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अल्टीमेटम के साथ फिलहाल अनिश्चितकालीन धरना खत्म - villagers end the strike in kanker

कोयलीबेड़ा क्षेत्र में 103 गांव के ग्रामीण बीएसएफ कैंप खोले जाने का विरोध कर रहे थे. ग्रामीण इसे उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाने की साजिश बता रहे हैं. हालांकि ग्रामीणों ने अभी धरना खत्म कर दिया है, लेकिन सरकार को ग्रामीणों ने एक महीने का अल्टीमेटम दिया है.

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ग्रामीणों का अनिश्चितकालीन धरना खत्म
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Published : Dec 28, 2020, 4:25 PM IST

Updated : Dec 28, 2020, 4:55 PM IST

कांकेर: पखांजूर में 6 दिनों से अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे ग्रामीणों ने धरना खत्म कर दिया है. ग्राम पंचायत के ग्रामीणों ने 1 महीने का अल्टीमेटम देते हुए धरना-प्रदर्शन खत्म किया है.

किन करका घाट और तुमिर घाट में बीएसएफ कैम्प खोले जाने के विरोध में ग्रामीण धरने पर बैठे थे. ये धरना मांग पूरी नहीं होने तक अनिश्चितकालीन था. हालांकि ग्रामीणों ने सरकार को 1 महीने का अल्टीमेटम देते हुए फिलहाल धरना खत्म कर दिया. ग्रामीणों ने कहा कि यदि सुनवाई नहीं होती है तो वे एक महीने बाद फिर से धरना प्रदर्शन करेंगे.

पढ़ें: कांकेर: BSF कैंप के विरोध में हजारों ग्रामीणों का प्रदर्शन जारी, अब तक प्रशासन ने नहीं की प्रदर्शनकारियों से बात


इससे पहले भी करकाघाट और तुमराघाट में पांच दिन तक आंदोलन किया गया था. ग्रामीण राशन और बिस्तर के साथ अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे थे. ग्रामीणों की मांग थी कि करका घाट और तुमिर घाट में बीएसएफ कैंप हटाया जाए. मांग की अनदेखी करने पर कोयलीबेड़ा ब्लॉक के 103 ग्राम पंचायत के सरपंच, 25 जनपद सदस्य और 2 जिला पंचायत सदस्य सामूहिक रूप से इस्तीफा भी दिया था.

क्या कहते हैं ग्रामीण ?

ग्रामीणों का कहना है कि इस इलाके में उन्हें कैंप की आवश्यकता नहीं है. ग्रामीण कह रहे हैं कि यह जल, जंगल, जमीन को नुकसान पहुंचाने की साजिश है. कैंप बिठाकर लौह अयस्क निकालकर उनपर अत्याचार करने की साजिश है. उन्होंने आरोप लगाया कि यहां कैंप खोला गया है, ताकि सुरक्षा के साथ सरकार लौह अयस्क निकालकर उद्योगपतियों को बेच दे. ग्रामीणों का कहना है कि पहले भी दुर्गुकोंदल, रावघाट सहित अन्य जगहों पर लौह अयस्क खदान खोले गए हैं. जिसमें आम ग्रामीणों को कोई फायदा नहीं हो रहा है. केवल यहां के ग्रामीणों का शोषण किया जा रहा है.

राज्यपाल को सौंपा जा चुका है ज्ञापन

ग्रामीणों ने बीएसएफ कैंप खोले जाने की सूचना मिलने पर प्रतापतापुर में आंदोलन और रैली की थी. कैंप खोलने के विरोध में प्रशासन को ज्ञापन भी सौंपा गया था. इस संबंध में क्षेत्र के ग्रामीणों ने राज्यपाल को भी ज्ञापन सौंपकर इसका विरोध जताया था. जिसपर राज्यपाल ने जांच कराने बात कही थी.

कांकेर: पखांजूर में 6 दिनों से अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे ग्रामीणों ने धरना खत्म कर दिया है. ग्राम पंचायत के ग्रामीणों ने 1 महीने का अल्टीमेटम देते हुए धरना-प्रदर्शन खत्म किया है.

किन करका घाट और तुमिर घाट में बीएसएफ कैम्प खोले जाने के विरोध में ग्रामीण धरने पर बैठे थे. ये धरना मांग पूरी नहीं होने तक अनिश्चितकालीन था. हालांकि ग्रामीणों ने सरकार को 1 महीने का अल्टीमेटम देते हुए फिलहाल धरना खत्म कर दिया. ग्रामीणों ने कहा कि यदि सुनवाई नहीं होती है तो वे एक महीने बाद फिर से धरना प्रदर्शन करेंगे.

पढ़ें: कांकेर: BSF कैंप के विरोध में हजारों ग्रामीणों का प्रदर्शन जारी, अब तक प्रशासन ने नहीं की प्रदर्शनकारियों से बात


इससे पहले भी करकाघाट और तुमराघाट में पांच दिन तक आंदोलन किया गया था. ग्रामीण राशन और बिस्तर के साथ अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे थे. ग्रामीणों की मांग थी कि करका घाट और तुमिर घाट में बीएसएफ कैंप हटाया जाए. मांग की अनदेखी करने पर कोयलीबेड़ा ब्लॉक के 103 ग्राम पंचायत के सरपंच, 25 जनपद सदस्य और 2 जिला पंचायत सदस्य सामूहिक रूप से इस्तीफा भी दिया था.

क्या कहते हैं ग्रामीण ?

ग्रामीणों का कहना है कि इस इलाके में उन्हें कैंप की आवश्यकता नहीं है. ग्रामीण कह रहे हैं कि यह जल, जंगल, जमीन को नुकसान पहुंचाने की साजिश है. कैंप बिठाकर लौह अयस्क निकालकर उनपर अत्याचार करने की साजिश है. उन्होंने आरोप लगाया कि यहां कैंप खोला गया है, ताकि सुरक्षा के साथ सरकार लौह अयस्क निकालकर उद्योगपतियों को बेच दे. ग्रामीणों का कहना है कि पहले भी दुर्गुकोंदल, रावघाट सहित अन्य जगहों पर लौह अयस्क खदान खोले गए हैं. जिसमें आम ग्रामीणों को कोई फायदा नहीं हो रहा है. केवल यहां के ग्रामीणों का शोषण किया जा रहा है.

राज्यपाल को सौंपा जा चुका है ज्ञापन

ग्रामीणों ने बीएसएफ कैंप खोले जाने की सूचना मिलने पर प्रतापतापुर में आंदोलन और रैली की थी. कैंप खोलने के विरोध में प्रशासन को ज्ञापन भी सौंपा गया था. इस संबंध में क्षेत्र के ग्रामीणों ने राज्यपाल को भी ज्ञापन सौंपकर इसका विरोध जताया था. जिसपर राज्यपाल ने जांच कराने बात कही थी.

Last Updated : Dec 28, 2020, 4:55 PM IST
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