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कांकेर: ब्लॉक मुख्यालय का दफ्तर पखांजूर से कोयलीबेड़ा में लगाने ग्रामीणों ने सौंपा ज्ञापन

कांकेर के नक्सल प्रभावित क्षेत्र कोयलीबेड़ा ब्लॉक मुख्यालय दफ्तर को पखांजूर से हटाकर कोयलीबेड़ा में लगाए जाने को लेकर ग्रामीणों ने SDM को ज्ञापन सौंपा है.

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ग्रामीणों ने सौंपा ज्ञापन
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Published : Jul 28, 2020, 6:37 PM IST

Updated : Jul 28, 2020, 8:10 PM IST

कांकेर: जिले के धुर नक्सल प्रभावित क्षेत्र कोयलीबेड़ा ब्लॉक मुख्यालय दफ्तर को लेकर लगातार विवाद की स्थिति बन रही है. सोमवार को एक बार फिर कोयलीबेड़ा क्षेत्र के ग्रामीणों ने ब्लॉक मुख्यालय का दफ्तर पखांजुर में लगाए जाने को लेकर विरोध करते हुए कलेक्टर के नाम SDM को ज्ञापन सौंपा है.

ग्रामीणों ने सौंपा ज्ञापन

कोयलीबेड़ा ब्लॉक का ऑफिस पखांजूर में संचालित हो रहा है, जिससे यहां के ग्रामीण खासे परेशान है. कुछ साल पहले कोयलीबेड़ा और पखांजुर में 15- 15 दिन दफ्तर लगाने के आदेश दिए गए थे, लेकिन कुछ दिनों में ही यह व्यवस्था ठंडे बस्ते में चली गई.

pakhanjur villagers protest news
एसडीएम ने दिया ग्रामीणों को आश्वासन

ग्रामीणों को हो रही परेशानी

कोयलीबेड़ा से पखांजुर की दूरी 104 किलोमीटर है. इस बीच दूसरा ब्लॉक अंतागढ़ भी पड़ता है. ऐसे में कोयलीबेड़ा के ग्रामीणों को किसी भी कार्य के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ती है. ग्रामीणों के भारी विरोध के बीच ही कुछ साल पहले ब्लॉक मुख्यालय के दफ्तर कोयलीबेड़ा और पखांजुर में 15 -15 दिन लगाए जाने की व्यवस्था की गई थी, लेकिन कुछ महीनों में ही यह व्यवस्था ठप पड़ गई.

जिसके बाद एक बार फिर कोयलीबेड़ा क्षेत्र के ग्रामीणों को किसी भी सरकारी काम के लिए पखांजुर के चक्कर काटने पड़ रहे हैं. घोर नक्सल प्रभावित इलाका होने के कारण ग्रामीणों को शाम होने से पहले वापस भी लौटना पड़ता है. ऐसे में कई बार काम नहीं होने पर उन्हें बार-बार पखांजुर आना-जाना करना पड़ रहा है.

आबकारी मंत्री को बताई थी परेशानी

ग्रामीणों ने बताया कि इसे लेकर उन्होंने आबकारी मंत्री कवासी लखमा के दौरे के समय शिकायत की थी. जिस पर मंत्री ने 15 दिन कार्यलय कोयलीबेड़ा में लगने का आश्वसन दिया था, लेकिन प्रशासन के द्वारा अब तक यह व्यवस्था चालू नहीं की गई है.

कोयलीबेड़ा का ग्रामीण बैंक अंतागढ़ में संचालित

ग्रामीणों ने बताया कि कोयलीबेड़ा में बैंक भी नहीं है. ग्रामीण बैंक की शाखा यहां खोली गई थी, लेकिन उसे भी कुछ दिन बाद ही अंतागढ़ शिफ्ट कर दिया गया. जिससे ग्रामीणों को मनरेगा के भुगतान में भी दिक्कते आती हैं. ग्रामीणों ने मांग की है कि कोयलीबेड़ा में ग्रामीण बैंक को वापस शिफ्ट किया जाए या तो उन्हें नगदी पैसों का भुगतान किया जाए.

पढ़ें- कांकेर: 150 मजदूरों को नहीं मिली मजदूरी, मनरेगा के तहत किया था काम

एसडीएम यूएस बंदे ने कहा कि ग्रामीणों ने जो मांग की है उसे कलेक्टर तक पहुंचाया जाएगा. पहले कोयलीबेड़ा में बैंक और ब्लॉक दफ्तर संचालित हो रहे थे, किसी कारणवश उसे बन्द करना पड़ा था. SDM ने कहा कि जल्द ही ग्रामीणों की समस्या का समाधान करने का प्रयास किया जाएगा.

कांकेर: जिले के धुर नक्सल प्रभावित क्षेत्र कोयलीबेड़ा ब्लॉक मुख्यालय दफ्तर को लेकर लगातार विवाद की स्थिति बन रही है. सोमवार को एक बार फिर कोयलीबेड़ा क्षेत्र के ग्रामीणों ने ब्लॉक मुख्यालय का दफ्तर पखांजुर में लगाए जाने को लेकर विरोध करते हुए कलेक्टर के नाम SDM को ज्ञापन सौंपा है.

ग्रामीणों ने सौंपा ज्ञापन

कोयलीबेड़ा ब्लॉक का ऑफिस पखांजूर में संचालित हो रहा है, जिससे यहां के ग्रामीण खासे परेशान है. कुछ साल पहले कोयलीबेड़ा और पखांजुर में 15- 15 दिन दफ्तर लगाने के आदेश दिए गए थे, लेकिन कुछ दिनों में ही यह व्यवस्था ठंडे बस्ते में चली गई.

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एसडीएम ने दिया ग्रामीणों को आश्वासन

ग्रामीणों को हो रही परेशानी

कोयलीबेड़ा से पखांजुर की दूरी 104 किलोमीटर है. इस बीच दूसरा ब्लॉक अंतागढ़ भी पड़ता है. ऐसे में कोयलीबेड़ा के ग्रामीणों को किसी भी कार्य के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ती है. ग्रामीणों के भारी विरोध के बीच ही कुछ साल पहले ब्लॉक मुख्यालय के दफ्तर कोयलीबेड़ा और पखांजुर में 15 -15 दिन लगाए जाने की व्यवस्था की गई थी, लेकिन कुछ महीनों में ही यह व्यवस्था ठप पड़ गई.

जिसके बाद एक बार फिर कोयलीबेड़ा क्षेत्र के ग्रामीणों को किसी भी सरकारी काम के लिए पखांजुर के चक्कर काटने पड़ रहे हैं. घोर नक्सल प्रभावित इलाका होने के कारण ग्रामीणों को शाम होने से पहले वापस भी लौटना पड़ता है. ऐसे में कई बार काम नहीं होने पर उन्हें बार-बार पखांजुर आना-जाना करना पड़ रहा है.

आबकारी मंत्री को बताई थी परेशानी

ग्रामीणों ने बताया कि इसे लेकर उन्होंने आबकारी मंत्री कवासी लखमा के दौरे के समय शिकायत की थी. जिस पर मंत्री ने 15 दिन कार्यलय कोयलीबेड़ा में लगने का आश्वसन दिया था, लेकिन प्रशासन के द्वारा अब तक यह व्यवस्था चालू नहीं की गई है.

कोयलीबेड़ा का ग्रामीण बैंक अंतागढ़ में संचालित

ग्रामीणों ने बताया कि कोयलीबेड़ा में बैंक भी नहीं है. ग्रामीण बैंक की शाखा यहां खोली गई थी, लेकिन उसे भी कुछ दिन बाद ही अंतागढ़ शिफ्ट कर दिया गया. जिससे ग्रामीणों को मनरेगा के भुगतान में भी दिक्कते आती हैं. ग्रामीणों ने मांग की है कि कोयलीबेड़ा में ग्रामीण बैंक को वापस शिफ्ट किया जाए या तो उन्हें नगदी पैसों का भुगतान किया जाए.

पढ़ें- कांकेर: 150 मजदूरों को नहीं मिली मजदूरी, मनरेगा के तहत किया था काम

एसडीएम यूएस बंदे ने कहा कि ग्रामीणों ने जो मांग की है उसे कलेक्टर तक पहुंचाया जाएगा. पहले कोयलीबेड़ा में बैंक और ब्लॉक दफ्तर संचालित हो रहे थे, किसी कारणवश उसे बन्द करना पड़ा था. SDM ने कहा कि जल्द ही ग्रामीणों की समस्या का समाधान करने का प्रयास किया जाएगा.

Last Updated : Jul 28, 2020, 8:10 PM IST
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