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Kanker News: संकट में सरोवर पर वार्ड वासियों का फूटा गुस्सा, सड़कों पर उतरकर जताया विरोध - बैजनाथ तालाब

गर्मी के मौसम में पानी की समस्या होना अब बेहद आम बात हो गई है. इस समय था जब केवल बड़े शहरों में ऐसी दिक्कतें होती थी. लेकिन अब ये समस्या गांव गांव की हो गई है. कांकेर में प्रशासन की अनदेखी की वजह से दो तालाब बेहद दयनीय स्थिति में आ गए हैं. इस वजह से दो वार्ड के लोग जल संकट से जूझ रहे हैं.

villagers protest for pond
तालाब ले लिए सड़क पर उतरे ग्रामीण
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Published : Jun 14, 2023, 4:38 PM IST

Updated : Jun 14, 2023, 5:22 PM IST

तालाब ले लिए सड़क पर उतरे ग्रामीण

कांकेर: जल संरक्षण के लिए जिले में तमाम प्रयास किये जा रहे हैं. बावजूद इसके आज भी शहर के लोग जल संकट से जूझ रहे हैं. पुराने समय से नगर के लोग तालाबों पर ही निर्भर हैं. लेकिन प्रशासनिक उदासीनता के चलते अब इन तालाबों का संरक्षण और संवर्धन नहीं हो पा रहा है. जिससे नाराज दो वार्ड के लोग बुधवार को कांकेर कलेक्टर के पास फरियाद लेकर पहुंचे. टिकरापारा और अघन नगर के वार्डवासियों का कहना है कि दुधावा तालाब और बैजनाथ तालाब की स्थिति बेहद दयनीय है. यहां लोगों को निस्तारी के लिए पानी नहीं मिल पा रहा है.

तालाब की हालत खराब: वार्डवासी घनेद्र सिंह ठाकुर ने बताया कि "दुधावा तालाब शहर का प्रमुख तालाब है, जहां लंबे समय से गहरीकरण तक नहीं किया गया है. पानी की जगह अब केवल दलदल बचा हुआ है. देवी देवताओं के जोत ज्वारा के विसर्जन के साथ ही साथ नवरात्र और गणेश चतुर्थी पर्व में मूर्तियों का विसर्जन यहीं होता है. जिला अस्पताल पहुंचने वाले मरीजों के बहुत से परिजन भी इस तालाब का उपयोग करते हैं. पूजा पाठ जैसे सांस्कृतिक महत्वों और अन्य कार्यो के लिए भी इस तालाब का उपयोग किया जाता है. पहाड़ से लगे होने के कारण जंगली जानवर और आवारा मवेशी भी इस पानी का इस्तेमाल करते हैं. यही तीन वार्ड के लोगों के लिए निस्तारी का एक मात्र जरिया है."

वार्डवासी करेंगे उग्र आंदोलन: वार्डवासी इंदु नेताम ने बताया कि "बैजनाथ तालाब को कुछ साल पहले गहरीकरण कर छोड़ दिया गया. लेकिन वहां बारिश का पानी जाने के सारे रास्ते बंद कर दिए गए. अब दोनों तालाबों में निस्तारी के लिए पानी नहीं है, जिससे वार्डवासियों में गुस्सा बढ़ता जा रहा है. वार्डवासियों की मांग है कि यदि दुधावा तालाब और बैजनाथ तालाब का गहरीकरण और सौंदर्यीकरण नहीं किया जाता है तो, वार्डवासी उग्र आंदोलन करेंगे. जिसकी पूर्ण जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी."

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तालाब की बदहाल स्थिति को देखते हुए वार्ड के लोग सड़कों पर उतर गए हैं. लंबे समय से वार्ड के लोग तालाब के गहरीकरण और सौंदर्यीकरण की मांग कर रहे थे. लेकिन प्रशासन ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया. जिस वजह से लोगों को अब आंदोलन का सहारा लेना पड़ रहा है.

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तालाब की हालत खराब: वार्डवासी घनेद्र सिंह ठाकुर ने बताया कि "दुधावा तालाब शहर का प्रमुख तालाब है, जहां लंबे समय से गहरीकरण तक नहीं किया गया है. पानी की जगह अब केवल दलदल बचा हुआ है. देवी देवताओं के जोत ज्वारा के विसर्जन के साथ ही साथ नवरात्र और गणेश चतुर्थी पर्व में मूर्तियों का विसर्जन यहीं होता है. जिला अस्पताल पहुंचने वाले मरीजों के बहुत से परिजन भी इस तालाब का उपयोग करते हैं. पूजा पाठ जैसे सांस्कृतिक महत्वों और अन्य कार्यो के लिए भी इस तालाब का उपयोग किया जाता है. पहाड़ से लगे होने के कारण जंगली जानवर और आवारा मवेशी भी इस पानी का इस्तेमाल करते हैं. यही तीन वार्ड के लोगों के लिए निस्तारी का एक मात्र जरिया है."

वार्डवासी करेंगे उग्र आंदोलन: वार्डवासी इंदु नेताम ने बताया कि "बैजनाथ तालाब को कुछ साल पहले गहरीकरण कर छोड़ दिया गया. लेकिन वहां बारिश का पानी जाने के सारे रास्ते बंद कर दिए गए. अब दोनों तालाबों में निस्तारी के लिए पानी नहीं है, जिससे वार्डवासियों में गुस्सा बढ़ता जा रहा है. वार्डवासियों की मांग है कि यदि दुधावा तालाब और बैजनाथ तालाब का गहरीकरण और सौंदर्यीकरण नहीं किया जाता है तो, वार्डवासी उग्र आंदोलन करेंगे. जिसकी पूर्ण जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी."

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Last Updated : Jun 14, 2023, 5:22 PM IST
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