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कांकेर: सही समय पर इलाज नहीं होने से गई 4 मासूमों की जान - सितरम उपस्वास्थ्य केंद्र

कांकेर के नक्सल प्रभावित क्षेत्र सितरम में बीते डेढ़ माह में चार मासूमों की मौत हो गई है. सितरम उपस्वास्थ्य केंद्र बंद होने से बच्चों को सही इलाज नहीं मिलने से उनकी मौत हुई है, जिसकी वजह से ग्रामीण आक्रोशित हैं.

सितरम उपस्वास्थ्य केंद्र कांकेर
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Published : Sep 15, 2019, 9:03 PM IST

Updated : Sep 15, 2019, 10:28 PM IST

कांकेर: जिले के धुर नक्सल प्रभावित सितरम क्षेत्र में बीमारी से बीते डेढ़ माह में चार मासूमों की मौत का मामला सामने आया है. सितरम उपस्वास्थ्य केंद्र करीब दो महीने से बंद है और अब तक किसी जिम्मेदार अधिकारी ने इसकी सुध नहीं ली है.

2 महीने से बंद पड़ा है सितरम उपस्वास्थ्य केंद्र

चार दिनों पहले सितरम के आश्रित गांव छिंदपदल के निवासी राजू तुमरेटी के 18 महीने के बेटे परमेश्वर तुमरेटी की अचानक मौत हो गई, जिसके सदमे में मासूम की मां सुनीता तुमरेटी की तबीयत बिगड़ गई. पिछले तीन दिन से जिसका इलाज बांदे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद में चल रहा है.

उपस्वास्थ्य केंद्र में दो माह से लटका है ताला
ब्लॉक मुख्यालय से 35 किलोमीटर दूर घने जंगलों और नदी-नालों के बीच बसे इस क्षेत्र के बांदे गांव में लोग बीमार हैं जहां स्वास्थ्य विभाग की टीम नहीं पहुंच पा रही है. इसकी वजह से सही समय पर इलाज न होने के चलते मासूमों की जान चली गई.

सितरम क्षेत्र के ग्रामीणों का कहना है कि गांव में कई लोग बीमार हैं, लेकिन उपस्वास्थ्य केंद्र में बीते दो माह से ताला लटका है. इससे ग्रामीणों को समय पर इलाज नहीं मिल पा रहा है.

शिविर लगाया पर नहीं मिला पर्याप्त इलाज
मासूमों की मौत की जानकारी मिलने पर स्वास्थ्य विभाग ने आनन-फानन में स्वास्थ्य शिविर लगाया गया था, लेकिन एक दिन शिविर लगाने के बाद जिम्मेदार अधिकारी पलट कर गांव में नहीं पहुंचे. इस वजह से लोगों की हालत में सुधर नहीं हो पा रहा.

इलाज के अभाव में 4 मासूमों की मौत
ग्रामीणों ने बताया कि डेढ़ माह में 4 मासूम बच्चों की इलाज के अभाव में मौत हो चुकी है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग अब तक गंभीर नहीं है, जिससे ग्रामीणों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है.

पढ़ें- Exclusive : CM भूपेश से मिलीं रेणु जोगी, भावुक कर देती हैं उनकी ये बातें

उपस्वास्थ्य में पदस्थ है एक ही कर्मचारी
उपस्वास्थ्य केंद्र में एक ही कर्मचारी पदस्थ है. वहीं एक कर्मचारी को दवाइयां फेंके जाने के मामले में निलंबित किया गया था, जिसके बदले में अब तक किसी की पोस्टिंग नहीं की गई है.

कांकेर: जिले के धुर नक्सल प्रभावित सितरम क्षेत्र में बीमारी से बीते डेढ़ माह में चार मासूमों की मौत का मामला सामने आया है. सितरम उपस्वास्थ्य केंद्र करीब दो महीने से बंद है और अब तक किसी जिम्मेदार अधिकारी ने इसकी सुध नहीं ली है.

2 महीने से बंद पड़ा है सितरम उपस्वास्थ्य केंद्र

चार दिनों पहले सितरम के आश्रित गांव छिंदपदल के निवासी राजू तुमरेटी के 18 महीने के बेटे परमेश्वर तुमरेटी की अचानक मौत हो गई, जिसके सदमे में मासूम की मां सुनीता तुमरेटी की तबीयत बिगड़ गई. पिछले तीन दिन से जिसका इलाज बांदे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद में चल रहा है.

उपस्वास्थ्य केंद्र में दो माह से लटका है ताला
ब्लॉक मुख्यालय से 35 किलोमीटर दूर घने जंगलों और नदी-नालों के बीच बसे इस क्षेत्र के बांदे गांव में लोग बीमार हैं जहां स्वास्थ्य विभाग की टीम नहीं पहुंच पा रही है. इसकी वजह से सही समय पर इलाज न होने के चलते मासूमों की जान चली गई.

सितरम क्षेत्र के ग्रामीणों का कहना है कि गांव में कई लोग बीमार हैं, लेकिन उपस्वास्थ्य केंद्र में बीते दो माह से ताला लटका है. इससे ग्रामीणों को समय पर इलाज नहीं मिल पा रहा है.

शिविर लगाया पर नहीं मिला पर्याप्त इलाज
मासूमों की मौत की जानकारी मिलने पर स्वास्थ्य विभाग ने आनन-फानन में स्वास्थ्य शिविर लगाया गया था, लेकिन एक दिन शिविर लगाने के बाद जिम्मेदार अधिकारी पलट कर गांव में नहीं पहुंचे. इस वजह से लोगों की हालत में सुधर नहीं हो पा रहा.

इलाज के अभाव में 4 मासूमों की मौत
ग्रामीणों ने बताया कि डेढ़ माह में 4 मासूम बच्चों की इलाज के अभाव में मौत हो चुकी है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग अब तक गंभीर नहीं है, जिससे ग्रामीणों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है.

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उपस्वास्थ्य में पदस्थ है एक ही कर्मचारी
उपस्वास्थ्य केंद्र में एक ही कर्मचारी पदस्थ है. वहीं एक कर्मचारी को दवाइयां फेंके जाने के मामले में निलंबित किया गया था, जिसके बदले में अब तक किसी की पोस्टिंग नहीं की गई है.

Intro:कांकेर -जिले के धुर नक्सल प्रभावित सितरम क्षेत्र में बीमारी से बीते डेढ़ माह में 4 मासूमो की मौत का मामला सामने आया है । स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही भी यहां देखने को मिली है , सितरम उप स्वास्थ्य केंद्र बीते 2 माह से बन्द है लेकिन किसी भी जिम्मेदार अधिकारी ने अब तक इसकी सुध नही ली हैBody:4 दिन पहले सितरम के आश्रित गांव छिंदपदल के निवासी
राजू तुमरेटि के 18 माह के पुत्र परमेश्वर तुमरेटि की अचानक मौत हो गई ।जिसके सदमे में मासूम की माँ सुनीता तुमरेटि की तबियत बिगड़ गई जिसका इलाज पिछले तीन दिन से बांदे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद में इलाज चल रहा है
बांदे मुख्यालय से 35 किलोमीटर दूरी घने जंगलों तथा नदी नालों के बीच बसे इस क्षेत्र के गांव में लोग बीमार हैं जहां स्वास्थ्य विभाग की टीम नहीं पहुंच पा रही है समय पर इलाज न होने के चलते लोगों की मासूमो की जान जा रही है सितरम क्षेत्र के ग्रामीणों का कहना है गांव में कई लोग बीमार है , लेकिन उप स्वास्थ्य केंद्र मे बीते 2 माह से ताला लटक रहा है । जिससे ग्रामीणों को समय पर इलाज नही मिल पा रहा है।

शिविर लगाया पर नही मिला पर्याप्त इलाज

मासूमो की मौत की जानकारी मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग के द्वारा आनन फानन में स्वास्थ्य शिविर लगाया गया था , लेकिन एक दिन शिविर लगाने के बाद जिम्मेदार अधिकारी पलट कर गांव में नही पहुचे , जिससे हालात सुधरने का नाम नही ले रहे है Conclusion:2 माह में 4 मासूमो की हुई मौत

ग्रामीणों ने बताया कि डेढ़ माह में 4 मासूम बच्चों की इलाज के अभाव में मौत हो चुकी है , लेकिन स्वास्थ्य विभाग अब तक गम्भीर नही है , जिससे ग्रामीणों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है ।

उप स्वास्थ्य में पदस्थ एक ही कर्मचारी
उप स्वास्थ्य केंद्र में एक ही कर्मचारी पदस्थ है , वही एक कर्मचारी को दवाइया फेके जाने के मामले में निलम्बित किया गया था , जिसके बदले में अब तक किसी की पोस्टिंग नही की गई है ।


बाइट- राजू तुमरेटि मृतक का पिता

ग्रामीण महिला

दिलीप कुमार सिन्हा बीएमओ कोयलीबेड़ा ब्लॉक
Last Updated : Sep 15, 2019, 10:28 PM IST
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