कांकेर: पखांजूर के कृषि सहायक संचालक पर मिसफार्म में काम करने वाले मजदूरों ने मजदूरी नहीं देने का आरोप लगाया है. मजदूरों का कहना है कि उन्हें धान का रोपा लगाने की मजदूर अब तक नहीं मिली है. जबकि अभी धान की कटाई चल रही है. कृषि विभाग के अधिकारियों ने मजदूरों को पैसा नहीं दिया है, जिससे उन्हें घर चलाने में मुश्किल उठानी पड़ रही है.
किसानों ने बताया कि मिसफार्म के लगभग 100 हैक्टेयर जमीन में करने वाले मजदूरों को अभी तक मेहनताना नहीं दिया गया है. कृषि विभाग ने मिसाफर्म के खेत में मजदूरों से 5 सप्ताह तक धान की रोपाई कराई, लेकिन मजदूरों को भुगतान नहीं किया. मजदूरों ने कहा कि 200 रुपए की रोजी में मिसफार्म में काम कराया जाता है, जबकि निजी भूमि पर मजदूरी करने पर 250/300 रुपए तक रोजी मिल जाती है, लेकिन मिसफार्म में काम करने के बाद अभी तक मजदूरी नहीं मिली है. 5 महीना बीतने को है, लेकिन कोई सुध लेने वाला नहीं है.
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धान कटाई का काम रोजी से नहीं ठेके पर करा रहे
मजदूरों ने यह भी बताया कि अभी धान कटाई में हम मजदूरों को अधिकारी मजदूरी रोजी में न देकर ठेके पर काम करवा रहे हैं. ठेके पर काम मजदूरी से ज़्यादा भारी पड़ रहा है. हम महिलाएं धान की कटाई से लेकर इकट्ठा करने का काम किया करती हैं, लेकिन ठेके पर देकर मजदूरों से ज्यादा काम लिया जा रहा है. वहीं अगर मिसफार्म में पदस्थ जिम्मेदार अधिकारियों की बात करें, तो कृषि विभाग सहायक संचालक कभी दफ्तर में नजर ही नहीं आते हैं.
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कृषि विभाग से मजदूरों की नाराजगी
बहरहाल, अब देखने वाली बात ये होगी कि जिम्मेदार अधिकारी पखांजूर मिसफार्म पहुंचकर मजदूरों का बकाया भुगतान कब तक करते हैं. मजदूरों को मजदूरी ठेके पर न देकर रोजी से काम कराते हैं या फिर मजदूरों से ऐसे ही बैल की तरह काम लेते रहेंगे. फिलहाल मजदूर कृषि विभाग से खफा चल रहे हैं.