कांकेर: 16 हजार युवाओं को रोजगार के लिए नेतृत्व करते एक युवा खेती की ओर बढ़ा और आज बंजर जमीन पर अपनी मेहनत लगन से सब्जी की खेती कर लाखों का मुनाफा कमा रहा है. इनकी उगाई हुई सब्जी आज प्रदेश के आलवा दूसरे प्रदेश उड़ीसा, आंध्रप्रदेश तक बिकने को जा रही है. यह वही युवा है, जिसे सरकार ने कांकेर जिले का एक दिन का कलेक्टर बनाया था. पेशे से वकालत करने वाला ये युवा खेती ही नही बल्कि किसानों के मुआवजे की लड़ाई भी लड़ रहा है.
जी हां हम बात कर रहे हैं उत्तर बस्तर कांकेर के रहने वाले संदीप द्विवेदी की, जो कि पेशे से वकील (One day collector Sandeep Dwivedi in Kanker) हैं. आस-पास हाइवे में किसानों की जमीन अधिग्रहण में मुआवजा की वकालत करने के बाद ये युवा निकल पड़ता है अपने खेतों की ओर.संदीप ने 5 एकड़ जमीन में करेला और लौकी की सब्जी की खेती कर आज महीना डेढ़ लाख रुपए की आमदनी की है. ईटीवी भारत ने संदीप से खास बातचीत की. बातचीत के दौरान संदीप ने अपने संघर्ष से लेकर कामयाबी तक के सफर की दास्तां बयां की.
संघर्ष ने बनाया दिया किसान: ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान किसान संदीप द्विवेदी ने बताया, "पेशे से में वकालत करता हूं. साथ ही प्रदेश में 16 हजार प्रेरक युवा हैं. उनके बहाली के लिए संघर्ष कर रहा हूं. उन्होंनो बताया कि कोरोना में 2 साल घर में बेरोजगार रहा. काम कुछ नहीं था. सभी से सुनता था कि डॉक्टर, इंजीनियरिंग बनना है. लेकिन खेती की ओर किसी का रुख नहीं होता. तभी खेती करने का विचार आया. पुश्तैनी बंजर जमीन को उपजाऊ बनाने को कोरोनाकाल में मेहनत किया. जिसका परिणाम है कि आज बंजर जमीन में हरियाली छाई हुई है."
आधुनिक खेती से कमा सकते है अधिक मुनाफा: संदीप कहते हैं, "आज परम्परागत खेती का समय नहीं रह गया है. जिस तरह से हर चीजें महंगी होते जा रही है. परम्परागत खेती से अब मुनाफा संभव नहीं है. इसलिए मैंने सोचा कि हमें आमदनी करनी चाहिए. मेहनत कर रहे तो उसका परिणाम भी मिलना चाहिए. इसीलिए मैंने आधुनिक खेती को चुना और इसका परिणाम अच्छा मिल रहा है. मैं चाहता हूं कि लोग आधुनिक खेती की ओर रूख करे."
हर माह डेढ़ लाख हो रही इनकम: संदीप ने ईटीवी भारत को बताया, "मैंने 2 साल पहले 5 एकड़ से खेती शुरू की थी. 5 एकड़ के लिए मैंने 7 लाख रुपए खर्च किए.इसके लिए मैने बैंक से कर्ज भी लिया. तीन महीने हो गए हैं, ढेड़ लाख रुपया महीना मेरी आमदनी हो रही है. आगे मेरा 2 एकड़ में और सब्जी खेती शुरू करना है."
दूसरों को भी मिल रहा रोजगार: संदीप कहते हैं, "मैंने आस-पास के 15 लोगों को जोड़ रखा है, जो मेरे साथ सहयोगी हैं. जरूरत पड़ने पर 5 से 6 लोगों को और जोड़ लेता हूं. मेरे साथ उनकी भी आमदनी बढ़ रही है."
यह भी पढ़ें: छत्तीसगढ़ में पहली बार जेरेनियम की खेती, लाखों का मुनाफा
एक दिन के कलेक्टर बने थे संदीप: संदीप कहते हैं, "सरकार की एक योजना थी, जिसमें राज्य के 5 लाख विद्यार्थी प्रतियोगिता परीक्षा में भाग लिए थे. जिसमें कॉम्पिटिशन एग्जाम था. मैं राज्य में टॉप 3 में चुना गया था. मुख्यमंत्री जी के माध्यम से आवर्ड मिला था. जिसके तहत मुझे कांकेर का एक दिन का शेडो कलेक्टर बनाया गया था."
खेती मुनाफा का एक बढ़िया जरिया: संदीप कहते हैं, "16 हजार युवाओं के रोजगार के लिए लड़ रहा हूं. 10 हजार तो अभी भी रोजगार के लिए मेरे नेतृत्व में सरकार के साथ जूझ रहे हैं. लगातार धरना-आंदोलन से सरकार से मांग कर रहे हैं. रोजना जाकर पंडालों में बैठना, नेताओं को कोसना, लिखित में आश्वासन मिलना, चुनावी वादे पर विश्वास करना, इससे युवा हताश और निराश हो जाते हैं. मेरे अपने परिचित ही रोजगार के चलते आत्मघाती कदम उठा चुके हैं. ये सब देखता हूं, तो मन बहुत आहत होता है. इसीलिए मैं ये कहना चाहता हूं कि सरकार के भरोसे न रहें. खेती मुनाफा का अच्छा जरिया है."