कांकेर: कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद अरविंद नेताम ने हमर राज पार्टी बनाने का ऐलान किया. नेताम ने छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में 50 सीटों पर चुनाव भी लड़ने का ऐलान किया. अपनी इस घोषणा को पूरा करते हुए हमर राज पार्टी ने छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 के लिए 19 प्रत्याशियों की लिस्ट जारी कर दी है.
हमर राज पार्टी की पहली लिस्ट: भानुप्रतापपुर विधानसभा से हमर राज पार्टी ने अकबर राम कोर्राम को प्रत्याशी बनाया है. साल 2022 में भानुप्रतापपुर उपचुनाव में अकबर राम कोर्राम 23371 वोटों के साथ तीसरे स्थान पर थे. अकबर राम कोर्राम कई जिलों के एसपी रहे है और डीआईजी बनने के साथ रिटायर्ड हुए थे. पहली सूची में 19 प्रत्याशियों के नामों पर मुहर लगाई है. अभी जिले के दो विधानसभा कांकेर और अन्तागढ़ में पार्टी ने प्रत्याशी की घोषणा नहीं की है.
हमर राज पार्टी के प्रत्याशियों की पहली सूची
01प्रतापपुर से गीता सोन्हे
02सामरी से परसू राम भगत
03 लुण्ड्रा से अनुक प्रताप सिंह टेकाम
04 खरसिया से भवानी सिंह सिदारा
05 रामपुर से कन्हैया आनंद कंवर
06 बिल्हा से शिव नारायण ध्रुव
07 मस्तूरी से सुख राम खूंटे
08 सरायपाली से बिरितिया चौहान
09 बसना से जगदीश सिदार
10 कसडोल से परमेश्वरी पैकरा
11 संजारी बालोद से विनोद कुमार नागवंशी
12 डोंगरगांव से छत्तर राम चंद्रवंशी
13 खुज्जी से ललिता पैकरा
14 मोहला मानपुर से युवराज नेताम
15 भानुप्रतापुर से अकबर राम कोर्राम
16 कोंडागांव से पनकु राम नेताम
17 नारायणपुर से राम लाल उसेंडी
18 बस्तर से लखेश्वर कश्यप
19 बीजापुर से अशोक तलांडी
कब हुआ हमर राज पार्टी का गठन : छत्तीसगढ़ में आदिवासियों की आवाज सत्ता की गलियारों तक पहुंचान के लिए सर्व आदिवासी समाज के संरक्षक अरविंद नेताम ने साल 2023 में हमर राज पार्टी का गठन किया है. इस पार्टी ने पूरे प्रदेश की 90 में से 50 सीटें जिसमें 29 आदिवासी और 21 अन्य सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारने का फैसला किया है.इस पार्टी के गठन से पहले चुनाव आयोग का अप्रूवल लिया गया है.इसके बाद प्रदेश की 19 सीटों पर प्रत्याशियों का ऐलान किया गया.
क्यों बनीं हमर राज पार्टी ?: हमर राज पार्टी की संस्थापक अरविंद नेताम जब कांग्रेस में थे तब प्रदेश में जातिगत आरक्षण के रद्द होने पर सरकार को घेरा था.इसके बाद पेसा कानून, फर्जी नक्सली मुठभेड़ को लेकर कई बार सरकार के सामने अपनी बात रखी.लेकिन आदिवासियों की बातें नहीं मानी गई.वहीं प्रदेश में आरक्षण लागू नहीं कर पाने का जिम्मेदार भी आदिवासियों ने मौजूदा सरकार को माना.लिहाजा सभी ने एक जुट होकर चुनाव में उतरने का फैसला किया.ताकि आगामी विधानसभा में सरकार का हिस्सा बन सकें और आदिवासियों के हित में फैसले लिए जाएं.
क्यों आदिवासियों पर है फोकस ? : आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ में करीब 34 फीसदी आदिवासी मतदाता हैं. छत्तीसगढ़ की 29 सीट एसटी आरक्षित है.वहीं 21 सीटें ऐसी हैं जहां पर आदिवासियों की संख्या ज्यादा है. ऐसी 21 सीटों पर भी हमर राज पार्टी के प्रत्याशी अपना नामांकन दाखिल करेंगे. यानी प्रदेश की 55 फीसदी सीटों पर हमर राज पार्टी प्रमुख राजनीतिक दलों को चुनौती देगी.सियासी जानकारों के मुताबिक हमर समाज पार्टी के चुनावी मैदान में उतरने से खासकर आदिवासी सीटों पर बीजेपी कांग्रेस के लिए मुकाबला आसान नहीं होगा.