कांकेर: पखांजूर के माझपल्ली गांव में ईसाई धर्म मानने वाले ग्रामीण की मौत हो गई. जिसके बाद शव को दफनाने को लेकर बवाल मच गया. शनिवार को गांव में शव दफनाने नहीं दिया जाने के बाद जिला प्रशासन की मदद से ग्रामीण का शव पखांजूर में दफनाया गया. जिसके बाद पूरा विवाद शुरू हुआ.
क्या है पूरा मामला: पूरा मामला पखांजूर के माझपल्ली गांव का है. जहां के निवासी दिलीप पद्दा की लंबी बीमारी के बाद 3 अगस्त को मौत हो गई. बीमारी के दौरान ही दिलीप पद्दा मसीही समाज के संपर्क में आया. उसका और उसके परिवार का एक माह पहले ही धर्म परिवर्तन किया गया. धर्म परिवर्तन करने के चलते उसकी मौत के बाद शव को आदिवासी समाज ने गांव में दफनाने नहीं दिया. परिजनों ने खुद की जमीन में शव दफनाने का प्रयास किया. लेकिन गांववाले सहमत नहीं हुए. तब 4 अगस्त को मृतक के पुत्र ने ग्राम ऐसेबेड़ा के जन चौपाल में कलेक्टर से शिकायत की. इसके बाद माझपल्ली से शव पखांजूर लाया और वार्ड 1 में पुलिस की सुरक्षा में दफनाया दिया.
शव हटाने की मांग पर अड़े वार्डवासी: पुलिस की सुरक्षा में शव दफनाये जाने के बाद यहां भी विवाद हो गया. वार्ड 01 के स्थानीय लोगों ने शव दफनाये जाने को लेकर विरोध जताया. विवाद यही नहीं थमा, शव को उस जगह से हटाने की मांग को लेकर वार्डवासियों ने पखांजूर थाने के सामने प्रदर्शन भी किया. शहर में बाजार की सभी दुकानें बंद कर दिया गया है. पुलिस ने विवाद की स्थिति को देखते हुए भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की है.
मामले में शुरू हुई राजनीति: पूरे मामले में राजनीति भी शुरू हो गई और बीजेपी ने भी इसका विरोध शुरू कर दिया. पूर्व विधायक भोजराज नाग सहित युवा मोर्चा और बजंरग दल के कार्यकर्ता विरोध में उतर आए है. शनिवार सुबह ग्रामीण पखांजूर थाने पहुंचे. इस दौरान पखांजूर नगर पंचायत अध्यक्ष बप्पा गांगुली के साथ पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष असीम राय ने पखांजूर एसडीओ अंजोर सिंह पैकरा को ज्ञापन सौंपा. जिसमें मांग रखी गई है कि प्रशासन द्वारा भविष्य में उस स्थान पर कोई भी शव नहीं दफनाया जाए. वार्डवासी वहां से शव हटाने की मांग पर अड़े हुए हैं. वार्ड वासियों ने पखांजूर थाने के सामने धरना शुरू कर दिया. धरना में पूर्व सांसद विक्रम उसेंडी भी पहुंचे थे.
प्रशासन पर लापरवाही का आरोप: पूर्व बीजेपी सांसद विक्रम उसेंडी ने बताया धर्मान्तरित ईसाई समाज के व्यक्ति को यहां लाकर शव दफनाया जाना, जबकि उसके या ईसाई समाज के लिए यहां किसी तरीके का भूमि आरक्षित नहीं है. यह प्रशासन की लापरवाही है. यहां पर अगर पहले से आवंटित जमीन होती और तब शव दफनाया जाना चाहिए था. नगर पंचायत द्वारा किसी प्रकार का एनओसी ईसाई समाज के कब्रिस्तान के लिए जारी नहीं हुआ है. उसके बाद भी यहां शव लाकर दफनाया गया है."
"छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद धर्मांतरण की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है. इस ओर सरकार को ध्यान देना चाहिए. जहां शव दफनाया गया है, वहां उनके लिए कब्रिस्तान आवंटित नहीं है. शासन-प्रशासन को तत्काल संज्ञान में लेना चाहिए." - विक्रम उसेंडी, पूर्व सांसद, बीजेपी
क्रिश्चियन समुदाय के कब्रिस्तान पर विवाद: नगर पंचायत अध्यक्ष बप्पा गांगुली ने बताया, कल रात 10 बजे मुझे सूचना मिली कि किसी अज्ञात व्यक्ति को वार्ड में दफनाया गया है. जहां दफनाया गया, वह पहले जेल के लिए आरक्षित था और नगर पंचायत ने किसी प्रकार का एनओसी नहीं दिया है. पखांजूर एसडीएम कह रहे हैं कि ढाई एकड़ जमीन को क्रिश्चियन समुदाय के कब्रिस्तान के लिए आरक्षित किया गया है. प्रशासन अपनी मनमानी से यह काम कर रहा है. क्रिश्चियन समुदाय के कब्रिस्तान के लिए किसी प्रकार का जमीन आरक्षित नहीं किया गया है."
"शिकायत आई थी कि गांव में धर्मान्तरित व्यक्ति का शव दफनाने नहीं दिया जा रहा है. सूचना पर पुलिस के सहयोग से गांववालों को मनाने कोशिश किया गया. लेकिन वह नहीं माने. जिसके बाद नगर पंचायत पखांजूर के वार्ड 01 में शव को दफनाया गया." अंजोर सिंह पैकरा, एसडीएम, पखांजूर
पखांजूर एसडीएम अंजोर सिंह पैकरा ने उनके पहले पदस्थ अधिकारी द्वारा इस भूमि का आवंटन किये जाने की जानकारी दी है. उन्होंने विरोध कर रहे वार्डवासियों से बातचीत कर समाधान निकालने की बात कही है. अब देख ना होगा कि इसविवाद का क्या समाधान निकलकर सामने आता है.