ETV Bharat / state

कांकेर में बेमौसम बरसात से किसानों की फसल बर्बाद - किसानों का फसल बर्बाद

कांकेर(Kanker) में बेमौसम बरसात (Unseasonal rain) के कारण किसानों (farmers) की फसल (Crop) पूरी तरह से बर्बाद हो चुकी है.अगर इन किसानों को मुआवजा (compensation to farmers) न मिला तो ये सड़क पर आ जाएंगे.

Unseasonal rain ruined the crop in Kanker
कांकेर में बिन मौसम की बरसात ने किया फसल बर्बाद
author img

By

Published : Nov 19, 2021, 4:10 PM IST

Updated : Nov 19, 2021, 6:57 PM IST

कांकेर: कांकेर (Kanker) जिले में बीते दिनों लगातार हुई बारिश (Unseasonal rain) से किसानों (farmers) की फसल (Crop) पूरी तरह से बर्बाद हो चुकी है.फसल खराब होने से किसान काफी चिंतित है. लेकिन इन किसानों के पास सर्वे करने के लिए अब तक कोई जिम्मेदार अधिकारी हाल पूछने तक नहीं पहुंचे हैं. परेशान कांकेर के ग्राम कोदागांव के किसानों ने बताया कि बीते दिन हुए बारिश की वजह से किसानों के पास रखा धान लगभग 25 से 50 प्रतिशत तक खराब हो गया है. धान खेतों में रखे-रखे अंकुरित हो चुका है. अब धान ना तो खाने योग्य है और ना ही बेचने योग्य बचा है.

बरसात ने किया किसानों का फसल बर्बाद

मुआवजे न मिलने पर होगा बड़ा नुकसान

किसानों ने बताया कि खराब हुए धान को छोड़कर बाकी धान को भी मंडी में बेचने के लिए ले जाते है तो वापस ना कर दे इसका डर बना हुआ है. किसानों ने यह भी बताया कि यदि प्रशासन द्वारा सर्वे नहीं किया गया और मुआवजा नहीं दिलाया गया तो हम सभी किसान बर्बाद (compensation to farmers) हो जाएंगे हैं क्योंकि उन्होंने कर्ज लेकर फसल लगाया था और फसल पूरी तरह से खराब हो चुका है. इससे उनका काफी नुकसान हुआ है. ऐसे में अगर मुआवजा नहीं मिलता है तो इन किसानों को खाने के लाले पड़ सकते हैं.

बेमौसम बारिश से सैकड़ों किसानों की खड़ी फसल हुई बर्बाद, सताने लगी कर्ज चुकाने की चिंता

मंडी में नहीं बिकेगा ऐसा धान

बताया जा रहा है कि बारिश के कारण धान के पूरे पौधे जमीन पर गिर गए हैं और उनकी चटाई बन गई है. जिसकी वजह से धान की बालियां पानी में डूब गई है. इसके कारण धान भी काले पड़ गए हैं. जिससे धान की गुणवत्ता में बहुत अंतर आया है. बताया जा रहा है कि मंडी में ऐसा धान बिक नहीं पाएगा. बारिश से कई गहराई में स्थित गभार खेतों में पानी भर गया है, जिससे बची-खुची फसल को समेटना भी मुश्किल हो गया है. इस पूरे क्षेत्र में फसलों को हुए नुकसान से किसान बेहद परेशान हैं. किसानों ने शासन प्रशासन से मुआवजे की मांग करते हुए कहा है कि असमय वर्षा से बरबाद हुए किसानों के समक्ष अब जीवन यापन का संकट खड़ा हो गया है और खेती के लिए जो कर्ज लिया है. उसकी चिंता है, ऐसे में किसानों को शासन से ही राहत की उम्मीद है.

चार लाख के लगभग क्षतिपूर्ति राशि का वितरण किया जाएगा

इस विषय में तसीलदार आनंद नेताम ने बताया कि बेमौसम बारिश से कांकेर में 85 लोगों को चार लाख के लगभग क्षतिपूर्ति राशि का वितरण किया जाएगा. वही,अंतागढ़ तहसील के किसानों को हुई फसल क्षति का मुआवजा वितरण शुरू हो गया है. तहसीलदार लोमश मिरी द्वारा पटवारी प्रतिवेदन के आधार पर सिंचित भूमि 13 हजार 500 रूपये एवं असिंचित भूमि 06 हजार 800 रूपये प्रति हेक्टेयर के मान से ग्राम सारंड़ी, ताड़ोकी एवं बोंदानार के 33 किसानों को आज 01 लाख 58 हजार रूपये का मुआवजा राशि का वितरण किया गया. उन्होंने बताया कि अंतागढ़ तहसील में लगभग 324 किसानों को 31 लाख 800 रूपये का फसल क्षति मुआवजा वितरित किया जायेगा.

कांकेर: कांकेर (Kanker) जिले में बीते दिनों लगातार हुई बारिश (Unseasonal rain) से किसानों (farmers) की फसल (Crop) पूरी तरह से बर्बाद हो चुकी है.फसल खराब होने से किसान काफी चिंतित है. लेकिन इन किसानों के पास सर्वे करने के लिए अब तक कोई जिम्मेदार अधिकारी हाल पूछने तक नहीं पहुंचे हैं. परेशान कांकेर के ग्राम कोदागांव के किसानों ने बताया कि बीते दिन हुए बारिश की वजह से किसानों के पास रखा धान लगभग 25 से 50 प्रतिशत तक खराब हो गया है. धान खेतों में रखे-रखे अंकुरित हो चुका है. अब धान ना तो खाने योग्य है और ना ही बेचने योग्य बचा है.

बरसात ने किया किसानों का फसल बर्बाद

मुआवजे न मिलने पर होगा बड़ा नुकसान

किसानों ने बताया कि खराब हुए धान को छोड़कर बाकी धान को भी मंडी में बेचने के लिए ले जाते है तो वापस ना कर दे इसका डर बना हुआ है. किसानों ने यह भी बताया कि यदि प्रशासन द्वारा सर्वे नहीं किया गया और मुआवजा नहीं दिलाया गया तो हम सभी किसान बर्बाद (compensation to farmers) हो जाएंगे हैं क्योंकि उन्होंने कर्ज लेकर फसल लगाया था और फसल पूरी तरह से खराब हो चुका है. इससे उनका काफी नुकसान हुआ है. ऐसे में अगर मुआवजा नहीं मिलता है तो इन किसानों को खाने के लाले पड़ सकते हैं.

बेमौसम बारिश से सैकड़ों किसानों की खड़ी फसल हुई बर्बाद, सताने लगी कर्ज चुकाने की चिंता

मंडी में नहीं बिकेगा ऐसा धान

बताया जा रहा है कि बारिश के कारण धान के पूरे पौधे जमीन पर गिर गए हैं और उनकी चटाई बन गई है. जिसकी वजह से धान की बालियां पानी में डूब गई है. इसके कारण धान भी काले पड़ गए हैं. जिससे धान की गुणवत्ता में बहुत अंतर आया है. बताया जा रहा है कि मंडी में ऐसा धान बिक नहीं पाएगा. बारिश से कई गहराई में स्थित गभार खेतों में पानी भर गया है, जिससे बची-खुची फसल को समेटना भी मुश्किल हो गया है. इस पूरे क्षेत्र में फसलों को हुए नुकसान से किसान बेहद परेशान हैं. किसानों ने शासन प्रशासन से मुआवजे की मांग करते हुए कहा है कि असमय वर्षा से बरबाद हुए किसानों के समक्ष अब जीवन यापन का संकट खड़ा हो गया है और खेती के लिए जो कर्ज लिया है. उसकी चिंता है, ऐसे में किसानों को शासन से ही राहत की उम्मीद है.

चार लाख के लगभग क्षतिपूर्ति राशि का वितरण किया जाएगा

इस विषय में तसीलदार आनंद नेताम ने बताया कि बेमौसम बारिश से कांकेर में 85 लोगों को चार लाख के लगभग क्षतिपूर्ति राशि का वितरण किया जाएगा. वही,अंतागढ़ तहसील के किसानों को हुई फसल क्षति का मुआवजा वितरण शुरू हो गया है. तहसीलदार लोमश मिरी द्वारा पटवारी प्रतिवेदन के आधार पर सिंचित भूमि 13 हजार 500 रूपये एवं असिंचित भूमि 06 हजार 800 रूपये प्रति हेक्टेयर के मान से ग्राम सारंड़ी, ताड़ोकी एवं बोंदानार के 33 किसानों को आज 01 लाख 58 हजार रूपये का मुआवजा राशि का वितरण किया गया. उन्होंने बताया कि अंतागढ़ तहसील में लगभग 324 किसानों को 31 लाख 800 रूपये का फसल क्षति मुआवजा वितरित किया जायेगा.

Last Updated : Nov 19, 2021, 6:57 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.