कांकेर: पखांजूर जिला मुख्यालय को जोड़ने वाली कोरेनार से इरपानार के बीच की सड़क पर 17 साल बाद भी आज तक एक पुल का निर्माण नहीं हो सका है. साल 2000 में छत्तीसगढ़ राज्य के गठन के बाद प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने यहां पुल के निर्माण के लिए स्वीकृति दी थी, लेकिन ब्रिज निर्माण के शिलन्यास को लेकर भाजपा सांसद सोहन पोटाई और कांग्रेस विधायक मंतूराम राम पवार के बीच विवाद हो गया और तब से अब तक पुल का निर्माण नहीं हो सका.
15 साल तक प्रदेश में भाजपा की सरकार रहने के बावजूद कोरेनार और इरपानार के बीच पुल का निर्माण नहीं हुआ. 2018 के विधानसभा चुनाव के करीब आते ही कांग्रेस के अनूप नाग ने भी नदी पर पुल बनाने को लेकर जल सत्याग्रह का आंदोलन किया. कांग्रेस के इस 50 गांव के लोगों ने जल सत्याग्रह आंदोलन में इरपानार समेत करीब 50 गांव के लोग शामिल हुए थे, लेकिन अबतक यहां पुल का निर्माण नहीं कराया गया है.
कवर्धा: उफान पर सकरी नदी, पुल के उपर से बह रहा पानी, हाई अलर्ट पर जिला प्रशासन
उफनती नदी पार करने को मजबूर ग्रामीण
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार को बने दो साल होने जा रहे हैं, लेकिन जनप्रतिनिधियों ने अबतक यहां पुल निर्माण के लिए कोई पहल नहीं की है. करीब 50 गांव बारिश के दिनों में टापू में तब्दील हो जाते हैं. ग्रमीणों को हर साल बारिश के दिनों में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. रोजमर्रा के समान और हर छोटी बड़ी बीमारी होने पर जान जोखिम में डालकर, यहां के ग्रामीण नदी पार करते हैं. छोटे-छोटे बच्चों और महिलाओं को भी अपनी जान जोखिम में डालकर नदी पार करनी पड़ती है.