कांकेर : सहारा इंडिया में काम कर रहे एजेंटों ने कंपनी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. एजेंटों ने कंपनी पर जमाकर्ताओं के पैसे नही लौटाने और गुमराह करने का आरोप लगाया है. साथ ही प्रशासन से मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की है.
एजेंटों ने बताया कि 'ग्राहकों के रुपए वापस नहीं होने के कारण कई एजेंट के साथ मारपीट की घटना हो चुकी है, जिसकी वजह से उनका घर से निकलना मुश्किल हो गया है'.
सेबी ने दिया था ग्राहकों के रुपए लौटाने के आदेश
बता दें कि जिले में लगभग 20 साल से सहारा इंडिया के लिए काम कर रहे इन एजेंटों ने हजारों लोगों के रुपए सहारा इंडिया में निवेश करवाए थे. इस बीच कपंनी के रुपए जुटाने के इस तरीके को गलत बताते हुए बाजार नियामक सेबी ने सहारा को ग्राहकों का पैसे लौटाने के आदेश दिए थे, जिसके बाद यह विवाद सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था.
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गोल-मोल जवाब देते हैं अधिकारी
एजेंटों का कहना है कि 'जब सहारा समूह के वरिष्ठ पदों पर बैठे लोगों से ग्राहकों के रुपए लौटाने की बात की जाती है, तो सुप्रीम कोर्ट के प्रतिबंध लगाए जाने की बात कहकर गोल-मोल जवाब देते हैं जबकि सुप्रीम कोर्ट ने सहारा रियल स्टेट कॉर्पोरेशन लिमिटेड और सहारा हाउसिंग कॉर्पोरेशन पर प्रतिबंध लगाया है. ग्राहकों के खाते सहारा क्रेडिट ऑपरेटिव सोसायटी लिमिटेड के तहत खोले गए हैं, जिसका प्रतिबंध से कोई लेना देना नहीं है'.