कांकेर : शहर से सटे गढ़िया पहाड़ को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने प्रशासन ने यहां सड़कें बनवाने का फैसला किया था. तीन साल में यहां सड़कें बनकर तैयार भी हो गई हैं, लेकिन इस सड़क की वजह से जनकपुर वार्ड के कई परिवार बारिश के मौसम में दहशत में जीने को मजबूर हैं. सड़क बनाने के चट्टान तो काटी गई, लेकिन इसके बड़े-बड़े टुकड़े अब तक नहीं हटाए गए हैं, जिससे कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है.
दरअसल, गढ़िया पहाड़ में स्थित मंदिरों और सोनाई रोपाई तालाब का इतिहास लोगों को आकर्षित करता है, जिसके चलते इसे पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जा रहा है. गढ़िया पहाड़ पर तकरीबन 7 करोड़ की लागत से बड़ी-बड़ी चट्टानों को काटकर सड़क निर्माण करवाया गया है. इस दौरान कई बड़ी-बड़ी चट्टानें काटी गई थीं, जिसके टुकड़े अभी भी सड़कों के किनारे पड़े हुए हैं. लोगों का कहना है कि, 'बारिश के मौसम में पहाड़ से पानी के बहाव की वजह से मिट्टी में कटाव आ जाता है, जिससे जान का खतरा बना रहा है. बड़ी-बड़ी चट्टानों के टुकड़े बारिश के दौरान मिट्टी धसकने से नीचे गिरने लगते हैं, जिससे कभी भी हादसा हो सकता है'.
पिछले साल भी गिरे थे पत्थर
वार्ड के लोगों ने बताया कि, पिछले साल भी तेज बारिश के दौरान मिट्टी का कटाव होने लगा था, जिसके कारण पहाड़ से पत्थर नीचे गिरे थे. पत्थर गिरने से एक घर की दीवार भी ढह गई थी'.
'रहने लायक नहीं है इलाका'
मामले में नगर पालिका सीएमओ का कहना है कि, 'वो स्थान रहने योग्य नहीं है. वहां लोग अवैध कब्जा कर रह रहे हैं'. उन्होंने कहा कि, 'बारिश के दौरान किसी भी तरह की आपदा से निपटने के लिए टीम बनाई गई है. वहीं कुछ सरकारी भवनों को ऐसे हालात के लिए राहत केंद्र के रूप में रखा गया है'.