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ग्रामीणों ने एक बार फिर किया कांकेर नारायणपुर स्टेट हाइवे जाम

Villagers jammed Kanker Narayanpur Highway: नारायणपुर जिले में शामिल करने की मांग को लेकर कांकेर के 58 गांवों के ग्रामीणों ने फिर से आंदोलन शुरू कर दिया है.

Villagers jammed Kanker Narayanpur State Highway
कांकेर नारायणपुर स्टेट हाइवे जाम
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Published : Feb 15, 2022, 11:55 AM IST

कांकेर: जिले के 58 गांव के लोगों ने नारायणपुर जिले में शामिल करने की मांग को लेकर स्टेट हाइवे में चक्काजाम कर दिया है. कांकेर के अन्तागढ़ ब्लॉक होते हुए नारायणपुर जाने वाले मार्ग में हजारों ग्रामीण सड़क जाम कर (Villagers jammed Kanker Narayanpur Highway) विरोध जता रहे हैं. ग्रामीणों की मांग है कि जिला मुख्यालाय से दूरी अधिक होने के कारण विकास कार्य उनके क्षेत्र में नहीं हो पा रहा है. साथ ही कई कामों के लिए उन्हें सैंकड़ों किलोमीटर का सफर तय कर जिला मुख्यालय जाना पड़ता है. जिससे उन्हें काफी परेशानी उठानी पड़ती है. ग्रामीण दो दिनों तक स्टेट हाइवे जाम करने की बात कह रहे हैं. इससे पहले भी कोलर क्षेत्र के 58 गांव के ग्रामीण राज्यपाल से मिलने पदयात्रा कर राजधानी रायपुर गए थे.

नारायणपुर जिले में शामिल करने की मांग को लेकर आंदोलन (Movement demanding inclusion in Narayanpur district)

कांकेर जिले के 58 गांव के ग्रामीण साल 2007 में नारायणपुर जिले के गठन के बाद से जिले में शामिल करने के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं. विभिन्न प्रकार से अपनी मांग शासन तक पहुंचाने में लगे हुए है. इनमें कोलर क्षेत्र से भैसगांव, कोलर, तालाबेड़ा, बैंहासालेभाट, फूलपाड़ एंव बण्डापाल क्षेत्र से कोसरोंडा, देवगांव, गवाडी, बण्डापाल, मातला- ब, अर्रा, मुल्ले व करमरी ग्राम पंचायत शामिल है. इन पंचायतों में निवासरत ग्रामीणों को शासकिय कामों के लिए 150 किलोमीटर का सफर तय कर कांकेर जिला मुख्यालय जाना पड़ता है. जबकि इन गांवों से नारायणपुर जिला मुख्यालय की दूरी सिर्फ 20 किलोमीटर है.

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जिले के 13 ग्राम पंचायत में निवासरत ग्रामीणों का रहन-सहन रिश्तेदारी, बाजार, शिक्षा, स्वास्थ्य जैसी बुनियादी सुविधाएं नारायणपुर जिला मुख्यालय से पूरी होती है. नारायणपुर जिला चिकित्सालय सहित रामकृष्ण आरोग्य धाम से इन ग्राम पचांयत के ग्रामीणों को चिकित्सा सुविधाए उपलब्ध होती है. इसके अलावा छात्र नारायणपुर के स्वामी आत्मानंद महाविद्यालय से उच्च शिक्षा ग्रहण करते हैं. इस तरह से इन 13 ग्राम पंचायतों में लोगों को नारायणपुर जिले से जन सुविधाएं मिल रही है. लेकिन वहां से दूरी ज्यादा होने के कारण इन्हें काफी मुश्किलें उठानी पड़ती है. यहीं वजह है कि वे इन गांवों को नारायणपुर में शामिल करने की मांग कर रहे हैं.

कांकेर: जिले के 58 गांव के लोगों ने नारायणपुर जिले में शामिल करने की मांग को लेकर स्टेट हाइवे में चक्काजाम कर दिया है. कांकेर के अन्तागढ़ ब्लॉक होते हुए नारायणपुर जाने वाले मार्ग में हजारों ग्रामीण सड़क जाम कर (Villagers jammed Kanker Narayanpur Highway) विरोध जता रहे हैं. ग्रामीणों की मांग है कि जिला मुख्यालाय से दूरी अधिक होने के कारण विकास कार्य उनके क्षेत्र में नहीं हो पा रहा है. साथ ही कई कामों के लिए उन्हें सैंकड़ों किलोमीटर का सफर तय कर जिला मुख्यालय जाना पड़ता है. जिससे उन्हें काफी परेशानी उठानी पड़ती है. ग्रामीण दो दिनों तक स्टेट हाइवे जाम करने की बात कह रहे हैं. इससे पहले भी कोलर क्षेत्र के 58 गांव के ग्रामीण राज्यपाल से मिलने पदयात्रा कर राजधानी रायपुर गए थे.

नारायणपुर जिले में शामिल करने की मांग को लेकर आंदोलन (Movement demanding inclusion in Narayanpur district)

कांकेर जिले के 58 गांव के ग्रामीण साल 2007 में नारायणपुर जिले के गठन के बाद से जिले में शामिल करने के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं. विभिन्न प्रकार से अपनी मांग शासन तक पहुंचाने में लगे हुए है. इनमें कोलर क्षेत्र से भैसगांव, कोलर, तालाबेड़ा, बैंहासालेभाट, फूलपाड़ एंव बण्डापाल क्षेत्र से कोसरोंडा, देवगांव, गवाडी, बण्डापाल, मातला- ब, अर्रा, मुल्ले व करमरी ग्राम पंचायत शामिल है. इन पंचायतों में निवासरत ग्रामीणों को शासकिय कामों के लिए 150 किलोमीटर का सफर तय कर कांकेर जिला मुख्यालय जाना पड़ता है. जबकि इन गांवों से नारायणपुर जिला मुख्यालय की दूरी सिर्फ 20 किलोमीटर है.

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जिले के 13 ग्राम पंचायत में निवासरत ग्रामीणों का रहन-सहन रिश्तेदारी, बाजार, शिक्षा, स्वास्थ्य जैसी बुनियादी सुविधाएं नारायणपुर जिला मुख्यालय से पूरी होती है. नारायणपुर जिला चिकित्सालय सहित रामकृष्ण आरोग्य धाम से इन ग्राम पचांयत के ग्रामीणों को चिकित्सा सुविधाए उपलब्ध होती है. इसके अलावा छात्र नारायणपुर के स्वामी आत्मानंद महाविद्यालय से उच्च शिक्षा ग्रहण करते हैं. इस तरह से इन 13 ग्राम पंचायतों में लोगों को नारायणपुर जिले से जन सुविधाएं मिल रही है. लेकिन वहां से दूरी ज्यादा होने के कारण इन्हें काफी मुश्किलें उठानी पड़ती है. यहीं वजह है कि वे इन गांवों को नारायणपुर में शामिल करने की मांग कर रहे हैं.

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