बिलासपुर: मेरिट लिस्ट में नाम होने के बाद भी सहायक प्राध्यापक पद के लिए चयन प्रक्रिया में शामिल न करने को लेकर दायर याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. याचिका पर सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता को चयन प्रक्रिया में शामिल करने के लिए PSC को आदेश दिया.
बता दें कि पीएससी ने सहायक प्राध्यापक पद के लिए विज्ञापन जारी किया था. विज्ञापन जारी करने के बाद पीएससी ने सहायक अध्यापक पद के लिए परीक्षा आयोजित की, जिसमें विनीत कुमार राठौर ने मेरिट सूची में स्थान हासिल किया.
दस्तावेजों का कराया सत्यापन
मेरिट सूची में नाम आने के बाद अपने दस्तावेजों को सत्यापित करने के लिए पीएससी ने विनीत को 7 नवंबर 2019 का समय दिया, लेकिन विनीत ने विभाग को जानकारी देते हुए बताया कि वह उस समय शहर में मौजूद नहीं रहेगा इसलिए वह 11 तारीख को अपने दस्तावेजों का सत्यापन कराने विभाग आएगा.
विभाग ने दर्शाया गैरहाजिर
विनीत जब सत्यापन कराने 11 तारीख को पहुंचा तब तक शाम 5 बजे से ज्यादा का समय हो चुका था. जिस पर विभाग के पदाधिकारियों ने कहा कि वह 12 तारीख को अपने दस्तावेजों का सत्यापन करा ले. विनीत ने 12 तारीख को विभाग में जाकर अपने दस्तावेजों का सत्यापन करा लिया. लेकिन बाद में उसे पता चला कि विभाग ने उसे अनुपस्थित दर्शाया है. जिसके बाद उसने हाईकोर्ट में याचिका दायर की. जिस पर एक दिन में ही उच्च न्यायालय ने अपना फैसला याचिकाकर्ता के पक्ष में सुनाया है.