कांकेर: महानदी को छत्तीसगढ़ प्रदेश की जीवन रेखा और छत्तीसगढ़ की गंगा कहा जाता है. लेकिन महानदी पर माफियाओं ने कब्जा कर रखा है. आरोप लग रहे हैं कि दिन के उजालों से लेकर रात के अंधेरों में रेत माफिया सक्रिय होकर NGT (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) के आदेशों का खुला मखौल उड़ा रहे हैं. सरकारी तंत्र के नाक के नीचे हो रहे अवैध काम पर सभी आंखे मूंद बैठे हैं.
क्या है पूरा मामला: कांकेर जिले में रेत का अवैध उत्खनन बदस्तूर जारी है. दिन रात रेत माफिया अवैध तस्करी को अंजाम दे रहे हैं. जिले के चारामा क्षेत्र में तीन खदान टाहकापार, बसनवाही, चिनौरी अभी चालू है. सरकारी नियमों से शरू हुए इस खदान से दिन में रेत का परिवहन किया जा रहा है. लेकिन रात के अंधेरे में इस खदान से रेत का अवैध उत्खनन कर चोरी की जा रही है. रोजाना अंधेरे का फायदा उठाकर तस्कर नदी से अवैध रेत बेचने का काम कर रहे हैं.
NGT के नियमों का खुला उल्लंघन: NGT यानी नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश की अगर बात करें, तो नियमानुसार उन्हें केवल सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक ही रेत उत्खनन करने का आदेश दिया गया है. जिसके लिए बाकायदा फिट पास भी जारी किए जाते है. लेकिन इस नियम के ठेंगा दिखाकर रात के अंधेरे में महानदी से रेत निकाली जा रही है. लीज के चिन्हाकित जगहों से भी हटकर खुदाई कर अवैध रेत निकाला जा रहा है.
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"मुझे जो भी शिकायत प्राप्त होती है, उस पर कार्रवाई होती है. कई बार तो रात में भी मुझे शिकायत मिली, जिस पर एसडीएम और तहसीलदार ने कार्रवाई की है.साथ में माइनिंग डिपार्टमेंट से भी कहा है कि वे लगातार निगरानी बनाए रखें, जिससे शासन के नियमानुसार ही खनन हो. नियमों की अनदेखी करने वालों पर हम जरूर कार्रवाई करेंगे." - प्रियंका शुक्ला, कलेक्टर, कांकेर
यहां से निकलने वाले रेत को माफियाओं द्वारा ऊंचे दामों पर बेचा जा रहा है. ऐसा नहीं हो सकता कि इतनी बड़ी तस्करी की खबर सरकारी तंत्र को ना हो. बिना सरकारी संरक्षण के यह कारोबार चलाना मुमकिन नहीं है. मुख्य मार्ग से बिना जांच के फर्राटे भरने वाले वाहनों पर कार्रवाई नहीं होने से प्रशासन और पुलिस पर भी सवाल उठ रहे हैं. अब देखना होगा कि इस अवैध तस्करों को रोकने के लिए प्रशासन क्या कार्रवाई करती है.