कांकेर: पंचायत सचिवों और रोजगार सहायकों की हड़ताल जारी है. छत्तीसगढ़ के सभी जिलों में सोमवार को सचिव और रोजगार सहायकों ने भैंस के आगे बीन बजाकर विरोध दर्ज कराया. लेकिन कांकेर में भैंस ना मिलने की वजह से आंदोलन कर रहे कर्मचारी बीन बजाने से वंचित हो गए. आंदोलनकारियों ने कहा कि भैंस की प्रजाति जिले में से विलुप्त हो रही है और जिनके यहां भैंस बची हुई है. वे लोग भैंस देने से कतराते रहे. जिसकी वजह से सभी आंदोलनकारी भैंस के आगे बीन नहीं बजा पाये.
शासकीयकरण की मांग कर रहे पंचायत सचिव संघ को हड़ताल में बैठे सोमवार को 17 दिन बीत चुके हैं. लेकिन प्रदेश सरकार इनकी मांगों पर ध्यान नहीं दे रही है. वहीं नियमितिकरण की मांग कर रहे रोजगार सहायकों के आंदोलन को 13 दिन हो गए हैं.
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मंगलवार को भूख हड़ताल पर जायेंगे कर्मचारी
आंदोलनकारियों ने बताया कि प्रदर्शन अच्छे तरीके से नहीं हो पाया, इसका खेद है. लेकिन मंगलवार से प्रदेश सरकार को झुकाने के लिए क्रमिक भूख हड़ताल पर जा रहे हैं. जिसके तहत सचिवों की तरह संजय पटेल और मनीषा साहू भूख हड़ताल में रहेंगी. इसी तरह रोजगार सहायकों में जितेन्द्र नायक, दोलेश जैन, प्रदीप जैन, उषा साहू, शशि धनेलिया, कोसला कावड़े भूख हड़ताल में रहेंगी.