कांकेर : कांकेर जिला बस्तर संभाग का सबे बड़ा जिला है. नक्सल प्रभावित इस जिले के कुछ इलाके ऐसे है. जिनमें नक्सलियों की काफी पैठ है. उन्हीं में से एक है बण्डापाल. जिले के अंतिम छोर में बसे इस धुर नक्सल प्रभावित गांव में ऐसा पहली बार हुआ जब प्रशासनिक अमला ग्रामीणों के पास पहुंचा था. इस क्षेत्र में नक्सलियों की दहशत इतनी है विकास के कार्यो को गति देना किसी चुनौती से कम नहीं है.
पहली बार पहुंची महिला कलेक्टर : बंडापाल में अब तक कोई भी सरकारी अधिकारी नहीं पहुंचा था.लेकिन महिला कलेक्टर डॉक्टर प्रियंका शुक्ला अपनी पूरी टीम के साथ कांकेर के धुर नक्सल क्षेत्र के गांव में पहुंची. प्रियंका शुक्ला ने इस जगह पर शिविर लगाया.जिसमें 4 से अधिक गांवों के लोग इकट्ठा हुए. इस शिविर के माध्यम से ग्रामीणों के लिए जरुरी दस्तावेज जारी किए गए. वहीं 136 आवेदन में 13 का तत्काल मौके पर निराकरण भी किया गया.ग्रामीणों की मांग एवं जरूरतों के अनुरूप सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र निर्माण, बोरखनन, पीडीएस गोदाम सहित अन्य कार्यो के लिए लाखों रुपये की स्वीकृति भी कलेक्टर ने दी है.
नक्सलियों के कारण नहीं जुट पा रही थी सुविधा : ग्राम बंडापाल घोर नक्सल प्रभावित इलाका होने के कारण ग्रामीणों को सुविधाएं नही मिल पा रही थी.आज तक यहां कोई बड़ा प्रशासनिक अधिकारी नहीं पहुंचा था. लेकिन महिला कलेक्टर ने इस मिथक को तोड़ते हुए बंडापाल गांव में जाकर लोगों को बड़ी राहत दी है.कलेक्टर के दौरे के बाद इस इलाके में अब विकास के कार्य कराए जाएंगे.
कलेक्टर ने लोगों से की अपील : इस दौरान कलेक्टर डॉ. प्रियंका शुक्ला ने कहा कि '' मेरे साल भर के कार्यकाल का यह सबसे अविस्मरणीय क्षण है. इसे मैं कभी नहीं भूल सकती. मुझे हमेशा याद रहेगा कि मैं कभी इस गांव में आई थी. कांकेर जिले के सबसे अच्छे डॉक्टर यहां मौजूद हैं. सभी लोग अपना स्वास्थ्य परीक्षण अवश्य करायें.'' इस अवसर पर जल जीवन मिशन, कृषि एवं जनपद कार्यालय ने स्टाल भी लगाया. स्वास्थ्य विभाग ने शिविर लगाकर मरीजों का उपचार भी किया.वहीं ग्रामीणों को साइकिल का वितरण किया गया.