कांकेर : इस साल छत्तीसगढ़ में बायोमेट्रिक सिस्टम से धान खरीदी होगी. दरअसल राज्य में धान खरीदी उत्सव की तरह होता है. किसानों से प्रदेश सरकार उचित दाम पर धान लेती है. लेकिन इसका फायदा कुछ बिचौलिये भी उठाते हैं. बिचौलिए पुराने धान को स्टॉक करके बिना किसी खेती के समिति में रजिस्टर्ड किसान के नाम से धान खपाकर पैसे कमाते हैं. प्रदेश की कई जगहों पर रकबे से ज्यादा धान की खरीदी की शिकायतें मिली हैं. धान खरीदी में पारदर्शिता और इसका सीधा लाभ किसानों को देने के लिए ही सरकार ने बायोमेट्रिक सिस्टम के जरिए धान खरीदी का फैसला किया है. खास बात यह है कि बायोमेट्रिक सिस्टम के तहत किसानों को अपनी समिति में जाकर खुद का और अपने किसी एक रिश्तेदार का बायोमेट्रिक रजिस्ट्रेशन कराना होगा.
क्या होगा फायदा ? : धान खरीदी केंद्रों में किसान और उसके परिवार के बायोमेट्रिक रजिस्ट्रेशन के बाद समिति में केवल वहीं किसान धान बेच पाएंगे जो रजिस्टर्ड हैं. ऐसे में वो बिचौलिए जो किसी किसान का नाम लेकर समितियों में धान को खपाते थे,फर्जीवाड़ा नहीं कर पाएंगे.समितियों में रजिस्ट्रेशन के लिए किसान को अपना और अपने परिवार के किसी एक सदस्य का नाम आधार नंबर के साथ रजिस्टर कराना होगा. इसके बाद मौके पर ही धान बेचने आने वाले किसानों से मौके पर पहले बायोमेट्रिक मशीन में थंब इंप्रेशन लिया जाएगा.इसके बाद उसका धान खरीदकर भुगतान सीधा उसके खाते में जमा होगा.
खाद्य अधिकारी जन्मजय नायक ने बताया कि भारत सरकार और शासन की मंशा है कि धान खरीदी साफ -सुधरी हो. कोई बिचौलिया या व्यापारी अनाधिकृत रूप किसानों के हक का पैसा मारकर लाभ ना कमा सके. इसीलिए बायोमेट्रिक प्रणाली लांच किया गया है.
''बायोमेट्रिक प्रणाली में किसान खुद उपस्थित होकर या उसके निकट सबंधी जिसको वो नॉमिनेट करेगा, उस नॉमिनी की मदद से धान खरीदा जाएगा. इसी निर्देश के अनुसार इस साल धान खरीदी होगी. कोई बिचौलिया जिसने धान का प्रोडक्शन नहीं किया है और दूसरे राज्य से धान खरीदकर किसी किसान के नाम से छत्तीसगढ़ में बेचना चाहता है तो वो ऐसा नहीं कर पाएगा. क्योंकि अब धान तभी खरीदा जाएगा जब किसान खुद मौजूद होकर अपना अंगूठा मशीन में लगाकर अपनी पहचान देगा.इसके बाद ही धान खरीदी होगी.'' जन्मेजय नायक, खाद्य अधिकारी
क्या कहते हैं किसान: बायोमेट्रिक तरीके से धान खरीदी का किसानों ने भी स्वागत किया है. किसानों की मानें तो इस व्यवस्था से सीधा लाभ किसानों को ही होगा. लिहाजा शासन की यह नई प्रणाली बेहतर है.
''ये बहुत अच्छी चीज है.इसका सीधा लाभ मुख्य किसान को ही मिलेगा. शासन को चाहिए कि इस नियम को कड़ाई से लागू करे. इससे बिचौलिए और धान व्यापारी जो धान खपाते हैं, ये सब चीजें रुकेगी.'' रामकिशोर,किसान
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कैसे किसान कर सकता है पंजीयन ?: छत्तीसगढ़ के किसानों का बायोमेट्रिक प्रणाली के तहत रजिस्ट्रेशन किया जा रहा है. इसके लिए कुछ डॉक्यूमेंट की भी जरूरत है. किसानों की जिला सहकारी बैंक की पासबुक, आधार कार्ड की फोटोकॉपी, ऋण पुस्तिका की कॉपी, बी-1 पी-2 की फोटो कॉपी, नॉमिनी के आधार कार्ड की कॉपी, या अन्य रिश्तेदार का सहमति पत्र, मोबाइल नंबर और पासपोर्ट फोटो के साथ समिति का सदस्य होना जरुरी है.