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खबर का असर: पौधरोपण को लेकर अपने ही बयानों में फंसे अधिकारी, अब दे रहे गोलमोल जवाब - पखांजूर पौधरोपण

पौधरोपण को लेकर लगातार बरती जा रही लापरवाही के केस में ETV भारत ने प्रमुखता से खबर दिखाई थी. इसके बाद घबराए अधिकारियों में हड़कंप मच गया है. कई स्थानों पर अब अधिकारी मरे हुए पौधों की जगह फिर से नए पौधे लगा रहे हैं.

Corruption in Pakhanjur regarding plantation
पौधरोपण
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Published : Sep 8, 2020, 9:39 PM IST

पंखाजूर: वन विभाग की तरफ से पौधरोपण के नाम पर धांधली का केस सामने आया है. बांदे वन विभाग की ओर से पानावार में 25 हेक्टेयर में 10 हजार पौधा लगाने का काम किया जाना था, लेकिन लापरवाहों ने सागौन के पौधों को जंगल मे फेंक दिया गया.

पौधरोपण में धांधली, ईटीवी भारत की खबर पर बड़ा असर

ETV भारत ने जब इसपर खबर की तो वन विभाग हरकत में आया और आनन-फानन में अपनी गलती छुपाने के लिए विभाग और अधिकारियों ने मिलकर मरे हुए पौधे को दोबारा लगाने में जुट गए.

इसके अलावा वन विभाग की ओर से 10 हजार बांस के पौधे 25 हेक्टेयर भूमि पर रोपने का दावा किया जा रहा है. जिसकी पोल वन समिति के अध्यक्ष के बयान से ही खुलती दिख रही है. समिति के अध्यक्ष की ओर से 8 हजार बांस के पौधे लगाने की बात कही गई. जबकि वन विभाग के रेंजर आरसी यादव 25 हेक्टेयर भूमि पर 10 हजार पौधे लगाने का दावा कर रहे हैं.

पढ़ें : कांकेर: कलेक्टर के खिलाफ पत्रकारों का विरोध प्रदर्शन, सरकार से कार्रवाई की मांग

पौधरोपण के लिए जो गड्ढे खोदे जाते हैं, हर एक गड्ढे को 1 फिट के नाप से तैयार किया जाता है. मिट्टी और गोवर खाद तथा कीटनाशक दवा मिलाकर हर एक पौधे को लगाने का प्रावधान है. वहीं एक एक गड्ढे को नाममात्र ही खोद कर काम चलाया जा रहा है. वन विभाग द्वारा मजदूरों को एक एक गड्ढे खोदने का भुगतान 8 रुपये प्रति गड्ढे के हिसाब से दिया जा रहा है. जबकि पौधरोपण के लिए 295 रुपये रोजी हिसाब से मजदूरों को मनरेगा योजना के तहत पेमेंट किया जाना था.

पंखाजूर: वन विभाग की तरफ से पौधरोपण के नाम पर धांधली का केस सामने आया है. बांदे वन विभाग की ओर से पानावार में 25 हेक्टेयर में 10 हजार पौधा लगाने का काम किया जाना था, लेकिन लापरवाहों ने सागौन के पौधों को जंगल मे फेंक दिया गया.

पौधरोपण में धांधली, ईटीवी भारत की खबर पर बड़ा असर

ETV भारत ने जब इसपर खबर की तो वन विभाग हरकत में आया और आनन-फानन में अपनी गलती छुपाने के लिए विभाग और अधिकारियों ने मिलकर मरे हुए पौधे को दोबारा लगाने में जुट गए.

इसके अलावा वन विभाग की ओर से 10 हजार बांस के पौधे 25 हेक्टेयर भूमि पर रोपने का दावा किया जा रहा है. जिसकी पोल वन समिति के अध्यक्ष के बयान से ही खुलती दिख रही है. समिति के अध्यक्ष की ओर से 8 हजार बांस के पौधे लगाने की बात कही गई. जबकि वन विभाग के रेंजर आरसी यादव 25 हेक्टेयर भूमि पर 10 हजार पौधे लगाने का दावा कर रहे हैं.

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पौधरोपण के लिए जो गड्ढे खोदे जाते हैं, हर एक गड्ढे को 1 फिट के नाप से तैयार किया जाता है. मिट्टी और गोवर खाद तथा कीटनाशक दवा मिलाकर हर एक पौधे को लगाने का प्रावधान है. वहीं एक एक गड्ढे को नाममात्र ही खोद कर काम चलाया जा रहा है. वन विभाग द्वारा मजदूरों को एक एक गड्ढे खोदने का भुगतान 8 रुपये प्रति गड्ढे के हिसाब से दिया जा रहा है. जबकि पौधरोपण के लिए 295 रुपये रोजी हिसाब से मजदूरों को मनरेगा योजना के तहत पेमेंट किया जाना था.

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