कांकेर : वन अमले के लिए आफत बन चुके बाघ की आहट दुर्ग और बालोद जिले के बाद अब कांकेर जिले में पहुंच चुकी है. जिले के चारामा ब्लॉक के मैनखेड़ा और भोथागाव के बीच जंगलो में बाघ के पदचिन्ह मिले हैं. वन विभाग ने इसकी पुष्टि कर दी है . जिसके बाद से अब इलाके में दहशत का माहौल है.
दुर्ग और बालोद जिले में कई दिनों तक दहशत का पर्याय बने बाघ के जिले की सीमा में घुसने की खबर से वन विभाग में हड़कंप मचा हुआ है. वन विभाग ने ग्रामीणों को अकेले जंगल की ओर नहीं जाने की चेतवानी जारी की है .बताया जा रहा है, कि मैनखेड़ा और भोथागांव के बीच जंगलो में किसी जानवर के पैरों के निशान देखे जाने के बाद बालोद जिले की डीएफओ खुद मौके पर पहुंचे और इस निशान को बाघ के पैरों का निशान बताया.
दूसरे जिले से आया है बाघ
बता दें कि बालोद की सीमा कांकेर जिले से लगी हुई है. ऐसे में अंदाजा लगाया जा रहा है कि यह वही बाघ है जो काफी दिनों से बालोद जिले के जंगलो में घूम रहा था. बता दें कि कांकेर वन परिक्षेत्र में बाघ नहीं हैं ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि यह बाघ दूसरे क्षेत्र से भटक कर आया है .