कांकेर : 19 अक्टूबर को कांकेर बीजेपी कार्यकर्ताओं ने आरक्षण कटौती मामले में कांकेर विधानसभा विधायक शिशुपाल शोरी के निवास का घेराव किया था. पुलिस ने भाजपा कार्यकर्ताओं के खिलाफ बिना प्रशासनिक अनुमति के निवास घेराव करना, पुलिस से धक्का मुक्की कर दरवाजे को पीटते हुए विधायक निवास में घुसने का आरोप लगाया है.गौरतलब हो कि मामला दर्ज होने वाले भाजपा कार्यकर्ताओं में भाजयुमो शहर अध्यक्ष घनेद्र सिंह ठाकुर, भाजयुमो महामंत्री पीयूष वलेचा, भाजपा कार्यकर्ता भानु नेताम, बल्लू यादव व अन्य शामिल (FIR against BJP workers in Kanker)है.
विधायक के बंगले में प्रदर्शन : 19 अक्टूबर को भाजपा कार्यकर्ताओ ने बैरिकेड तोड़ा था. जिसके बाद प्रदर्शनकारी विधायक के बंगले में पहुंच गए और अंदर घुसकर प्रदर्शन करने लगे. पुलिस (kanker police station ) ने कड़ी मशक्कत के बाद विधायक बंगला परिसर में प्रदर्शन कर रहे लोगों को बाहर निकाला. बावजूद इसके भाजपाई बंगला से बाहर निकलकर प्रदर्शन करते रहे. इस दौरान महिला मोर्चा ने तख्ती लेकर थाली घंटी बजाते हुए विधायक को जगाने का प्रयास किया. भाजपाइयों ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को आदिवासी विरोधी करार देते हुए जल्द से जल्द आरक्षण वापस दिलाने की मांग की.
13 अक्टूबर को कांकेर कलेक्टर का आदेश :कांकेर कलेक्टर प्रियंका शुक्ला ने जिले में निजी, सार्वजनिक, धार्मिक, राजनैतिक तथा अन्य संगठनों द्वारा सार्वजनिक कार्यक्रमों, आयोजनों के पूर्व अनुमति लेना अनिवार्य किया गया है. कलेक्टर ने जिले के समस्त अनुविभागीय अधिकारियों, तहसीलदारों, नायब तहसीलदारों को रैली, सभा, जुलूस के लिए अनुमति देने के पूर्व जारी प्रपत्र को पूर्ति करवाने के पश्चात ही अनुमति देने के लिए निर्देशित किया है. निजी, सार्वजनिक, धार्मिक, राजनैतिक तथा अन्य संगठनों अथवा संस्थाओं को आयोजनों, धरना, जुलूस, रैली, प्रदर्शन, भूख हड़ताल, सामाजिक, राजनैतिक, धार्मिक आयोजन हेतु जिला प्रशासन की पूर्व अनुमति लिया जाना अनिवार्य किया है. उपरोक्त आयोजन के संबंध में अनिवार्यतः निर्धारित प्रारूप में शर्तो, शपथ, घोषणा पत्र आवेदन में सम्पूर्ण विवरण प्राप्त करने के बाद ही यथास्थिति अनुमति देने अथवा नहीं देने के निर्णय से संबंधितों को सूचित किया जाने का उल्लेख है.kanker police station