कांकेर: छत्तीसगढ़ सरकार के ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण के फैसले पर हाईकोर्ट से रोक पर याचिकाकर्ता के खिलाफ एसटी-एससी-ओबीसी संयुक्त मोर्चा ने बंद का एलान किया है. एसटी-एससी-ओबीसी संयुक्त मोर्चा ने याचिकाकर्ता के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए आज प्रदेश बंद का आह्वान किया था. जिसे व्यापारी वर्ग से समर्थन नहीं मिला है.
छत्तीसगढ़ बंद को लेकर दो दिन पहले ही छत्तीसगढ़िया सर्व समाज ने प्रेस नोट जारी कर बंद स्थगित की सूचना दी थी, लेकिन बीती रात पिछड़ा वर्ग कल्याण संघ ने बंद को यथावथ होने की सूचना जारी दी. जिसके बाद व्यपारियों ने बंद को समर्थन देने से इंकार कर दिया है. इसके बाद संयुक्त मोर्चा के लोग दिनभर शहर बंद कराने के लिए घूमते रहे, लेकिन व्यपारियों ने उनके बंद को समर्थन देने से मना कर दिया है.
दरअसल, छत्तीसगढ़िया सर्वसमाज ने अयोध्या मसले पर देश के हालात को देखते हुए बंद को स्थगित करने की जानकारी छत्तीसगढ़ चैंम्बर ऑफ कॉमर्स को दी गई थी, जिसके बाद व्यापारी बंद को स्थगित मानकर चल रहे थे, लेकिन बीती रात अचानक पिछड़ा वर्ग कल्याण संघ ने बंद को जारी रखने की बाद कही.
बंद स्थगित होने की मिली थी सूचना
शहर के व्यापारियों का कहना है कि उन्हें 11 नवंबर को बंद स्थगित होने की सूचना मिली थी,लेकिन फिर से बंद की सूचना उन्हें नहीं मिली, जिसके कारण उन्होंने दुकानें खुली रखी. व्यापारी विजय मोटवानी ने बताया कि बंद स्थगित होने की सूचना पर दुकानें आज सुबह खोल ली गई थी, जिसके बाद सुबह 11 बजे फिर बंद की बात कही गई, जिसके बाद दुकानें बंद करना संभव नहीं था.
यह तरीका गलत- चैंबर अध्यक्ष
चैम्बर ऑफ कॉमर्स के जिला अध्यक्ष दिलीप खटवानी ने कहा कि पहले बंद स्थगित की सूचना खुद छत्तीसगढ़िया सर्व समाज ने छत्तीसगढ़ चैम्बर ऑफ कॉमर्स को दी थी. अब अचानक फिर बंद को लेकर समर्थन मांगा जा रहा है यह तरीका गलत है. चैम्बर आज के बंद को समर्थन नहीं दे रहा है.