कांकेर: जिले के परलकोट क्षेत्र के गांव जनकपुर स्थित राशन दुकान में दुकान संचालक के खिलाफ लापरवाही और मनमानी करने का आरोप है. राशन दुकान के गोदाम में कई क्विंटल चने और गुड़ सड़ रहे हैं. दुकान संचालक पर आरोप है कि कई महीनों से लोगों को राशन नहीं दिया गया है.
राशन दुकान संचालक की लापरवाही तब उजागर हुई, जब राशन दुकान का लाइसेंस निरस्त हो गया और महिला समूहों को संचालन का जिम्मा मिल गया. इस दौरान जैसे ही गोदाम खोला गया तो सारा मामला सामने आया. इससे पहले राशन दुकान को हरिदास नाम का व्यक्ति संचालित करता था. हरिदास के काम की पोल लोगों के राशन कार्ड ने भी खोली. किसी के राशन कार्ड में एक महीने चना नहीं मिला, तो किसी को तीन महीने का. इसी तरह गुड़, चावल और मिट्टी तेल में भी घपला किया गया है.
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महामारी के इस दौर में जब लोगों की रोजी-रोटी छीन गई, तो वहीं समय पर उन्हें राज्य सरकार की योजना के तहत मिलने वाला राशन की एक मात्र सहारा था. लेकिन राशन दुकान संचालक ने उनसे उनके हक का अनाज भी छीन लिया. इस संकट काल में जब लोग खाने के लिए तरस रहे हैं, तो वहीं सड़े हुए अनाज की तस्वीरे ये दर्शाती हैं कि सिस्टम कितना लचर है. सरकार योजनाएं बनाती है, लेकिन उन योजनाओं का क्रियान्वयन सही तरीके से हो रहा है या नहीं इस पर ध्यान देने वाला कोई नहीं होता.
राशन दुकान के नए संचालक ने बताया कि अब कि अधिकारियों के आदेश के मुताबिक वह लोगों को राशन मुहैया करा रहा है. वहीं दुकान संचालक का कहना है कि जो अनाज सड़ चुके हैं उन्हें तो मवेशी भी नहीं खाएंगे.