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छत्तीसगढ़ बंद को नहीं मिला समर्थन, दुकानें बंद कराने के लिए घूमते रहे लोग - व्यपारियो ने नही दिया समर्थन,

ओबीसी वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण के फैसले को हाईकोर्ट में रोक लगवाने वालों के खिलाफ आज एसटी, एससी और ओबीसी संयुक्त मोर्चा द्वारा महाबंद का एलान किया गया है, लेकिन व्यपारियों ने अब बन्द को समर्थन देने से इंकार कर दिया है. संयुक्त मोर्चा के लोग बन्द करवाने शहर में घूमते रहे लेकिन व्यपारियों ने दुकाने बन्द नहीं की.

छत्तीसगढ़ बंद को नहीं मिला समर्थन
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Published : Nov 13, 2019, 2:47 PM IST

Updated : Nov 13, 2019, 4:03 PM IST

कांकेर: छत्तीसगढ़ सरकार के ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण के फैसले पर हाईकोर्ट से रोक पर याचिकाकर्ता के खिलाफ एसटी-एससी-ओबीसी संयुक्त मोर्चा ने बंद का एलान किया है. एसटी-एससी-ओबीसी संयुक्त मोर्चा ने याचिकाकर्ता के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए आज प्रदेश बंद का आह्वान किया था. जिसे व्यापारी वर्ग से समर्थन नहीं मिला है.

छत्तीसगढ़ बंद को नहीं मिला समर्थन

छत्तीसगढ़ बंद को लेकर दो दिन पहले ही छत्तीसगढ़िया सर्व समाज ने प्रेस नोट जारी कर बंद स्थगित की सूचना दी थी, लेकिन बीती रात पिछड़ा वर्ग कल्याण संघ ने बंद को यथावथ होने की सूचना जारी दी. जिसके बाद व्यपारियों ने बंद को समर्थन देने से इंकार कर दिया है. इसके बाद संयुक्त मोर्चा के लोग दिनभर शहर बंद कराने के लिए घूमते रहे, लेकिन व्यपारियों ने उनके बंद को समर्थन देने से मना कर दिया है.

दरअसल, छत्तीसगढ़िया सर्वसमाज ने अयोध्या मसले पर देश के हालात को देखते हुए बंद को स्थगित करने की जानकारी छत्तीसगढ़ चैंम्बर ऑफ कॉमर्स को दी गई थी, जिसके बाद व्यापारी बंद को स्थगित मानकर चल रहे थे, लेकिन बीती रात अचानक पिछड़ा वर्ग कल्याण संघ ने बंद को जारी रखने की बाद कही.

बंद स्थगित होने की मिली थी सूचना
शहर के व्यापारियों का कहना है कि उन्हें 11 नवंबर को बंद स्थगित होने की सूचना मिली थी,लेकिन फिर से बंद की सूचना उन्हें नहीं मिली, जिसके कारण उन्होंने दुकानें खुली रखी. व्यापारी विजय मोटवानी ने बताया कि बंद स्थगित होने की सूचना पर दुकानें आज सुबह खोल ली गई थी, जिसके बाद सुबह 11 बजे फिर बंद की बात कही गई, जिसके बाद दुकानें बंद करना संभव नहीं था.

यह तरीका गलत- चैंबर अध्यक्ष
चैम्बर ऑफ कॉमर्स के जिला अध्यक्ष दिलीप खटवानी ने कहा कि पहले बंद स्थगित की सूचना खुद छत्तीसगढ़िया सर्व समाज ने छत्तीसगढ़ चैम्बर ऑफ कॉमर्स को दी थी. अब अचानक फिर बंद को लेकर समर्थन मांगा जा रहा है यह तरीका गलत है. चैम्बर आज के बंद को समर्थन नहीं दे रहा है.

कांकेर: छत्तीसगढ़ सरकार के ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण के फैसले पर हाईकोर्ट से रोक पर याचिकाकर्ता के खिलाफ एसटी-एससी-ओबीसी संयुक्त मोर्चा ने बंद का एलान किया है. एसटी-एससी-ओबीसी संयुक्त मोर्चा ने याचिकाकर्ता के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए आज प्रदेश बंद का आह्वान किया था. जिसे व्यापारी वर्ग से समर्थन नहीं मिला है.

छत्तीसगढ़ बंद को नहीं मिला समर्थन

छत्तीसगढ़ बंद को लेकर दो दिन पहले ही छत्तीसगढ़िया सर्व समाज ने प्रेस नोट जारी कर बंद स्थगित की सूचना दी थी, लेकिन बीती रात पिछड़ा वर्ग कल्याण संघ ने बंद को यथावथ होने की सूचना जारी दी. जिसके बाद व्यपारियों ने बंद को समर्थन देने से इंकार कर दिया है. इसके बाद संयुक्त मोर्चा के लोग दिनभर शहर बंद कराने के लिए घूमते रहे, लेकिन व्यपारियों ने उनके बंद को समर्थन देने से मना कर दिया है.

दरअसल, छत्तीसगढ़िया सर्वसमाज ने अयोध्या मसले पर देश के हालात को देखते हुए बंद को स्थगित करने की जानकारी छत्तीसगढ़ चैंम्बर ऑफ कॉमर्स को दी गई थी, जिसके बाद व्यापारी बंद को स्थगित मानकर चल रहे थे, लेकिन बीती रात अचानक पिछड़ा वर्ग कल्याण संघ ने बंद को जारी रखने की बाद कही.

बंद स्थगित होने की मिली थी सूचना
शहर के व्यापारियों का कहना है कि उन्हें 11 नवंबर को बंद स्थगित होने की सूचना मिली थी,लेकिन फिर से बंद की सूचना उन्हें नहीं मिली, जिसके कारण उन्होंने दुकानें खुली रखी. व्यापारी विजय मोटवानी ने बताया कि बंद स्थगित होने की सूचना पर दुकानें आज सुबह खोल ली गई थी, जिसके बाद सुबह 11 बजे फिर बंद की बात कही गई, जिसके बाद दुकानें बंद करना संभव नहीं था.

यह तरीका गलत- चैंबर अध्यक्ष
चैम्बर ऑफ कॉमर्स के जिला अध्यक्ष दिलीप खटवानी ने कहा कि पहले बंद स्थगित की सूचना खुद छत्तीसगढ़िया सर्व समाज ने छत्तीसगढ़ चैम्बर ऑफ कॉमर्स को दी थी. अब अचानक फिर बंद को लेकर समर्थन मांगा जा रहा है यह तरीका गलत है. चैम्बर आज के बंद को समर्थन नहीं दे रहा है.

Intro:कांकेर - प्रदेश सरकार के द्वारा ओबीसी वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण दिए जाने के फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती देकर इस पर रोक लगवाने वालो के खिलाफ आज एसटी एससी ओबीसी संयुक्त मोर्चा के द्वारा महाबंद का एलान किया गया था , लेकिन आंदोलनकारियों के खुद दो गुट में बंट जाने के कारण बंद विफल हो गया है । दो दिन पूर्व छत्तीसगढ़िया सर्व समाज के द्वारा प्रेस नोट जारी कर बन्द स्थगित होने की सूचना दी गई थी, जिसके बाद कल रात पिछड़ा वर्ग कल्याण संघ ने बन्द यथवाथ होने की सूचना जारी की लेकिन व्यपारियो ने अब बन्द को समर्थन देने से इंकार कर दिया है । संयुक्त मोर्चा के लोग बन्द करवाने शहर में घुमते रहे लेकिन व्यपारियो ने दुकाने बन्द नही की।


Body:27 प्रतिशत आरक्षण के खिलाफ कोर्ट जाने वाले लोगो को आरक्षण विरोधी बताकर पिछड़ा वर्ग कल्याण संघ ने संयुक्त मोर्चा के बैनर तले 13 नंवबर को बंद का एलान किया था ,लेकिन 11 नंवबर को छत्तीसगढ़िया सर्व समाज के द्वारा एक प्रेस नोट जारी किया गया था जिसमे अयोध्या मसले पर देश के हालात को देखते हुए बंद स्थगित करने की जानकारी प्रदेश चेम्बर ऑफ कॉमर्स को दी गई थी, जिसके बाद व्यपारी बंद को स्थगित मानकर चल रहे थे, कल देर रात अचानक पिछड़ा वर्ग कल्याण संघ ने बन्द के यथवात रखने को लेकर सूचना जारी कर दी और आज सुबह से दुकान बंद करवाने निकल पड़े जिसे व्यापारियों ने समर्थन देने से इंकार कर दिया है ।

हमे बन्द स्थगित होने की सूचना मिली थी
शहर के व्यपारीयो का कहना है कि उन्हें 11 नवम्बर को बंद स्थगित होने की सूचना मिली थी दुबारा बंद की सूचना उन्हें नही मिली, व्यपारी विजय मोटवानी ने बताया कि बन्द स्थगित होने की सूचना पर दुकानें आज सुबह खोल ली गई थी सब 11 बजे फिर बन्द करने को कहा जा रहा है जो कि अब संभव नही है ।


Conclusion:यह तरीका गलत - अध्यक्ष चेम्बर
चेम्बर ऑफ कॉमर्स के जिला अध्यक्ष दिलीप खटवानी ने कहा कि पहले बंद स्थगित की सूचना खुद छत्तीसगढ़िया सर्व समाज के द्वारा प्रदेश चेम्बर ऑफ कॉमर्स को दी गई थी अब अचानक फिर बंद को लेकर समर्थन मांगा जा रहा है यह तरीका गलत है, चेम्बर बन्द को समर्थन नही देगा ।

विजय मोटवानी व्यपारी, चश्मा पहने हुए पीले शर्ट में

दिलीप खटवानी , बाजू में और लोग भी खड़े है ।
Last Updated : Nov 13, 2019, 4:03 PM IST
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