कांकेर: छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले के पलेवा-भैसाकट्टा इलाके के ग्रामीणों ने उस वक्त राहत की सांस ली, जब आदमखोर तेंदुआ ( tendua caught in cage) वन विभाग के पिंजरे में कैद हो गया. महीने भर के अंदर इस तेंदुए ने दो लोगों की जान ले ली थी. जिसके बाद वन विभाग ने तेंदुए को पकड़ने के लिए दो गांवों में पिंजरा लगाया था.
पिछले कुछ महीनों से इस तेंदुए ने लोगों की नींद उड़ा रखी थी. पलेवा और भैसाकट्टा में तेंदुए ने दो लोगों को मार डाला था. जिसमें एक 70 साल का बुजुर्ग था और दूसरी 40 साल की महिला. सोते हुए बुजुर्ग को घर से उठाकर तेंदुआ ले गया था. तेंदुए के आदमखोर होने से लोगों में भारी दहशत का माहौल था. जिसको देखते हुए वन अमले में तेंदुए को पकड़ने अलग-अलग इलाकों में पिंजरा लगाया था. 4 दिन के इंतजार के बाद आखिरकार तेंदुआ पिंजरे में कैद हो गया. वन विभाग के लिए राहत की बात ये है कि एक ही रात में दो तेंदुए पिंजरे में कैद हो गए है. वन विभाग दोनों तेंदुओ को नन्दनवन रायपुर ले जाने की तैयारी में है. पहली बार हुए हमले के बाद से ही ग्रामीण और वन विभाग की टीम इस तेंदुए की तलाश में जुटे हुए थे.
देखिए किस तरह नरभक्षी तेंदुए ने महिला को बनाया शिकार
दहशत में थे गांव के लोग
कई बार तेंदुए को इलाके में देखा गया पर किसी भी पिंजरे में वो कैद नहीं हुआ. लगातार बढ़ रहे तेंदुए के हमले से ग्रामीण सहमे हुए थे. वो शाम होने के बाद घर से बाहर निकलना मुनासिब नहीं समझते थे.
इस बार तेंदुए को फंसाने के लिए वन विभाग ने एक बकरी को पिंजरे के अंदर रखा. बकरी को अपना शिकार बनाने के लिए जैसे ही तेंदुआ उस पर झपटा. पिंजरे का दरवाजा बंद हो गया और तेंदुआ उसमें कैद हो गया. पलेवा गांव के स्कूल के पीछे एक पिंजरा लगाया गया था जंहा तेंदुआ फंसा है. भैसाकट्टा गांव में भी एक पिंजरा लगाया गया थाय जहां दूसरा तेंदुआ फंसा है. इस तरह वन विभाग ने आतंक का पर्याय बन चुके दो तेंदुए को बीती रात दो पिंजरों में कैद करने में सफलता हासिल की है.