कांकेर : कांकेर के आमाबेड़ा के जंगल में पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ की खबर है. डीआरजी और बीएसएफ के जवान एरिया डोमिनेशन के लिए निकले थे. तभी नक्सलियों ने जवानों पर हमला बोल दिया. जवाबी कार्रवाई में जवान नक्सलियों पर भारी पड़े.जवानों को खुद के ऊपर भारी पड़ता देख नक्सलियों ने मैदान छोड़कर भागने में ही भलाई समझी.इसके बाद नक्सली जंगल का फायदा उठाकर भाग खड़े हुए.
जवानों ने बरामद की नक्सल सामग्री : वहीं जवान अब भी जंगल के अंदर सर्च ऑपरेशन चला रहे हैं. इस मुठभेड़ की पुष्टि एसपी दिव्यांग पटेल ने की है. एसपी दिव्यांग पटेल ने बताया कि मुठभेड़ के बाद जवान जंगल के अंदर ही हैं.जवानों ने भारी मात्रा में नक्सल सामग्री जब्त की है.अभी तक किसी नक्सली का शव बरामद नही हुआ है।
बड़ी नक्सली साजिश नाकाम : गुरुवार को भी नक्सलियों ने बड़ी घटना को अंजाम देने की साजिश की थी. लेकिन पुलिस और सुरक्षा बलों की मुस्तैदी के कारण एक बड़ी अनहोनी टल गई.रेलवे ट्रेक को नुकसान पहुंचाने के लिए नक्सलियों ने आईईडी प्लांट कर रखा था. लेकिन वक्त रहते ही सुरक्षा बलों की इसकी जानकारी लग गई. जिला पुलिस बल और एसएसबी के जवानों ने आईईडी बरामद कर उसे निष्क्रिय कर दिया था.सुरक्षाबलों की मुस्तैदी के कारण नक्सलियों के नापाक मंसूबों पर पानी फिर गया था.
आईईडी और कुकर बम किए डिफ्यूज : सोमवार को डीआरजी और बस्तर फाइटर के जवान घोर नक्सल प्रभावित कोयलीबेड़ा ब्लॉक के उलिया और माड़ पखांजूर इलाके में नक्सल गश्त सर्चिंग पर निकले थे. जवान इलाके की सर्चिंग कर रहे थे तभी जवानों की नजर नक्सलियों के प्लांट किए गए आईईडी पर पड़ी. नक्सलियों ने यहां 3 पाइप बम और 2 कुकर बम लगा रखा था. जवानों ने इसे बरामद कर इसे मौके पर ही डिफ्यूज किया.आपको बता दें कि कांकेर जिला नक्सल प्रभावित इलाका है. यहां बढ़ती नक्सल गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए जवान लगातार जंगलों की खाक छान रहे हैं.
चुनाव के दौरान भी हिंसा फैलाने की कोशिश :छत्तीसगढ़ में चुनावी साल में दहशत फैलाने के लिए नक्सली लगातार अपनी मौजूदगी दर्ज करा रहे हैं. नक्सली बस्तर में जगह-जगह आईईडी प्लांट कर रखे हैं. चुनाव से पहले नक्सलियों ने वोटर्स को पर्चे फेंककर धमकाने की भी कोशिश की.वहीं चुनाव के दौरान कई जगहों पर हत्याओं को भी अंजाम दिया. ताकि विधानसभा चुनाव का पहला और दूसरा चरण प्रभावित हो.लेकिन सुरक्षा बलों की मुस्तैदी के आगे नक्सलियों की एक ना चली.