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SPECIAL: 12 किमी चलकर, नदी पार कर लाते हैं राशन, कोई नहीं सुनने वाला - पैदल आने-जाने को मजबूर ग्रामीण

कांकेर के सीतरम गांव सहित कई गांव के लोग राशन के लिए 12 किलोमीटर का सफर पैदल करने को मजबूर हैं. पिछले कई सालों से यहां के ग्रामीण नदी पार कर दूसरे गांव से राशन लाते हैं.

villagers of kanker are helpless and crosses river for buying groceries and ration
नदी पार कर राशन लाने को मजबूर ग्रामीण
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Published : Apr 12, 2020, 10:26 AM IST

Updated : Apr 12, 2020, 3:38 PM IST

कांकेर: अगर हमें और आपको ऐसा लगता है कि कठिन वक्त से गुजर रहे हैं तो हमें छत्तीसगढ़ के अंदरूनी इलाकों के गांव का हाल जानना चाहिए. लॉक डाउन तो हमारे और आपके लिए होगा, यहां के लोगों की जिंदगी हमेशा संघर्षों में ही कट रही है. यहां विकास की गंगा उल्टी बहती है. कई गांव के लोगों को राशन तक लाने के लिए 12 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता है. इतना ही नदी रास्ते में पड़ने वाले नदी को पार कर ये लोग राशन लाने को मजबूर हैं.

नदी पार कर राशन लाने को मजबूर ग्रामीण

जिले के 12 से ज्यादा गांव के ग्रामीण नदी पार कर राशन लाने को मजबूर हैं. उनके पास इसके अलावा कोई भी दूसरा उपाय नहीं है, जिससे राशन का इंतजाम हो जाए. लॉकडाउन की वजह से भले ही शासन-प्रशासन गरीबी रेखा से नीचे आने वाले लोगों को दो महीने का राशन मुफ्त में दे रही है, लेकिन उसका फायदा उठाने के लिए भी इन गांवों को लोगों को बड़ी मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है.

villagers of kanker are helpless and crosses river for buying groceries and ration
नदी पार कर राशन लाते ग्रामीण

जिम्मेदारों ने नहीं ली सुध

ग्रामीण राशन के साथ-साथ रोजमर्रा के सामान भी इसी तरह पीठ पर लाद कर या कंधे पर रख कर लाते हैं. वह सुबह से घर से निकलते हैं और शाम को सामान लेकर घर पहुंचते हैं. सोचने वाली बात ये है कि इतने दिनों से किसी भी जिम्मेदार अधिकारी-कर्मचारी या नेता-मंत्री की नजर इन ग्रामीणों की परेशानी पर नहीं पड़ी. इन ग्रामीणों के पास आवागमन करने का कोई साधन भी नहीं हैं, इस वजह से भी यह पैदल इतनी दूर आने-जाने को मजबूर हैं.

villagers of kanker are helpless and crosses river for buying groceries and ration
नदी पार करते ग्रामीण

हालात ये हैं कि गांव के लोगों को जिंदगी जीने और दो वक्त की रोटी खाने के लिए ये सफर तय करना मजबूरी बन चुका है. नदी पार करना, 12 किलोमीटर पैदल आना-जाना और कंधों पर बोझ रखकर फिर इसी सफर को तय करना बड़ा कठिन सा है. जरूरत है कि जिला प्रशासन ऐसे नाजुक समय में इनके लिए कुछ राहत की व्यवस्था करे.

villagers of kanker are helpless and crosses river for buying groceries and ration
नदी पार करते ग्रामीण

कांकेर: अगर हमें और आपको ऐसा लगता है कि कठिन वक्त से गुजर रहे हैं तो हमें छत्तीसगढ़ के अंदरूनी इलाकों के गांव का हाल जानना चाहिए. लॉक डाउन तो हमारे और आपके लिए होगा, यहां के लोगों की जिंदगी हमेशा संघर्षों में ही कट रही है. यहां विकास की गंगा उल्टी बहती है. कई गांव के लोगों को राशन तक लाने के लिए 12 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता है. इतना ही नदी रास्ते में पड़ने वाले नदी को पार कर ये लोग राशन लाने को मजबूर हैं.

नदी पार कर राशन लाने को मजबूर ग्रामीण

जिले के 12 से ज्यादा गांव के ग्रामीण नदी पार कर राशन लाने को मजबूर हैं. उनके पास इसके अलावा कोई भी दूसरा उपाय नहीं है, जिससे राशन का इंतजाम हो जाए. लॉकडाउन की वजह से भले ही शासन-प्रशासन गरीबी रेखा से नीचे आने वाले लोगों को दो महीने का राशन मुफ्त में दे रही है, लेकिन उसका फायदा उठाने के लिए भी इन गांवों को लोगों को बड़ी मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है.

villagers of kanker are helpless and crosses river for buying groceries and ration
नदी पार कर राशन लाते ग्रामीण

जिम्मेदारों ने नहीं ली सुध

ग्रामीण राशन के साथ-साथ रोजमर्रा के सामान भी इसी तरह पीठ पर लाद कर या कंधे पर रख कर लाते हैं. वह सुबह से घर से निकलते हैं और शाम को सामान लेकर घर पहुंचते हैं. सोचने वाली बात ये है कि इतने दिनों से किसी भी जिम्मेदार अधिकारी-कर्मचारी या नेता-मंत्री की नजर इन ग्रामीणों की परेशानी पर नहीं पड़ी. इन ग्रामीणों के पास आवागमन करने का कोई साधन भी नहीं हैं, इस वजह से भी यह पैदल इतनी दूर आने-जाने को मजबूर हैं.

villagers of kanker are helpless and crosses river for buying groceries and ration
नदी पार करते ग्रामीण

हालात ये हैं कि गांव के लोगों को जिंदगी जीने और दो वक्त की रोटी खाने के लिए ये सफर तय करना मजबूरी बन चुका है. नदी पार करना, 12 किलोमीटर पैदल आना-जाना और कंधों पर बोझ रखकर फिर इसी सफर को तय करना बड़ा कठिन सा है. जरूरत है कि जिला प्रशासन ऐसे नाजुक समय में इनके लिए कुछ राहत की व्यवस्था करे.

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नदी पार करते ग्रामीण
Last Updated : Apr 12, 2020, 3:38 PM IST
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