कांकेर: एक माह पहले मध्य प्रदेश के एटीएस ने ईलाज करवाने जबलपुर पहुंचे 80 लाख के ईनामी नक्सली को दबोचा था. एटीएस द्वारा गिरफ्तार नक्सली की पहचान डीकेएसजेडसी सदस्य अशोक रेड्डी उर्फ बलदेव के रूप में की गई थी. जिसके बाद उसे न्यायिक रिमांड पर जबलपुर जेल भेजा गया था. गिरफ्तार नक्सली के खिलाफ कांकेर के थाना में अपराध दर्ज है. जिसके चलते पूछताछ के लिए कांकेर पुलिस ने उसे कांकेर लाई है.
पूछताछ में मिल सकती है कई अहम जानकारी: गिरफ्तार नक्सली के खिलाफ कांकेर के छोटेबेठिया थाना में अपराध दर्ज है. बीनागुंडा में हुए इनकाउंटर के बाद यह अपराध दर्ज किया गया था. इसके चलते पुलिस कांकेर न्यायालय से प्रोडक्शन वारंट लेकर जबलपुर जेल पहुंची. जबलपुर जेल से नक्सली को ट्रांजिट रिमांड पर लेकर 15 सितंबर को कांकेर लाया गया और कांकेर न्यायालय में पेश किया गया. जहां से उसे 20 सितंबर तक पुलिस रिमांड में पखांजुर एसडीओपी को सौंपा गया है. कांकेर पुलिस 20 सितंबर तक नक्सली से पूछताछ करेगी. इस पूछताछ में नक्सलियों से जुड़े कई अहम जानकारियां कांकेर पुलिस को मिल सकती है.
बीनागुंडा इनकाउंटर में था शामिल: कांकेर के छोटेबेठिया थाना क्षेत्र के ग्राम बिनागुंडा में 12 जून को सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई थी. सर्चिंग के दौरान एक वर्दीधारी महिला माओवादी का शव बरामद किया गया था. जवानों ने 303 रायफल और अन्य सामाग्री भी बरामद की थी. तब माओवादी बलदेव औक उसके अन्य 30 से 35 नक्सली घटनास्थल से भाग गए थे. सर्चिंग के दौरान पुलिस को 11 नग जिंदा 303 का कारतूस, गोला बारूद के साथ दैनिक उपयोग के समान और दो चश्मा मिला था. बिनागुंडा में 12 जून को हुई मुठभेड़ के बाद पुलिस ने यह दावा किया था कि मुठभेड़ स्थल पर मिले दो चश्मों में से एक चश्मा बलदेव यानी अशोक रेड्डी का और दूसरा चश्मा विजय रेडडी का था.
"डीकेएसजेडसी अशोक रेड्डी उर्फ बलदेव उर्फ मनुराम नेताम निवासी ग्राम तिरूमलगिरी थाना तिरूमलगिरी, जिला नालगोडा, तेलगांना का है. जबलपुर जेल से लाया गया है और कांकेर न्यायालय में प्रस्तुत किया गया है. जहां से 20 सितंबर तक पुलिस रिमांड के तहत पुलिस को सौंपा गया है." - रवि कुजून, एसडीओपी, पखांजुर
नक्सली से मिल सकती है कई अहम जानकारियां: बीनागुंडा इनकाउंटर मामले में कांकेर पुलिस गिरफ्तार नक्सली से पूछताछ करेगी. पुलिस को मुठभेड़ के दौरान जो सबूत मिले थे, उन सबूतों की पहचान और उससे जुड़ी अन्य अहम जानकारी भी नक्सली से निकालने का प्रयास करेगी. नक्सली संगठन कांकेर में किस तरह से काम कर रहा है और कौन कौन उनको मदद कर रहे हैं. इसकी भी जानकारी जुटाने का प्रयास पुलिस कर सकती है.