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Hanuman jayanti: कांकेर के चमत्कारी बालाजी मंदिर में पूरी हो रही हर मन्नत ! बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री ने बताई थी महिमा - Deori Balaji

Deori Balaji कांकेर जिले के देवरी बालाजी गांव में सालों से भगवान बालाजी विराजमान हैं. हैरानी की बात ये है कि गांव वालों को इस चमत्कारी मंदिर के बारे में पता ही नहीं था. पिछले दिनों सिर्फ दो मंगलवार पूजा करने पर ही जब श्रद्धालुओं की मन्नत पूरी होने लगी तो अब दूर दूर से श्रद्धालु बालाजी के दर्शन करने गांव पहुंच रहे हैं. Bhagwan shri hanuman ji

Bhagwan Balaji Kanker
भगवान बालाजी मंदिर
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Published : Apr 6, 2023, 8:17 AM IST

भगवान बालाजी मंदिर

कांकेर: यूं तो दुनियां में हजारों प्राचीन और ऐतिहासिक मंदिर हैं. सभी की अपनी अपनी अनोखी कहानियां भी हैं. ऐसा ही एक मंदिर कांकेर जिले के एक छोटे से गांव देवरी बालाजी में महानदी के किनारे स्थापित है. जिसकी कहानी भी बेहद अद्भुत है. मंदिर के नाम से ही गांव का नाम भी पड़ा है. लेकिन यहां के लोग अभी तक भगवान बालाजी की दिव्यता से अनजान थे. अब जब लोगों की मनोकामनाएं पूरी हो रही है तो लोग यहां पहुंचकर अपनी अर्जी लगाकर मन्नतें मांग रहे हैं.

लोगों को नहीं था शक्ति का आहसास: भगवान बालाजी यहां कब से विराजमान हैं. इसके बारे में किसी को पता ही नहीं था. पुजारी मनोहर नेताम बताते हैं कि उनके पूर्वज यहां आसपास स्थापित मूर्तियों की पूजा अर्चना किया करते थे. भगवान बालाजी पहले एक पेड़ के नीचे स्थापित थे. जिन्हें एक छोटे से मंदिर में स्थापित किया गया. भगवान बालाजी की मूर्ति भी अद्भुत और आश्चर्यचकित करने वाली है. यहां भगवान बालाजी के एक रूप नहीं बल्कि एक ही शिला में दो रूप आगे और पीछे बने हुए हैं. यह स्वयंभू है या इसका निर्माण किया गया है, इसकी जानकारी भी किसी को नहीं है. भगवान बालाजी के दर्शन आगे और पीछे दोनों ओर से किया जा सकता है. बालाजी के अलावा यहां भगवान जगन्नाथ, भगवान गणेश, भगवान शिव, नंदी भी स्थापित है.

बागेश्वर धाम ने दी थी जानकारी: इस मंदिर की दिव्यता का प्रमाण अब तक किसी को नहीं था. ना ही लोग कभी आकर यहां पूजा किया करते थे. लेकिन एक समय ऐसा आया कि इस मंदिर की जानकारी बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने गांव के दो युवकों दो दी. साल 2016-17 में बागेश्वर धाम के प्रमुख पंडित धीरेंद्र शास्त्री कांकेर के रामनगर पहुंचे थे. इसकी जानकारी जब गांव के दो युवकों को हुई तो उन्होंने उनसे मुलाकात की. युवकों के सवाल पर उन्होंने गांव में ही बालाजी का अद्भुत और शक्तिशाली मंदिर होने की बात कही. धीरेंद्र शास्त्री ने खुद भी बालाजी के दर्शन करने कभी ना कभी गांव आने की बात कही.

यह भी पढ़ें: Hanuman jayanti : मनचाहा वर पाना है तो हनुमान जयंती के दिन करें ये उपाय

युवकों की हुई मनोकामना पूरी: युवकों ने इसे पहले मामूली बात समझा. लेकिन एक दिन युवक गांव के बालाजी मंदिर पहुंचा और पूजा अर्चना कर मन्नत मांगी. उसके बाद दो मंगलवार और मंदिर पहुंचा और भक्ति भाव से पूजा अर्चना की. युवक के मुताबिक सिर्फ दो मंगलवार मंदिर जाने पर ही उसका सालों से रुका काम पूरा हो गया. अब जब इसकी जानकारी दूसरे लोगों तक पहुंची तो भगवान बालाजी के दर्शन करने लोगों की भीड़ उमड़ने लगी है. दूर दूर से लोग भगवान बालाजी के दर्शन करने पहुंच रहे हैं.

भगवान बालाजी मंदिर

कांकेर: यूं तो दुनियां में हजारों प्राचीन और ऐतिहासिक मंदिर हैं. सभी की अपनी अपनी अनोखी कहानियां भी हैं. ऐसा ही एक मंदिर कांकेर जिले के एक छोटे से गांव देवरी बालाजी में महानदी के किनारे स्थापित है. जिसकी कहानी भी बेहद अद्भुत है. मंदिर के नाम से ही गांव का नाम भी पड़ा है. लेकिन यहां के लोग अभी तक भगवान बालाजी की दिव्यता से अनजान थे. अब जब लोगों की मनोकामनाएं पूरी हो रही है तो लोग यहां पहुंचकर अपनी अर्जी लगाकर मन्नतें मांग रहे हैं.

लोगों को नहीं था शक्ति का आहसास: भगवान बालाजी यहां कब से विराजमान हैं. इसके बारे में किसी को पता ही नहीं था. पुजारी मनोहर नेताम बताते हैं कि उनके पूर्वज यहां आसपास स्थापित मूर्तियों की पूजा अर्चना किया करते थे. भगवान बालाजी पहले एक पेड़ के नीचे स्थापित थे. जिन्हें एक छोटे से मंदिर में स्थापित किया गया. भगवान बालाजी की मूर्ति भी अद्भुत और आश्चर्यचकित करने वाली है. यहां भगवान बालाजी के एक रूप नहीं बल्कि एक ही शिला में दो रूप आगे और पीछे बने हुए हैं. यह स्वयंभू है या इसका निर्माण किया गया है, इसकी जानकारी भी किसी को नहीं है. भगवान बालाजी के दर्शन आगे और पीछे दोनों ओर से किया जा सकता है. बालाजी के अलावा यहां भगवान जगन्नाथ, भगवान गणेश, भगवान शिव, नंदी भी स्थापित है.

बागेश्वर धाम ने दी थी जानकारी: इस मंदिर की दिव्यता का प्रमाण अब तक किसी को नहीं था. ना ही लोग कभी आकर यहां पूजा किया करते थे. लेकिन एक समय ऐसा आया कि इस मंदिर की जानकारी बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने गांव के दो युवकों दो दी. साल 2016-17 में बागेश्वर धाम के प्रमुख पंडित धीरेंद्र शास्त्री कांकेर के रामनगर पहुंचे थे. इसकी जानकारी जब गांव के दो युवकों को हुई तो उन्होंने उनसे मुलाकात की. युवकों के सवाल पर उन्होंने गांव में ही बालाजी का अद्भुत और शक्तिशाली मंदिर होने की बात कही. धीरेंद्र शास्त्री ने खुद भी बालाजी के दर्शन करने कभी ना कभी गांव आने की बात कही.

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युवकों की हुई मनोकामना पूरी: युवकों ने इसे पहले मामूली बात समझा. लेकिन एक दिन युवक गांव के बालाजी मंदिर पहुंचा और पूजा अर्चना कर मन्नत मांगी. उसके बाद दो मंगलवार और मंदिर पहुंचा और भक्ति भाव से पूजा अर्चना की. युवक के मुताबिक सिर्फ दो मंगलवार मंदिर जाने पर ही उसका सालों से रुका काम पूरा हो गया. अब जब इसकी जानकारी दूसरे लोगों तक पहुंची तो भगवान बालाजी के दर्शन करने लोगों की भीड़ उमड़ने लगी है. दूर दूर से लोग भगवान बालाजी के दर्शन करने पहुंच रहे हैं.

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