कांकेर: सेना का जवान के सेवानिवृत होकर वापस गांव लौटने पर पूरा गांव जवान के स्वागत के लिए उमड़ पड़ा. बैंड बाजे के साथ फूल माला पहनाकर स्वागत किया गया. गांव में छोटे बच्चे फौजियों के ड्रेस में परेड करते हुए दिखाई दिए. जिले के नरहरपुर विकासखंड के ग्राम मुसुरपुट्टा में सेवानिवृत्त होकर लौटने वाले कर्मचारियों के स्वागत अभिनंदन की परंपरा है. वहीं रिटायर होने वाला कोई फौज का जवान हो तो ग्रामीणों का उत्साह और स्वागत देखने योग्य होता है.
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ऐसा ही नजारा सोमवार को ग्राम मुसुरपुट्टा में देखने को मिला. जब सेवानिवृत्त होने के बाद फौजी दिनेश कुमार सार्वा अपने गृहग्राम मुसुरपुट्टा पहुंचे तो ग्रामीणों और अधिकारी कर्मचारी प्रकोष्ठ ने विशेष रूप से स्वागत किया. गांव में यह तीसरा अवसर है जब रिटायरमेंट के बाद किसी व्यक्ति का इस अंदाज में स्वागत किया गया है. इससे पूर्व भीखम साहू जी पूर्व सैनिक, राजेश सुरोजिया पूर्व सैनिक और दीनानाथ नेताम भूतपूर्व प्रधानपाठक का इसी तरह भव्य स्वागत किया गया था.
रिटायर्ड सैनिक दिनेश सर्वा बताया कि वह अपने माता- पिता के इकलौते पुत्र होने के बाद भी देश सेवा के लिए सेना में जाना तय किया था. 17 साल तक देश के अलग-अलग राज्यों की सीमाओं पर तैनात रहते हुए कठिन परिस्थितियों में देश की सेवा की. जवान अब गांव में रहकर ही आने वाले युवा पीढ़ी के प्रेरणास्त्रोत बनकर युवाओं को सेना में जाने के लिए मार्गदर्शन प्रदान करेंगे.
ग्राम मुसुरपुट्टा में कर्मचारियों के सेवानिवृत्त होकर लौटने पर उनके स्वागत की परंपरा है. गांव के युवक अरविंद भारती बताते हैं कि ग्रामवासियों और अधिकारी कर्मचारी प्रकोष्ठ के द्वारा यह परंपरा शुरू की गई थी. अभी वर्तमान में लगभग 15 लोग पुलिस, सैनिक और अर्धसैनिक बल में सेवारत हैं. सभी कर्मचारियों का सेवानिवृत्त होकर गांव लौटने पर स्वागत किया जाता है. लेकिन जब कोई जवान फौज से सेवानिवृत्त होकर आता है, तो उत्साह दोगुना हो जाता है.