ETV Bharat / state

'नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में कोरोना वैक्सीनेशन बड़ी चुनौती'

author img

By

Published : Jan 7, 2021, 4:32 PM IST

Updated : Jan 7, 2021, 8:53 PM IST

छत्तीसगढ़ में कोरोना वैक्सीनेशन का ड्राई रन शुरू हो गया है. बस्तर संभाग के 6 जिलों में ड्राई रन किया गया. कांकेर में तीन केंद्रों में 25-25 स्वास्थ्यकर्मियों को टीका लगाया गया. CMHO ने कहा कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में वैक्सीनेशन एक चुनौती होगी.

corona-vaccination-major-challenge-in-naxal-affected-areas-of-kanker
कांकेर में कोरोना वैक्सीन

कांकेर: प्रदेश में कोरोना वैक्सीन का ड्राई रन शुरू हो गया है. बस्तर संभाग के जिलों में ड्राई रन किया जा रहा है. कांकेर में भी टीकाकरण केंद्र बनाए गए हैं. ETV भारत की टीम ने टीकाकरण केंद्र का जायजा लिया, जहां मुख्य स्वास्थ्य एवं चिकित्सा अधिकारी से बातचीत भी की.

'नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में कोरोना वैक्सीनेशन बड़ी चुनौती'

कांकेर के कई गांव दुर्गम पहाड़ी क्षेत्रों में बसते हैं. कई गांव घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्र में आता है. ऐसे में टीकाकरण स्वास्थ्य अमले के लिए चुनौतीपूर्ण कार्य रहेगा. मुख्य स्वास्थ्य एवं चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि कोरोना का टीका सबसे पहले कोरोना वॉरियर्स को लगाया जाएगा. जिले में प्राइवेट और सरकारी समेत करीब 9 हजार 153 फ्रंटलाइन हेल्थ वर्कर हैं. इसमें जिले के उपस्वास्थ्य केंद्रों से लेकर प्राथमिक, सामुदायिक, जिला अस्पताल, सिविल अस्पताल, आयुर्वेदिक अस्पतालों के स्वास्थ्य विभाग के अलावा मितानिन और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के साथ ही निजी क्षेत्र के स्वास्थ्य कर्मचारी भी शामिल हैं.

पढ़ें- नक्सल प्रभावित बस्तर संभाग में कोरोना वैक्सीनेशन का ड्राई रन

कोविड-19 टीकाकरण के दौरान पूरा काम पोर्टल से करना है, इस स्थिति में कांकेर के बीहड़ नक्सल प्रभावित क्षेत्र जहां अभी भी नेटवर्क कनेक्टिविटी नहीं है. स्वास्थ्य अधिकारी का कहना है कि 26 टीकाकरण केंद्र बनाए गए हैं, सभी नेटवर्क कनेक्टिविटी को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है. स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि हमारे पास कर्मचारियों की कमी नहीं है 670 लोगों को टीकाकरण की ट्रेनिंग दी जा चुकी है.

बारिश के मौसम में बढ़ सकती है समस्या
CMHO ने बताया कि 'वैक्सीन आते बरसात की शुरुआत हो चुकी होगी. कांकेर के कोयलीबेड़ा ब्लॉक, पखांजूर, अंतागढ़, भानुप्रतापपुर जैसे ब्लॉक के गांव बरसात के दिनों में कट जाते हैं. इसे लेकर स्वास्थ्य अधिकारी का कहना है कि तृतीय और चतुर्थ चरण में समुदाय को टीका लगना है, कांकेर में कई क्षेत्र दुर्गम है. कोशिश रहेगी कि इन क्षेत्रों में प्राथमिकता के आधार पर बरसात से पहले कोविड-19 का वैक्सीन समुदाय को लग जाए.'

उन्होंने बताया कि 'प्रथम चरण के लिए स्वास्थ्यकर्मियों, मितानिन, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, प्राइवेट अस्पतालों के स्टॉफ और चिकित्सकों की सूची तैयार कर ली गई है. उन्होंने बताया कि जिले में कुल 26 टीकाकरण केंद्र बनाए हैं और 26 कोल्ड चेन प्वाइंट है. जहां वैक्सीन को सुरक्षित तरीके से रख सकते हैं, इसके लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों को चुना गया है.

स्वास्थ्यकर्मियों को लगाया जाएगा टीका

जिले के स्वास्थ्य कर्मचारियों के डेटा फीडिंग का कार्य अंतिम चरण की ओर है. प्रदेश में सबसे पहले स्वास्थ्यकर्मियों को ही कोरोना की वैक्सीन लगेगी. कोविड-19 के टीकाकरण के लिए जिले के 45 शासकीय और 8 निजी अस्पताल के स्वास्थ्यकर्मियों का टीकाकरण किया जायेगा, जिसमें शासकीय स्वास्थ्य संस्थाओं के 8 हजार 739 स्वास्थ्यकर्मियों और निजी अस्पतालों के 422 स्वास्थ्यकर्मियों को कोविड-19 के टीके से प्रतिरक्षित किया जाएगा.

कोविड वैक्सीनेशन इन स्थानों का चयन

  • एएनएम ट्रेनिंग सेंटर कांकेर
  • प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र बागोडार
  • सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र अमोड़ा

तीनों स्थानों पर आज ड्राई रन किया गया, जिसके लिए 25-25 स्वास्थ्य कर्मचारियों का चयन किया गया था. सभी को एक दिन पहले सूचना दे दी गई थी. डॉक्टर निशा मौर्य ने बताया कि कोविड वैक्सीन ड्राइ रन के लिए बनाये गये टीकाकरण केन्द्रों में प्रवेश और निकास द्वार के अलावा तीन पृथक-पृथक कक्ष बनाये गये थे, जिनमें प्रतीक्षा कक्ष, टीकाकरण और निगरानी कक्ष शामिल हैं. टीकाकरण कक्ष में एक समय में एक ही व्यक्ति प्रवेश कर सकता था. टीकाकरण के बाद निगरानी कक्ष में संबंधित व्यक्ति को आधा घंटा ऑब्जर्वेशन में रखा जाता था. विपरीत परिस्थिति उत्पन्न होने की स्थिति में उसे निकटतम एईएफआई सेंटर भेजा जा सकता था. वैक्सीनेशन टीम में पांच सदस्य रखे गये थे.

टीकाकरण के लिए मोबाइल सत्यापन का कार्य जारी

जिला टिकाकरण अधिकारी डॉ आईके सोम ने बताया, 'निजी और सरकारी अस्पतालों के स्वास्थ्यकर्मियों और अन्य कर्मचारियों की जानकारी एकत्र कर ली गई है. सबसे पहले इन्हीं को टीका लगाया जाएगा. फिलहाल, इनके फोन नंबर सत्यापित करने का काम चल रहा है. इसके लिए जिला स्तर पर इन मोबाइल नंबरों पर बात करके पता किया जा रहा है.'

निगरानी के लिए जिला स्तर पर कंट्रोल रूम

कांकेर जिले में डीप फ्रिजर और आईस लाइंड रेफ्रीजरेटर सहित 26 कोल्ड चेन प्वाइंट बनाए गए हैं. इसके अतिरिक्त 2 नए कोल्ड चेन प्वाइंट की स्थापना की जा रही है. वैक्सीन स्टोरेज के लिए कोल्ड चेन में डीप फ्रीजर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के लिए भी उपलब्ध कराई जाएगी. टीकाकरण प्वाइंट में डीप फ्रीजर और आईस लाइंड रेफ्रीजरेटर (आईएलआर फ्रीजर) से वैक्सीन का टेम्प्रेचर मेनटेन करने की व्यवस्था का जायजा लिया जा रहा है. टीकाकरण कार्य की निगरानी के लिए जिला स्तर पर कंट्रोल रूम की स्थापना की गई है. स्वास्थ्य केंद्रों में नियमित टीकाकरण के कार्य प्रभावित न हो इसको ध्यान में रखते हुए कोरोना वैक्सीन के लिए अलग से स्टोर की व्यवस्था की जा रही है. आईस लाइंड रेफ्रीजरेटर में वैक्सीन को 2 से 8 डिग्री सेंटी ग्रेट तापमान पर स्टोर किया जा सकता है.

पढ़ें- ETV भारत पर नक्सल प्रभावित कोंडागांव से ड्राई रन की तस्वीरें


टीकाकरण केंद्र में 100 लोगों को लगेगा टीका

सीएमएचओ डॉ. उइके ने बताया, कोरोना के टीके को लेकर केंद्र सरकार की ऑपरेशनल गाइडलाइंस के मुताबिक भारत में कोरोना वैक्सीन आने के बाद एक वैक्सीनेशन साइट पर एक सत्र (यानी एक दिन) में अधिकतम 100 लाभार्थियों को वैक्सीन देने की उम्मीद है. अगर किसी वैक्सीनेशन साइट पर पर्याप्त लॉजिस्टिक और वेटिंग रूम, ऑब्जर्वेशन रूम के साथ क्राउड मैनेजमेंट की सुविधा भी है, तो एक और वैक्सीनेटर की डयूटी लगाकर एक दिन में 100 से ज्यादा लोगों को कोरोना का टीका दिया जा सकता है. प्रत्येक टीकाकरण स्थल में पांच टीकाकरण अधिकारी होंगे, जिनमें एक सुरक्षा गार्ड भी होगा. तीन कमरे होंगे एक प्रतीक्षा के लिए, दूसरा टीकाकरण के लिए और तीसरा अवलोकन के लिए टीकाकरण के दौरान 6 फीट की सामाजिक दूरी बनाए रखना आवश्यक होगा. सीएमएचओ डॉ. उइके ने बताया, टीकाकरण की प्रक्रिया में वेटिंग हॉल में बैठने की सुविधा रहेगी. टीकाकरण हॉल में संबंधित व्यक्ति के आधारकार्ड और पहचान पत्र की ऑनलाइन पोर्टल से मिलान किया जा सकेगा. वैक्सीन लेने से पहले स्वास्थ्य ठीक होना जरुरी होगा. वैक्सीन लगने के बाद अवलोकन कक्ष में 30 मिनट तक निगरानी की जाएगी. किसी तरह के साइड इफेक्ट होने पर एम्बुलेंस से सीधे अस्पताल में भर्ती कराया जाएगा.

कांकेर: प्रदेश में कोरोना वैक्सीन का ड्राई रन शुरू हो गया है. बस्तर संभाग के जिलों में ड्राई रन किया जा रहा है. कांकेर में भी टीकाकरण केंद्र बनाए गए हैं. ETV भारत की टीम ने टीकाकरण केंद्र का जायजा लिया, जहां मुख्य स्वास्थ्य एवं चिकित्सा अधिकारी से बातचीत भी की.

'नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में कोरोना वैक्सीनेशन बड़ी चुनौती'

कांकेर के कई गांव दुर्गम पहाड़ी क्षेत्रों में बसते हैं. कई गांव घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्र में आता है. ऐसे में टीकाकरण स्वास्थ्य अमले के लिए चुनौतीपूर्ण कार्य रहेगा. मुख्य स्वास्थ्य एवं चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि कोरोना का टीका सबसे पहले कोरोना वॉरियर्स को लगाया जाएगा. जिले में प्राइवेट और सरकारी समेत करीब 9 हजार 153 फ्रंटलाइन हेल्थ वर्कर हैं. इसमें जिले के उपस्वास्थ्य केंद्रों से लेकर प्राथमिक, सामुदायिक, जिला अस्पताल, सिविल अस्पताल, आयुर्वेदिक अस्पतालों के स्वास्थ्य विभाग के अलावा मितानिन और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के साथ ही निजी क्षेत्र के स्वास्थ्य कर्मचारी भी शामिल हैं.

पढ़ें- नक्सल प्रभावित बस्तर संभाग में कोरोना वैक्सीनेशन का ड्राई रन

कोविड-19 टीकाकरण के दौरान पूरा काम पोर्टल से करना है, इस स्थिति में कांकेर के बीहड़ नक्सल प्रभावित क्षेत्र जहां अभी भी नेटवर्क कनेक्टिविटी नहीं है. स्वास्थ्य अधिकारी का कहना है कि 26 टीकाकरण केंद्र बनाए गए हैं, सभी नेटवर्क कनेक्टिविटी को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है. स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि हमारे पास कर्मचारियों की कमी नहीं है 670 लोगों को टीकाकरण की ट्रेनिंग दी जा चुकी है.

बारिश के मौसम में बढ़ सकती है समस्या
CMHO ने बताया कि 'वैक्सीन आते बरसात की शुरुआत हो चुकी होगी. कांकेर के कोयलीबेड़ा ब्लॉक, पखांजूर, अंतागढ़, भानुप्रतापपुर जैसे ब्लॉक के गांव बरसात के दिनों में कट जाते हैं. इसे लेकर स्वास्थ्य अधिकारी का कहना है कि तृतीय और चतुर्थ चरण में समुदाय को टीका लगना है, कांकेर में कई क्षेत्र दुर्गम है. कोशिश रहेगी कि इन क्षेत्रों में प्राथमिकता के आधार पर बरसात से पहले कोविड-19 का वैक्सीन समुदाय को लग जाए.'

उन्होंने बताया कि 'प्रथम चरण के लिए स्वास्थ्यकर्मियों, मितानिन, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, प्राइवेट अस्पतालों के स्टॉफ और चिकित्सकों की सूची तैयार कर ली गई है. उन्होंने बताया कि जिले में कुल 26 टीकाकरण केंद्र बनाए हैं और 26 कोल्ड चेन प्वाइंट है. जहां वैक्सीन को सुरक्षित तरीके से रख सकते हैं, इसके लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों को चुना गया है.

स्वास्थ्यकर्मियों को लगाया जाएगा टीका

जिले के स्वास्थ्य कर्मचारियों के डेटा फीडिंग का कार्य अंतिम चरण की ओर है. प्रदेश में सबसे पहले स्वास्थ्यकर्मियों को ही कोरोना की वैक्सीन लगेगी. कोविड-19 के टीकाकरण के लिए जिले के 45 शासकीय और 8 निजी अस्पताल के स्वास्थ्यकर्मियों का टीकाकरण किया जायेगा, जिसमें शासकीय स्वास्थ्य संस्थाओं के 8 हजार 739 स्वास्थ्यकर्मियों और निजी अस्पतालों के 422 स्वास्थ्यकर्मियों को कोविड-19 के टीके से प्रतिरक्षित किया जाएगा.

कोविड वैक्सीनेशन इन स्थानों का चयन

  • एएनएम ट्रेनिंग सेंटर कांकेर
  • प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र बागोडार
  • सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र अमोड़ा

तीनों स्थानों पर आज ड्राई रन किया गया, जिसके लिए 25-25 स्वास्थ्य कर्मचारियों का चयन किया गया था. सभी को एक दिन पहले सूचना दे दी गई थी. डॉक्टर निशा मौर्य ने बताया कि कोविड वैक्सीन ड्राइ रन के लिए बनाये गये टीकाकरण केन्द्रों में प्रवेश और निकास द्वार के अलावा तीन पृथक-पृथक कक्ष बनाये गये थे, जिनमें प्रतीक्षा कक्ष, टीकाकरण और निगरानी कक्ष शामिल हैं. टीकाकरण कक्ष में एक समय में एक ही व्यक्ति प्रवेश कर सकता था. टीकाकरण के बाद निगरानी कक्ष में संबंधित व्यक्ति को आधा घंटा ऑब्जर्वेशन में रखा जाता था. विपरीत परिस्थिति उत्पन्न होने की स्थिति में उसे निकटतम एईएफआई सेंटर भेजा जा सकता था. वैक्सीनेशन टीम में पांच सदस्य रखे गये थे.

टीकाकरण के लिए मोबाइल सत्यापन का कार्य जारी

जिला टिकाकरण अधिकारी डॉ आईके सोम ने बताया, 'निजी और सरकारी अस्पतालों के स्वास्थ्यकर्मियों और अन्य कर्मचारियों की जानकारी एकत्र कर ली गई है. सबसे पहले इन्हीं को टीका लगाया जाएगा. फिलहाल, इनके फोन नंबर सत्यापित करने का काम चल रहा है. इसके लिए जिला स्तर पर इन मोबाइल नंबरों पर बात करके पता किया जा रहा है.'

निगरानी के लिए जिला स्तर पर कंट्रोल रूम

कांकेर जिले में डीप फ्रिजर और आईस लाइंड रेफ्रीजरेटर सहित 26 कोल्ड चेन प्वाइंट बनाए गए हैं. इसके अतिरिक्त 2 नए कोल्ड चेन प्वाइंट की स्थापना की जा रही है. वैक्सीन स्टोरेज के लिए कोल्ड चेन में डीप फ्रीजर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के लिए भी उपलब्ध कराई जाएगी. टीकाकरण प्वाइंट में डीप फ्रीजर और आईस लाइंड रेफ्रीजरेटर (आईएलआर फ्रीजर) से वैक्सीन का टेम्प्रेचर मेनटेन करने की व्यवस्था का जायजा लिया जा रहा है. टीकाकरण कार्य की निगरानी के लिए जिला स्तर पर कंट्रोल रूम की स्थापना की गई है. स्वास्थ्य केंद्रों में नियमित टीकाकरण के कार्य प्रभावित न हो इसको ध्यान में रखते हुए कोरोना वैक्सीन के लिए अलग से स्टोर की व्यवस्था की जा रही है. आईस लाइंड रेफ्रीजरेटर में वैक्सीन को 2 से 8 डिग्री सेंटी ग्रेट तापमान पर स्टोर किया जा सकता है.

पढ़ें- ETV भारत पर नक्सल प्रभावित कोंडागांव से ड्राई रन की तस्वीरें


टीकाकरण केंद्र में 100 लोगों को लगेगा टीका

सीएमएचओ डॉ. उइके ने बताया, कोरोना के टीके को लेकर केंद्र सरकार की ऑपरेशनल गाइडलाइंस के मुताबिक भारत में कोरोना वैक्सीन आने के बाद एक वैक्सीनेशन साइट पर एक सत्र (यानी एक दिन) में अधिकतम 100 लाभार्थियों को वैक्सीन देने की उम्मीद है. अगर किसी वैक्सीनेशन साइट पर पर्याप्त लॉजिस्टिक और वेटिंग रूम, ऑब्जर्वेशन रूम के साथ क्राउड मैनेजमेंट की सुविधा भी है, तो एक और वैक्सीनेटर की डयूटी लगाकर एक दिन में 100 से ज्यादा लोगों को कोरोना का टीका दिया जा सकता है. प्रत्येक टीकाकरण स्थल में पांच टीकाकरण अधिकारी होंगे, जिनमें एक सुरक्षा गार्ड भी होगा. तीन कमरे होंगे एक प्रतीक्षा के लिए, दूसरा टीकाकरण के लिए और तीसरा अवलोकन के लिए टीकाकरण के दौरान 6 फीट की सामाजिक दूरी बनाए रखना आवश्यक होगा. सीएमएचओ डॉ. उइके ने बताया, टीकाकरण की प्रक्रिया में वेटिंग हॉल में बैठने की सुविधा रहेगी. टीकाकरण हॉल में संबंधित व्यक्ति के आधारकार्ड और पहचान पत्र की ऑनलाइन पोर्टल से मिलान किया जा सकेगा. वैक्सीन लेने से पहले स्वास्थ्य ठीक होना जरुरी होगा. वैक्सीन लगने के बाद अवलोकन कक्ष में 30 मिनट तक निगरानी की जाएगी. किसी तरह के साइड इफेक्ट होने पर एम्बुलेंस से सीधे अस्पताल में भर्ती कराया जाएगा.

Last Updated : Jan 7, 2021, 8:53 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.