कांकेर: ओडिशा बॉर्डर में सक्रिय कमाण्डर रैंक के 5 लाख के इनामी नक्सली ने आत्मसमर्पण किया है. इनामी नक्सली महासमुंद डिवीजन में सक्रिय था. वह कांकेर के कोयलीबेड़ा क्षेत्र के धुर नक्सल प्रभावित क्षेत्र आलपरस का रहने वाला है. बताया जा रहा है कि छत्तीसगढ़ शासन की पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर उसने शांति का रास्ता चुना है.
पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर किया सरेंडर: कांकेर पुलिस अधीक्षक दिव्यांग पटेल ने बताया कि महासमुंद डिवीजन में कमांडर के रूप में सक्रिय नक्सली चंदन दर्रो उर्फ जीवन उर्फ सागर ने आत्मसमर्पण किया है. समर्पित नक्सली के ऊपर 5 लाख का इनाम था. बरगढ़, बलांगीर, महासमुन्द डिवीजन अंतर्गत पीपीसीएम चंदन दर्रो उर्फ जीवन उर्फ सागर कांकेर जिले के कोयलीबेड़ा क्षेत्र के आलपरस का रहने वाला है. जो नक्सली संगठन में साल 2008 से सक्रिय था.
"आत्मसमर्पित नक्सली को छत्तीसगढ़ सरकार की पुनर्वास नीति से प्रभावित हुआ है. महासमुंद डिवीजन में सक्रिय रहने के दौरान जब वह अपने गांव आया, तो उसने आसपास काफी बदलाव देखा. इसी बदलाव से प्रभावित होकर नक्सली कमांडर ने कांकेर पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण किया है. आत्मसमर्पित नक्सली को 25 हजार रूपये प्रोत्साहन राशि दिया गया है." - दिव्यांग पटेल, एसपी, कांकेर
समर्पित नक्सली इन घटनाओं में रहा है शामिल: जुलाई 2011 में बरगढ़ पहाड़ी में पुलिस नक्सली मुठभेड़ हुआ था, जिसमे गिरफ्तार इनामी नक्सली भी शामिल था. साल 2012 में बरगढ़ पहाड़ी में पुलिस नक्सली मुठभेड़ में भी यह शामिल रहा है. जून 2012 में महासमुंद के ग्राम गुमर्दा में पुलिस नक्सली मुठभेड़ में शामिल रहा. जिसमें नक्सली मोहन (DVC), जो मैनपुर एरिया कमेटी कमाण्डर था, वह मारा गया था. मई 2017 में बलांगीर अंतर्गत ग्राम बम्हनी द्वारा में पुलिस नक्सली मुठभेड़ में भी शामिल रहा है.
2008 से सक्रिय था समर्पित नक्सली: पुलिस के अनुसार, आत्मसमर्पित इनामी नक्सली बचपन से सीएनएम संगठन में काम कर रहा था. 2008 में बाल संघम के रूप में भर्ती हुआ था. 2008-09 में 01 साल उसने रावघाट एलजीएस (लोकल गोरिल्ला स्स्कॉड) में काम किया. साल 2009 में महासमुंद डिवीजन के बरगढ़ पीसीसी भेजा गया. दल सदस्य के रूप में साल 2009-2012 तक उसने काम किया. साल 2011 में पदोन्नत होकर प्लाटून पार्टी कमेटी सदस्य बनाया गया. 2011-12 तक पीपीसी बरगढ़ में काम किया और फिर 2012 में बरगढ़ से महासमुंद पीपीसी भेजा गया. 2012-22 तक महासमुंद पीपीसी सदस्य के रूप में उसने काम किया था.