ETV Bharat / state

गर्भवती महिला नक्सली को जीने-मरने के लिए छोड़ गए थे नक्सली, पुलिस ने दी नई जिंदगी - cg news

इनामी महिला नक्सली ने नवजात के साथ सरेंडर किया है. महिला नक्सली कुएमारी एरिया कमेटी की एलओएस सदस्य रही है और कई बड़ी नक्सल वारदातों में भी शामिल रही.

इनामी महिला नक्सली ने नवजात के साथ किया सरेंडर
author img

By

Published : May 15, 2019, 8:25 PM IST

कांकेर: इनामी महिला नक्सली ने नवजात के साथ सरेंडर किया है. 5 दिन की दुधमुंही बच्ची के साथ सरेंडर करने वाली इस महिला नक्सली ने पुलिस के सामने न सिर्फ नक्सलियों के अमानवीय चेहरे को उजागर किया बल्कि इस हकीकत से भी रूबरू कराया कि कैसे इस्तेमाल करने के बाद नक्सली इन भोली-भाली महिलाओं को छोड़ देते हैं. हालांकि इस महिला नक्सली की पुलिस ने हरसंभव मदद की.

इनामी महिला नक्सली ने नवजात के साथ किया सरेंडर

महिला नक्सली कुएमारी एरिया कमेटी की एलओएस सदस्य रही है और कई बड़ी नक्सल वारदातों में भी शामिल रही. मुख्य रूप से सुकमा जिले के की रहने वाली ये महिला 2014 में नक्सल संगठन में भर्ती हुई थी और सुकमा और बीजापुर में काफी समय तक सक्रिय रही. जिसके बाद उसे 15 से 20 नक्सलियों के साथ उत्तर बस्तर डिवीजन में भेजा गया. जहां 2018 में किसकोड़ो एरिया कमेटी के सदस्य मुन्ना मंडावी ने उससे शादी कर ली.

महिला ने लिया सरेंडर करने का फैसला
मुन्ना मंडावी के साथ रहते-रहते महिला गर्भवती हो गई और जब वह चलने फिरने के काबिल नहीं रही तो उसे नक्सलियों ने आलपरस गांव के पास छोड़ दिया. करीब एक महीने तक वो गांव वालों की मदद से जैसे-तैसे रही, इसी बीच वहां डीआरजी की टीम पहुंची. जैसे ही पुलिस टीम को महिला नक्सली के बारे में जानकारी मिली, उन्होंने उससे मुलाकात की. बच्चे के साथ महिला ने सरेंडर करने का फैसला लिया. महिला जवानों के साथ अंतागढ़ आई लेकिन तब तक उसकी और उसकी बच्ची की तबीयत काफी खराब हो चुकी थी.

पुलिस ने दिखाई मानवीयता
पुलिस ने मानवीयता दिखाते हुए दोनों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया. महिला तो ठीक है लेकिन उसकी बच्ची की हालत खराब है. पुलिस ने बताया कि बच्ची आईसीयू में भर्ती है.

'गांव की लड़कियों का इस्तेमाल कर रहे नक्सली'
महिला नक्सली ने आपबीती सुनाई उससे यह बात साफ है कि नक्सली अपने मतलब के लिए गांव की लड़कियों का इस्तेमाल कर रहे हैं. पुलिस का कहना है कि ये अब तक का पहला मामला है जिसमें किसी नवजात के साथ महिला नक्सली ने समपर्ण किया है.

महिला नक्सलियों की नसबंदी करवा देते हैं नक्सली
इसके पहले कई बार ये बात सामने आ चुकी है कि नक्सली महिला नक्सलियों की नसबंदी करवा देते हैं, जिससे वो गर्भवती न हों. कई आत्म समर्पित नक्सलियों ने इसके राज पुलिस के सामने खोले हैं लेकिन यह अब तक का पहला मामला है, जिसमें एक महिला नक्सली गर्भवती होती है और इसे जंगल में छोड़ कर नक्सली भाग जाते हैं.

पूरी देख रेख की जा रही: एसपी
एसपी के एल धुर्व ने बताया कि महिला नक्सली और उसके नवजात बच्ची की पूरी देख रेख की जा रही है. उसकी हालत अभी ठीक नहीं है और उसका वजन काफी कम है. बच्ची को जिला अस्पताल के आईसीयू में रखा गया है. एसपी ने बताया कि महिला नक्सली कई बड़े हमले में शामिल रही है. 2018 में ताडोकी थाना क्षेत्र के मसपुर में हुए नक्सल हमले में सुनीता शामिल थी जिसमे बीएसएफ के दो जवान शहीद हुए थे.

सरेंडर नक्सली को अब सरकारी की आत्मसमर्पण और पुर्नवास नीति के तहत लाभ दिया जाएगा.

कांकेर: इनामी महिला नक्सली ने नवजात के साथ सरेंडर किया है. 5 दिन की दुधमुंही बच्ची के साथ सरेंडर करने वाली इस महिला नक्सली ने पुलिस के सामने न सिर्फ नक्सलियों के अमानवीय चेहरे को उजागर किया बल्कि इस हकीकत से भी रूबरू कराया कि कैसे इस्तेमाल करने के बाद नक्सली इन भोली-भाली महिलाओं को छोड़ देते हैं. हालांकि इस महिला नक्सली की पुलिस ने हरसंभव मदद की.

इनामी महिला नक्सली ने नवजात के साथ किया सरेंडर

महिला नक्सली कुएमारी एरिया कमेटी की एलओएस सदस्य रही है और कई बड़ी नक्सल वारदातों में भी शामिल रही. मुख्य रूप से सुकमा जिले के की रहने वाली ये महिला 2014 में नक्सल संगठन में भर्ती हुई थी और सुकमा और बीजापुर में काफी समय तक सक्रिय रही. जिसके बाद उसे 15 से 20 नक्सलियों के साथ उत्तर बस्तर डिवीजन में भेजा गया. जहां 2018 में किसकोड़ो एरिया कमेटी के सदस्य मुन्ना मंडावी ने उससे शादी कर ली.

महिला ने लिया सरेंडर करने का फैसला
मुन्ना मंडावी के साथ रहते-रहते महिला गर्भवती हो गई और जब वह चलने फिरने के काबिल नहीं रही तो उसे नक्सलियों ने आलपरस गांव के पास छोड़ दिया. करीब एक महीने तक वो गांव वालों की मदद से जैसे-तैसे रही, इसी बीच वहां डीआरजी की टीम पहुंची. जैसे ही पुलिस टीम को महिला नक्सली के बारे में जानकारी मिली, उन्होंने उससे मुलाकात की. बच्चे के साथ महिला ने सरेंडर करने का फैसला लिया. महिला जवानों के साथ अंतागढ़ आई लेकिन तब तक उसकी और उसकी बच्ची की तबीयत काफी खराब हो चुकी थी.

पुलिस ने दिखाई मानवीयता
पुलिस ने मानवीयता दिखाते हुए दोनों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया. महिला तो ठीक है लेकिन उसकी बच्ची की हालत खराब है. पुलिस ने बताया कि बच्ची आईसीयू में भर्ती है.

'गांव की लड़कियों का इस्तेमाल कर रहे नक्सली'
महिला नक्सली ने आपबीती सुनाई उससे यह बात साफ है कि नक्सली अपने मतलब के लिए गांव की लड़कियों का इस्तेमाल कर रहे हैं. पुलिस का कहना है कि ये अब तक का पहला मामला है जिसमें किसी नवजात के साथ महिला नक्सली ने समपर्ण किया है.

महिला नक्सलियों की नसबंदी करवा देते हैं नक्सली
इसके पहले कई बार ये बात सामने आ चुकी है कि नक्सली महिला नक्सलियों की नसबंदी करवा देते हैं, जिससे वो गर्भवती न हों. कई आत्म समर्पित नक्सलियों ने इसके राज पुलिस के सामने खोले हैं लेकिन यह अब तक का पहला मामला है, जिसमें एक महिला नक्सली गर्भवती होती है और इसे जंगल में छोड़ कर नक्सली भाग जाते हैं.

पूरी देख रेख की जा रही: एसपी
एसपी के एल धुर्व ने बताया कि महिला नक्सली और उसके नवजात बच्ची की पूरी देख रेख की जा रही है. उसकी हालत अभी ठीक नहीं है और उसका वजन काफी कम है. बच्ची को जिला अस्पताल के आईसीयू में रखा गया है. एसपी ने बताया कि महिला नक्सली कई बड़े हमले में शामिल रही है. 2018 में ताडोकी थाना क्षेत्र के मसपुर में हुए नक्सल हमले में सुनीता शामिल थी जिसमे बीएसएफ के दो जवान शहीद हुए थे.

सरेंडर नक्सली को अब सरकारी की आत्मसमर्पण और पुर्नवास नीति के तहत लाभ दिया जाएगा.

Intro:कांकेर - जिले के धुर नक्सल प्रभावित कोयलीबेड़ा के आलपरस के जंगल से नक्सलियों का एक और घिनौना चेहरा निकल कर सामने आया है , 5 दिन के मासूम बच्ची के साथ पुलिस के सामने आत्म समपर्ण करने वाली महिला नक्सली सुनीता उर्फ हूंगी कट्टम ने नक्सलियों की पोल खोलकर रख दी है। आत्म समपर्ण करने वाली महिला नक्सली ने पुलिस के सामने जो खुलासे किए है उससे साफ है कि नक्सली गांव की भोली भाली लड़कियों को बहकाकर अपने साथ ले जाते है और जब उनका मतलब निकल जाता है तो उन्हें उनके हाल में छोड़कर भाग निकलते है।


Body:सुनीता कुएमारी एरिया कमेटी की एलओएस सदस्य रही है और कई बड़ी नक्सल वारदातों में भी शामिल रही , मुख्य रूप से सुकमा जिले के तिम्मापुरम की रहने वाली सुनीता 2014 में नक्सल संगठन में भर्ती हुई थी और सुकमा और बीजापुर में काफी समय तक सक्रिय रही जिसके बाद उसे 15 से 20 नक्सलियों के साथ उत्तर बस्तर डिवीजन में भेजा गया , जहा 2018 में किसकोड़ो एरिया कमेटी के सदस्य मुन्ना मंडावी ने उससे शादी कर ली , इस बीच सुनीता गर्भवती हो गई और जब वह चलने फिरने के काबिल नही रही तो उसे नक्सलियों ने आलपरस गांव के पास छोड़ दिया ,तकरीबन एक माह तक वो जैसे तैसे गांव वालों की मदद से वहां रही , इसी बीच डीआरजी की टीम 12 मई को गांव में पहुची जहा सुनीता के बारे में उन्हें जानकारी हुई , पुलिस जवानों से मुलाकात के बाद सुनीता ने आत्म समपर्ण करने का फैसला किया और चंद दिनों पहले ही जन्मे अपने बच्चे के साथ जवानों के साथ अन्तागढ़ आई जहा उसका और उसके बच्चे का इलाज करवाया जा रहा था , बच्चे की सेहत ज्यादा बिगड़ने पर दोनों को जिला अस्पताल लाया गया है, जहा अभी भी बच्चे की हालत चिंताजनक बताई जा रही है ।बच्चे को जन्म के दौरान सही देख रेख नही मिलने से उसकी तबियत बिगड़ गई है।

गांव की लड़कियों का इस्तेमाल कर रहे नक्सली
जिस तरह से सुनीता ने आपबीती सुनाई उससे यह बात साफ है कि नक्सली अपने मतलब के लिए गांव की लड़कियों का इस्तेमाल कर रहे है , पुलिस का कहना है कि ये अब तक का पहला मामला है जिसमे किसी नवजात के साथ महिला नक्सली ने समपर्ण किया है ।

महिला नक्सलियों का नसबंदी करवा देते है नक्सली
इसके पहले कई बार ये बात सामने आ चुकी है कि नक्सली महिला नक्सलियों की नसबंदी करवा देते है ताकि वो गर्भवती ना हो , कई आत्म समर्पित नक्सलियों ने इसके राज़ पुलिस के सामने खोले है , लेकिन यह अब तक का पहला मामला है जिसमे एक महिला नक्सली गर्भवती होती है और इसे जंगल मे छोड़ कर नक्सली भाग जाते है।


Conclusion:पूरी देख रेख की जा रही - एसपी
एसपी के एल धुर्व ने बताया कि महिला नक्सली और उसके नवजात बच्ची की पूरी देख रेख की जा रही है , बच्ची की हालत अभी ठीक नही है उसका वजन काफी कम है उसे जिला अस्पताल में आईसीयू में रखा गया है , एसपी ने बताया कि महिला नक्सली कई बड़े हमले में शामिल रही है , 2018 में ताडोकी थाना क्षेत्र के मसपुर में हुए नक्सल हमले में सुनीता शामिल थी जिसमे बीएसएफ के दो जवान शहीद हुए थे ।

बाइट- के एल धुर्व एसपी कांकेर
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.