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सहारा एजेंटों ने कंपनी के खिलाफ फूंका बिगुल, प्रशासन से की हस्तक्षेप की मांग - कांकेर

सहारा इंडिया में कार्यरत एजेंटों ने हजारों लोगों से रुपए कंपनी में निवेश करवाए थे. सेबी ने रुपए जुटाने के तरीके को गलत करार देते हुए ग्राहकों को रुपए लौटाने को कहा था.

सहारा एजेंटों ने कंपनी के खिलाफ खोला मोर्चा
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Published : Oct 16, 2019, 9:27 AM IST

Updated : Oct 16, 2019, 11:16 AM IST

कांकेर : सहारा इंडिया में काम कर रहे एजेंटों ने कंपनी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. एजेंटों ने कंपनी पर जमाकर्ताओं के पैसे नही लौटाने और गुमराह करने का आरोप लगाया है. साथ ही प्रशासन से मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की है.

सहारा एजेंटों ने कंपनी के खिलाफ फूंका बिगुल

एजेंटों ने बताया कि 'ग्राहकों के रुपए वापस नहीं होने के कारण कई एजेंट के साथ मारपीट की घटना हो चुकी है, जिसकी वजह से उनका घर से निकलना मुश्किल हो गया है'.

सेबी ने दिया था ग्राहकों के रुपए लौटाने के आदेश

बता दें कि जिले में लगभग 20 साल से सहारा इंडिया के लिए काम कर रहे इन एजेंटों ने हजारों लोगों के रुपए सहारा इंडिया में निवेश करवाए थे. इस बीच कपंनी के रुपए जुटाने के इस तरीके को गलत बताते हुए बाजार नियामक सेबी ने सहारा को ग्राहकों का पैसे लौटाने के आदेश दिए थे, जिसके बाद यह विवाद सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था.

पढ़ें :SPECIAL: नौकरी छोड़ शुरू की खेती, लाखों रुपए कमा रही है ये बेटी

गोल-मोल जवाब देते हैं अधिकारी

एजेंटों का कहना है कि 'जब सहारा समूह के वरिष्ठ पदों पर बैठे लोगों से ग्राहकों के रुपए लौटाने की बात की जाती है, तो सुप्रीम कोर्ट के प्रतिबंध लगाए जाने की बात कहकर गोल-मोल जवाब देते हैं जबकि सुप्रीम कोर्ट ने सहारा रियल स्टेट कॉर्पोरेशन लिमिटेड और सहारा हाउसिंग कॉर्पोरेशन पर प्रतिबंध लगाया है. ग्राहकों के खाते सहारा क्रेडिट ऑपरेटिव सोसायटी लिमिटेड के तहत खोले गए हैं, जिसका प्रतिबंध से कोई लेना देना नहीं है'.

कांकेर : सहारा इंडिया में काम कर रहे एजेंटों ने कंपनी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. एजेंटों ने कंपनी पर जमाकर्ताओं के पैसे नही लौटाने और गुमराह करने का आरोप लगाया है. साथ ही प्रशासन से मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की है.

सहारा एजेंटों ने कंपनी के खिलाफ फूंका बिगुल

एजेंटों ने बताया कि 'ग्राहकों के रुपए वापस नहीं होने के कारण कई एजेंट के साथ मारपीट की घटना हो चुकी है, जिसकी वजह से उनका घर से निकलना मुश्किल हो गया है'.

सेबी ने दिया था ग्राहकों के रुपए लौटाने के आदेश

बता दें कि जिले में लगभग 20 साल से सहारा इंडिया के लिए काम कर रहे इन एजेंटों ने हजारों लोगों के रुपए सहारा इंडिया में निवेश करवाए थे. इस बीच कपंनी के रुपए जुटाने के इस तरीके को गलत बताते हुए बाजार नियामक सेबी ने सहारा को ग्राहकों का पैसे लौटाने के आदेश दिए थे, जिसके बाद यह विवाद सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था.

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गोल-मोल जवाब देते हैं अधिकारी

एजेंटों का कहना है कि 'जब सहारा समूह के वरिष्ठ पदों पर बैठे लोगों से ग्राहकों के रुपए लौटाने की बात की जाती है, तो सुप्रीम कोर्ट के प्रतिबंध लगाए जाने की बात कहकर गोल-मोल जवाब देते हैं जबकि सुप्रीम कोर्ट ने सहारा रियल स्टेट कॉर्पोरेशन लिमिटेड और सहारा हाउसिंग कॉर्पोरेशन पर प्रतिबंध लगाया है. ग्राहकों के खाते सहारा क्रेडिट ऑपरेटिव सोसायटी लिमिटेड के तहत खोले गए हैं, जिसका प्रतिबंध से कोई लेना देना नहीं है'.

Intro:कांकेर - सहारा इंडिया कम्पनी में कार्य कर रहे एजेंटों ने अब कंपनी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है , एजेंटों ने कंपनी पर जमाकर्ताओं के पैसे नही लौटने और गुमराह करने का आरोप लगते हुए प्रशासन से मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की है। एजेंटों ने अपनी पीड़ा जाहिर करते हुए बताया है कि ग्राहकों का पैसा नही वापस होने के कारण कई एजेन्ट के साथ मारपीट जैसी घटना घट चुकी है, जिससे अब एजेंटों का घर से निकलना मुश्किल हो गया है ।


Body:जिले में लगभग 20 सालो से सहारा इंडिया कम्पनी के कार्य कर रहे इन एजेंटों ने हजारों लोगों के पैसे सहारा इंडिया कंपनी में निवेश करवाये थे, इस बीच सहारा इंडिया कम्पनी के पैसे जुटाने के इस तरीके को गलत बताते हुए बाज़ार नियामक सेबी ने सहारा को ग्राहकों का पैसा लौटने को कहा था , जिसके बाद यह विवाद सुप्रीम कोर्ट में था , एजेंटों का कहना है कि जब सहारा समूह के वरिष्ठ पदों पर बैठे लोगों से ग्राहकों का पैसा लौटने की बात की जाती है तो सुप्रीम कोर्ट द्वारा प्रतिबंध लागये जाने की बात कहकर गोलमोल जवाब दिया जाता है, जबकि सुप्रीम कोर्ट ने सहारा रियल स्टेट कारपोरेशन लिमिटेड और सहारा हाउसिंग कारपोरेशन में प्रतिबंध लगाया है जबकि ग्राहकों के खाते सहारा क्रेडिट ऑपरेटिव सोसायटी लिमिटेड तहत खोले गए है जिसका प्रतिबंध से कोई लेना देना नही है ।

पैसे नही तो कैसे लांच की बाइक
एजेंटो का कहना है कि सहारा समूह के पास यदि पैसे नही है तो उनके द्वारा हाल ही में बैटरी से चलने वाले बाइक कैसे और कहा के पैसे से लांच की है, एजेंटो ने कहा कि सहारा की नीयत साफ नही है, इसलिए वह पैसे नही लौटा रहा है, जिसके चलते अब वो प्रशासन और पुलिस के पास न्याय की गुहार लगाने पहुचे है ।


Conclusion:घर से निकलना हुआ मुश्किल
एजेंटो की स्तिथि यह है कि उनका घर से निकलना मुश्किल हो गया है, ग्राहकों के द्वारा उन्हें अपने पैसे के लिए रोजाना परेशान किया जा रहा है, कुछ एजेन्ट के साथ मारपीट भी हुई है । जिससे एजेंट मानसिक रूप से परेशान है और मामले में हस्तक्षेप कर न्याय दिलाने की मांग प्रशासन से की है।

बाइट- सुनील तिवारी एजेंट सहारा

भावेश शांडिल्य एजेंट सहारा
Last Updated : Oct 16, 2019, 11:16 AM IST
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