कांकेर: कांकेर जिले का कोयलीबेड़ा ब्लॉक नक्सल प्रभावित है. यहां बारिश के कारण मेंढकी नदी उफान पर है. लोग जान जोखिम में डालकर मेंढकी नदी पार कर रहे हैं. एक साथ कई ग्रामीण नदी पार करते नजर आ रहे हैं. यह बेहद खतरनाक साबित हो सकता है. उफनती नदी पर जिस तरह ग्रामीण अपनी जान जोखिम में डाल रहे हैं, उससे कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है. हैरत की बात ये है कि यहां प्रशासन ने सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं किए (Villagers crossing river risking their lives in Kanker ) हैं.
हर साल यही मजबूरी: मेंढकी नदी के दूसरे छोर पर लगभग 40 गांव बसे हैं. यहां के ग्रामीण हर साल बारिश में इसी तरह अपनी जान जोखिम में डालकर नदी पार करते हैं. ऐसा करना मानो जैसे इनकी आदत बन गई हो. इस नदी पर पुल की आधारशिला कई बार रखी जा चुकी है. लेकिन पुल का निर्माण अब तक नहीं हो सका है. प्रशासन के सुस्त रवैये का नतीजा है कि सैकड़ों ग्रामीण अपनी जान जोखिम में डालकर नदी पार करने को मजबूर हैं. दरअसल ग्रामीणों को हर जरूरी सामान या किसी जरूरी काम के लिए नदी पार कर दूसरे छोर पर जाना पड़ता है. बारिश के दिनों में जैसे ही मेंढकी नदी का जल स्तर बढ़ता है, ग्रामीणों की जान पर संकट मंडराने लगता है.
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बीएसएफ ने बचाई डूबते ग्रामीण की जान: कांकेर जिले में अंतागढ़-कोयलीबेड़ा मार्ग के बीच मेंढ़की नदी में एक डूबते व्यक्ति की जान बचाकर सीमा सुरक्षा बल के जवानों ने ग्रामीणों का दिल जीत लिया (BSF saved villagers life in Kanker) है. दरअसल, ग्राम बड़े जैतपुर निवासी अजब सिंह उसेंडी मछली पकड़ने मेंढकी नदी में उतरा था. लेकिन तेज बारिश के चलते अचानक नदी में आए तेज बहाव से बहकर मेढ़की नदी के पुल पर फंस गया. अजब सिंह को लगा था कि अब उसकी जान नहीं बच पाएगी. लेकिन आसपास के ग्रामीणों ने पास में बीएसएफ के जवानों की सीओबी (कंपोजिट ऑपरेटिंग बेस) में जवानों से मदद मांगी. जवानों ने तत्परता दिखाते हुए नदी में फंसे अजब सिंह को बचा लिया.