कांकेर: डोर टू डोर कचरा कलेक्शन का काम करने वाली महिला कर्मचारी अपनी तीन सूत्रीय मांगों को लेकर तीन दिवसीय हड़ताल पर चले गई हैं. उनके हड़ताल पर जाने से नगर समेत जिले के सभी नगर पंचायत में सफाई व्यवस्था चरमरा गई है. हड़ताल पर बैठी कर्मचारियों ने शासन प्रशासन को 7 दिनों में मांगे पूरी नहीं होने पर अनिश्चितकालिन हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी हैं.
हड़ताल पर क्यों बैठी: मिशन क्लीन सिटी से जुड़ी महिलाओं को कहना है कि वे सुबह 7 बजे से घर घर जाकर सूखा गीला कचरा इकट्ठा कर उसे सेंटर पहुंचाते हैं. यहां पर कचरा को छांटकर गीला व सूखा कचरा अलग करते हैं. दिन भर काम करने के बाद शाम को 5 बजे वे घर पहुंचते हैं. करीब 10 घंटे काम के बदले उनको 6 हजार रुपये वेतन दिया जा रहा है. पहले 5 हजार ही मिलता था, 2019 से उनके मानदेय में 1 हजार रुपये बढ़ाकर 6000 रुपये किया गया.
क्या है मांगे: हड़ताल पर बैठी महिलाओं का कहना है कि महंगाई के समय में 6 हजार रुपये की सैलरी से उनका घर नहीं चल रहा है. इसलिए तीन मांगों को लेकर वे हड़ताल कर रही हैं. कलेक्टर दर पर वेतनमान, हर रविवार को छुट्टी, सभी कर्मचारियों का पीएफ राशि काटाने की मांग महिलाएं कर रही है. महिलाओं ने शासन प्रशासन को चेतावनी दी है कि मांग पूरी नहीं होने पर आने वाले दिनों में वे अनिश्चितकालिन हड़ताल पर चली जाएंगी.
महिला सफाईकर्मियों की हड़ताल से क्या होगा: महिला सफाई कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से शहर में एक बार फिर गंदगी का अंबार नजर आएगा. इस बारीश के मौसम में गंदगी फैलने से महामारी का खतरा बना रहेगा.
कांकेर समेत जिले के नगर पंचायतों में घर घर से कचरा उठाने का काम करने के लिए 260 महिलाएं 2017 से काम कर रही है. नगर निकाय क्षेत्र कांकेर में तीन आरएमएम सेंटर में 60 महिलाएं काम कर रही है. मिशन क्लीन सिटी के तहत बेरोजगार महिलाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए उनको स्वच्छता अभियान में जोड़ा गया. यहां पर उनको 5 हजार मासिक मानदेय पर काम पर नियुक्त किया गया.