कांकेर: जिला अस्पताल के एकमात्र ब्लड बैंक में पॉवर बैकअप की सुविधा नहीं है. बिजली ना होने की स्थिति में यहां रक्तदान का काम नहीं किया जा सकता. यहां के स्थानीय लोग कई सालों से जेनरेटर और बिजली बैकअप के अन्य विकल्प की व्यवस्था की मांग लगातार कर रहे हैं, लेकिन प्रशासन इस ओर उदासीन बना हुआ है. यहां बिजली चले जाने की स्थिति में ब्लड डोनेट ही नहीं किया जा सकता है, जिससे कई बार जीवन और मौत का प्रश्न खड़ा हो जाता है.
पढ़ें: SPECIAL: ब्लड बैंक में भी कोरोना का कहर, रक्तदान नहीं होने से खून के स्टॉक में आई भारी कमी
समाजसेवी संस्था से जुड़े खेमनारायण शर्मा बताते हैं कि हमारी संस्था जरूरतमंदों को रक्तदान करवाती है, लेकिन ब्लड बैंक में अचानक बिजली चली जाती है, तो काम बंद हो जाता है. ऐसे में ब्लड डोनेट करने वाले व्यक्ति को परेशानी का सामना करना पड़ता है. हाल ही में स्वास्थ्य मंत्री से भी इसके लिए निवेदन किया गया था. एक पॉवर जेनरेटर की व्यवस्था कराए जाने की मांग की गई थी, लेकिन अब तक कोई पहल नहीं हुई है. रक्तदान करने आए नरेंद्र कश्यप बताते हैं कि कोरोना महामारी में लोगों को सही समय में ब्लड उपलब्ध नहीं हो पा रहा है. ऐसे में बिजली चले जाने की वजह से अगर ब्लड नहीं निकाला जा रहा है, तो यह काफी गंभीर समस्या है.
दूसरी बिल्डिंग में शिफ्टिंग की तैयारी
जिला अस्पताल के सिविल सर्जन आरसी ठाकुर ने बताया कि ब्लड बैंक में पॉवर बैकअप नहीं है. उसकी व्यवस्था के लिए उच्चाधिकारियों को पत्र लिखा जा चुका है. जल्द सुविधा नहीं मिलने की स्थिति में ब्लड बैंक को दूसरी बिल्डिंग में शिफ्ट किया जाएगा. डायलिसिस, सिकलिन, एनीमिया के मरीज रोजाना 10 से 15 की संख्या में जिला अस्पताल आते हैं. उन्हें रक्त देने रक्तदाता भी ब्लड बैंक आते हैं, लेकिन एक पॉवर जेनरेटर का नहीं होना यहां परेशानी का सबब बना हुआ है.