कांकेर: अक्षय तृतीया से शुभ मुहर्त के चलते शादियों का सीजन शुरू हो जाता है. शादियों के सीजन में बाल विवाह रोकने महिला एवं बाल विकास की टास्क फोर्स ने गांव में अचानक दबिश दी हालांकि टास्क फोर्स को कही भी बाल विवाह होना नहीं पाया गया .महिला बाल विकास अधिकारी रीना लारिया ने बताया कि जिला स्तर पर बाल विवाह सर्वे टीम टास्क फोर्स की 4 टीमों का गठन किया गया था. चारों टीम अलग-अलग दिशाओं पर बाल विवाह रोकथाम के लिए सर्वे करने गई थी. जिसमें कांकेर चारामा, भानुप्रतापपुर, नरहरपुर में युवक-युवतियों का सत्यापन किया गया.
नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में भी टीम ने दी दबिश: जिले के नक्सल प्रभावित क्षेत्र अंतागढ़ कोयलीबेड़ा, पखांजूर, दुर्गुकोंदल में होने वाले शादियों में भी महिला बाल विकास विभाग की टास्क फोर्स ने क्षेत्रों में होने वाले विवाह मे युवक-युवतियों के उम्र का सत्यापन किया गया. हालांकि कही भी बाल विवाह होना नही पाया गया. टीम के द्वारा उपस्थिति घराती बारातियों को बाल विवाह ना होने हेतु जागरूक करते हुए बाल विवाह से संबंधित प्रचार प्रसार की सामग्रियां प्रदाय की गई एवं बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के प्रावधानों की जानकारी दी गई.
कांकेर कलेक्टर ने की थी अपील: कलेक्टर डॉ. प्रियंका शुक्ला ने जिलेवासियों से अक्षय तृतीय के अवसर पर बाल विवाह रोकथाम करने के लिए अपील किया था। उन्होंने कहा है कि हम न तो बाल विवाह कराएंगे और न ही होने देगें. बाल विवाह सामाजिक कुप्रथा है, जिसे जड़ से खत्म करना है.