कांकेर: सत्ता बदली, चेहरे बदले, लेकिन हालात आज तक वैसे के वैसे हैं. कांकेर में कई विकासखंड आज भी ऐसे हैं, जहां आम जनता मूलभूत सुविधाओं से वंचित है. पखांजूर तहसील के ग्राम कंदाड़ी पंचायत से ऐसी तस्वीर सामने आई, जिसने सारे सरकारी दावों की पोल खोलकर रख दी है. इन इलाकों में जनता के लिए भले ही कई योजना लागू की गई हो, लेकिन शासन-प्रशासन की लापरवाही आए दिन देखने को मिल जाती है. प्रशासन स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर कई दावे करती है, लेकिन इन इलाकों ने स्वास्थ्य सुविधाओं का ही सबसे बुरा हाल है.
मंगलवार को कंदारी गांव में एक महिला को प्रसव पीड़ा हुई, लेकिन एंबुलेंस की सुविधा नहीं मिल सकी. महिला को कोटरी नदी पार करके बांदे अस्पताल लाना था, नदी पर पुल नहीं होने के कारण एंबुलेंस नदी के उस पार नहीं जा सकती थी. ग्रामीणों ने गर्भवति महिला को खाट पर लाद कर नदी पार कराया. इस दौरान 102 एंबुलेंस के कर्मचारियों की लापरवाही भी देखने को मिली. 102 एंबुलेंस को 4 बार फोन लगाया गया लेकिन कोई जवाब नहीं आया, 2 घंटे के इंतजार के बाद एंबुलेंस मौके पर पहुंची. तब जाकर महिला को अस्पताल पहुंचाया जा सका.
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ग्रामीणों ने की अस्पताल और पुल निर्माण की मांग
पखांजूर के परलकोट क्षेत्र में कई ऐसे गांव है जहां स्वास्थ्य कर्मी पहुंचते ही नहीं. ग्रामीणों का कहना है कि उनका गांव जिला मुख्यालय से करीब 45 से 50 किलोमीटर दूर है. वहीं बांदे अस्पताल के लिए 40 किलोमीटर के दूरी तय करनी पड़ती है. बारिश के समय हालात और भी बदतर हो जाते हैं, मरीजों को नाव के सहारे नदी पार करनी पड़ती है. रात के समय नाव की सुविधा भी नहीं मिल पाती है. ग्रामीणों ने गांव में ही अस्पताल खोले जाने और नदी पर जल्द से जल्द पुल बनाने की मांग सरकार से की है.