कांकेर: छत्तीसगढ़ सरकार शिक्षा को लेकर लगातार बढ़ावा दे रही है. लेकिन अंदरूनी क्षेत्रो में स्कूलों का हाल बेहाल है. जर्जर स्कूलों में नौनिहाल पढ़ने को मजबूर है. प्रदेश में नए शिक्षा सत्र 2022-23 में स्कूल खुले 6 दिन हो गए हैं. लेकिन कांकेर जिले के नक्सल प्रभावित क्षेत्र कोयलीबेड़ा विकासखंड के कोपिनगुंडा और राजा मुंडा में अब भी स्कूलों में ताला लटक रहा है. स्थानिय ग्रामीणों का कहना है कि स्कूल अब तक खुले ही नहीं हैं. न ही शिक्षक अब तक इन स्कूल में आए (kanker naxal affected area school gate is locked) हैं.
जर्जर हालत में स्कूल: इस विषय में कोपिनगुंडा के ग्रामीण राम गावड़े बताते हैं कि शिक्षक पहले भी महीने में तीन-चार बार आते थे. अभी स्कूल खुले हैं तब से आए ही नहीं है. कई बार बड़े अधिकारियों को अवगत कराया गया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई है. स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि ग्राम कोपिनगुंडा और राजा मुंडा में प्राथमिक स्कूल संचालित हैं, जहां लगभग 20 बच्चे पढ़ रहे हैं. इन प्राथमिक स्कूलों की हालत भी दयनीय है. छतों में लगे टिन के शेड जंग खाकर टूट गए हैं. स्कूलों के छत से रॉड निकले हुए हैं. बारिश के दिनों में यहां पढ़ना बच्चों के लिए मुसीबत साबित हो सकती है. टूटे छतों से बारिश के दिनों में पानी टपकते रहता है. तस्वीरों में भी स्कूलों की दुर्दशा साफ देखा जा सकता है.
आदिवासी छात्र संगठन करेगा शिकायत: आदिवासी छात्र संगठन से राजेश नुरूटी ने बताया कि "हमारा संगठन क्षेत्रों में शिक्षा को लेकर लगातार काम करता है. विकासखंड कोयलीबेड़ा के अंतिम छोर गांव कोपिनगुंडा और राजा मुंडा में नई शिक्षा सत्र शुरू हुए पांच दिन बीत चुके हैं. लेकिन कई स्कूलों के अब तक ताला नहीं खुले हैं. कई स्कूलों के छप्पर उड़ चुके हैं. शिक्षा व्यवस्था की खस्ताहाल हालत को लेकर खंड शिक्षा अधिकारी और डीईओ से मुलाकात कर लापरवाह शिक्षकों की शिकायत की जाएगी".
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अधिकारी ने कही कार्रवाई की बात: ब्लॉक शिक्षा अधिकारी केजुराम सिन्हा ने बताया शिक्षकों की नहीं आने की जानकरी मिली है. जांच की जा रही है. स्कूल भवन जर्जर है. जल्द मरम्मत कर लिया जाएगा.