था. जिसके बाद उसे बुखार आया था. बीएमओ ने पैरासिटामॉल खाने को कहा लेकिन उसकी तबीयत ठीक नहीं हुई. जिसके बाद बीएमओ ने कोविड टेस्ट कराने को कहा. परिवार का आरोप है कि अस्पताल की लापरवाही ने उसकी जान ले ली.