कांकेर: जिले के धुर नक्सल प्रभावित सितरम क्षेत्र में बीमारी से बीते डेढ़ माह में चार मासूमों की मौत का मामला सामने आया है. सितरम उपस्वास्थ्य केंद्र करीब दो महीने से बंद है और अब तक किसी जिम्मेदार अधिकारी ने इसकी सुध नहीं ली है.
चार दिनों पहले सितरम के आश्रित गांव छिंदपदल के निवासी राजू तुमरेटी के 18 महीने के बेटे परमेश्वर तुमरेटी की अचानक मौत हो गई, जिसके सदमे में मासूम की मां सुनीता तुमरेटी की तबीयत बिगड़ गई. पिछले तीन दिन से जिसका इलाज बांदे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद में चल रहा है.
उपस्वास्थ्य केंद्र में दो माह से लटका है ताला
ब्लॉक मुख्यालय से 35 किलोमीटर दूर घने जंगलों और नदी-नालों के बीच बसे इस क्षेत्र के बांदे गांव में लोग बीमार हैं जहां स्वास्थ्य विभाग की टीम नहीं पहुंच पा रही है. इसकी वजह से सही समय पर इलाज न होने के चलते मासूमों की जान चली गई.
सितरम क्षेत्र के ग्रामीणों का कहना है कि गांव में कई लोग बीमार हैं, लेकिन उपस्वास्थ्य केंद्र में बीते दो माह से ताला लटका है. इससे ग्रामीणों को समय पर इलाज नहीं मिल पा रहा है.
शिविर लगाया पर नहीं मिला पर्याप्त इलाज
मासूमों की मौत की जानकारी मिलने पर स्वास्थ्य विभाग ने आनन-फानन में स्वास्थ्य शिविर लगाया गया था, लेकिन एक दिन शिविर लगाने के बाद जिम्मेदार अधिकारी पलट कर गांव में नहीं पहुंचे. इस वजह से लोगों की हालत में सुधर नहीं हो पा रहा.
इलाज के अभाव में 4 मासूमों की मौत
ग्रामीणों ने बताया कि डेढ़ माह में 4 मासूम बच्चों की इलाज के अभाव में मौत हो चुकी है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग अब तक गंभीर नहीं है, जिससे ग्रामीणों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है.
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उपस्वास्थ्य में पदस्थ है एक ही कर्मचारी
उपस्वास्थ्य केंद्र में एक ही कर्मचारी पदस्थ है. वहीं एक कर्मचारी को दवाइयां फेंके जाने के मामले में निलंबित किया गया था, जिसके बदले में अब तक किसी की पोस्टिंग नहीं की गई है.