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गणित सिखाने के लिए शिक्षकों ने अपनाया ऐसा फॉर्मूला, जिससे ज्ञान लेने के साथ-साथ कमाई कर रहे नौनिहाल - छात्र

कांकेर: हेटारकसा गांव की प्राथमिक स्कूल के शिक्षकों ने यहां पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को हिसाब-किताब सिखाने के लिए जो तरीका आजमाया है वो बेहद की अनोखा और काबिल-ए-तारीफ है.

ज्ञान के लिए शिक्षक ने अपनाया यह फॉर्मूला
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Published : Feb 8, 2019, 10:00 PM IST

शिक्षकों ने स्कूल में बढ़ने वाले बच्चों को सब्जियां और नाश्ता मुहैया कराकर दुकान लगवाई और उन्हें इसकी खरीद की कीमत बता दिया. इसके बाद शिक्षक खुद छात्र-छात्राओं के परिजन के साथ ग्राहक बन दुकान में पहुंचे और छात्रों से सामान खरीदा.

प्रॉफिट जोड़कर बेचा सामान
जब छात्रों को खरीद कीमत पता थी, तो जाहिर है उन्होंने इसमें अपना फायदा जोड़कर सामान बेचा और इसी तरीके से छात्र-छात्राओं ने प्रॉफिट एंड लॉस का फॉर्मूला सीखा.

देंखे वीडियो
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आसानी से समझ आया फॉर्मूला
शिक्षकों का कहना है कि, बच्चे जब सामान बेचेंगे और उसके उन्हें आमदनी होगी, इसके उन्हें लाभ-घाटा, आय-व्यय से जुड़ा फैक्ट आसानी से समझ आ जाएगा.

प्रेक्टिकल करके पढ़ाया पाठ
इस स्कूल के शिक्षकों ने किताबी ज्ञान की जगह प्रेक्टिकल करके गणित सिखाने का जो फॉर्मूला निकाला है, उसकी जितनी तारीफ की जाए वो कम है.


शिक्षकों ने स्कूल में बढ़ने वाले बच्चों को सब्जियां और नाश्ता मुहैया कराकर दुकान लगवाई और उन्हें इसकी खरीद की कीमत बता दिया. इसके बाद शिक्षक खुद छात्र-छात्राओं के परिजन के साथ ग्राहक बन दुकान में पहुंचे और छात्रों से सामान खरीदा.

प्रॉफिट जोड़कर बेचा सामान
जब छात्रों को खरीद कीमत पता थी, तो जाहिर है उन्होंने इसमें अपना फायदा जोड़कर सामान बेचा और इसी तरीके से छात्र-छात्राओं ने प्रॉफिट एंड लॉस का फॉर्मूला सीखा.

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आसानी से समझ आया फॉर्मूला
शिक्षकों का कहना है कि, बच्चे जब सामान बेचेंगे और उसके उन्हें आमदनी होगी, इसके उन्हें लाभ-घाटा, आय-व्यय से जुड़ा फैक्ट आसानी से समझ आ जाएगा.

प्रेक्टिकल करके पढ़ाया पाठ
इस स्कूल के शिक्षकों ने किताबी ज्ञान की जगह प्रेक्टिकल करके गणित सिखाने का जो फॉर्मूला निकाला है, उसकी जितनी तारीफ की जाए वो कम है.


Intro:डीएफओ के रवैये से नाराज वन कर्मियीं ने घेरा दफ्तर...

सुकमा. मैदानी अमला और कार्यालयीन कर्मचारियों के प्रति रवैया अलग-अलग होने और वन कर्मचारियों की मांगो को लगातार नजरन्दाज किये जाने से नाराज वन कर्मचारियीं ने बुधवार को वन मंडल अधिकारी कृष्ण कुमार बढ़ाई के खिलाफ मोर्चा खोल दिया।

डीएफओ को तानाशाह रवैया और मनमानी का आरोप लगाते हुए छत्तीसगढ़ कर्मचारी संघ के बैनर तले कमर्चारियों ने रैली निकाली। वन काष्ठागार से कर्मचारियों ने रैली का आयोजन किया। जो नगर के मुख्य मार्ग से होते हुए डीएफओ दफ्तर पहुचा। यहां कार्यालय का घेराव करते हुए डीएफओ के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। 8 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन सुकमा एसडीओ को सौंपते हुए 18 फरवरी से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का ऐलान कर दिया।

मैदानी कर्मचारियों के प्रति डीएफओ का रवैया ठीक नही...
छग वन कर्मचारियों संघ के संभागीय अध्यक्ष मोहम्मद सलीम ने कहा कि डीएफओ केआर बढ़ाई का मैदानी और कार्यालयीन कर्मचारियों के प्रति अलग-अलग व्यवहार रहता है। वहीं कर्मचारियों की जायज मांगो को वनमंडल अधिकारी लगातार नजरअंदाज किया जा रहा है।

नियम विरूद्ध कर्मचारियों का स्थानान्तरण...
छग वन कर्मचारियों संघ के प्रांतीय अध्यक्ष अमित झा ने कहा कि डीएफओ केआर बढ़ाई द्वारा नियम विरुद्ध और द्वेषभावना से प्रेरित होकर कर्मचारियों का स्थानांतरण किया जा रहा है जबकि ट्रांसफर के लिए प्रधान वन संरक्षक रायपुर की अनुशंसा जरूरी है। सुकमा वनमंडल में भारी भर्रासायी है। अपनी निजी स्वार्थ की पूर्ति के लिए वन कर्मचारियों का स्थानंतरण किया जा रहा है।

ड्यूटी करने के बाद भी वेतन कटौती की जा रही...
छग वन कर्मचारियों संघ के सुकमा जिला अध्यक्ष एसएल एडला ने कहा कि विगत एक वर्ष से वनमंडल अधिकारी द्वारा तानाशाह रवैया अपनाया जा रहा है। ड्यूटी करने के बाद भी कर्मचारियों को अनुपस्थित बताते हुए वेतन की कटौति की जा रही है। अनिल कुमार तेता और माड़वी नंदा को नियम विरुद्ध निलंबित कर बहाल किया गया है। उक्त दोनों कर्मचारियों के निलंबन अवधि का वेतन पारित नही किया गया है।





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