कांकेर: कोरोना संक्रमण की वजह से पूरी दुनिया मुश्किल दौर से गुजर रही है. ऐसे में एक ओर जहां अस्पतालों में डॉक्टर्स कोरोना के खिलाफ जंग लड़ रहे हैं, तो वहीं दूसरी तरफ सड़कों पर पुलिस के जवान लोगों को लॉकडाउन के प्रति जागरूक करने में लगे हैं. इसके साथ ही वे बेसहारा लोगों को सहारा के साथ ही कोरोना के संदिग्धों पर निगरानी भी रख रहे हैं. इस संकट की घड़ी में पुलिस के परिवार वाले भी कोरोना के खिलाफ जंग में उनका भरपूर सहयोग दे रहे हैं.
कोरोना का संक्रमण समाज में जैसे-जैसे बढ़ता जा रहा है, वैसे-वैसे मार्केट में मास्क की कमी भी बढ़ती गई, हालात ऐसे हो गए कि लोगों को बाजार में भी मास्क मिलना बंद हो गए, जिससे लोगों को समस्याएं होने लगी. अगर कहीं मिल भी रहा था, तो गरीब तबके के लोग उसे खरीद नहीं पा रहे थे, जिसे देखते हुए पुलिस जवानों के परिजनों ने कोरोना के खिलाफ जंग छेड़ दिया. पुलिस परिवार की महिलाएं बेसहारों और गरीबों के लिए नि:शुल्क मास्क बना रही हैं, जिससे कोरोना के खिलाफ जो युद्ध चल रहा है, उस युध्द को जीता जा सके.
नक्सल प्रभावित इलाकों में भी पहुंचा मास्क
रक्षित केंद्र प्रभारी मोहसीन खान ने बताया कि पुलिस परिवार की महिलाएं अपने घरेलू कार्य से समय निकालकर रोजाना मास्क तैयार करने में जुटी हुई हैं. ये महिलाएं अभी तक 1 हजार मास्क तैयार कर चुकी हैं, जिसमें से 800 मास्क बांटे भी जा चुके हैं. साथ ही जिले के नक्सल प्रभावित इलाकों के कैंप में तैनात जवानों को भी मास्क उपलब्ध करवाया गया है. इसके अलावा गरीब और बेसहारों को भी मास्क पहुंचाए जा रहे हैं.
हर कोई लड़ रहा कोरोना से जंग
इस संकट की घड़ी में हर कोई जंग लड़ रहा है. छोटे से लेकर बड़े तक अपना फर्ज बखूबी निभा रहे हैं, चाहे वो पुलिस कर्मी हों या डॉक्टर, सब कोरोना के खिलाफ युध्द लड़ रहे हैं, जिससे एक दिन हर इंसान कोरोना से जंग जीतकर खुली हवा में सांस ले सकें.