कांकेर : शहर की जर्जर सड़कों से उड़ती धूल ने बारिश थमते ही लोगों का घर से निकलना मुहाल कर दिया है. सड़कों की जर्जर हालत से परेशान लोगों ने अब इसको लेकर आंदोलन (Protest) शुरू कर दिया है. शहर के गौरव पथ पर स्थानीय लोगों ने शुक्रवार को सड़क की मरम्मत की मांग को लेकर चक्का जाम (Traffic Jam) कर दिया. बता दें कि इस गौरव पथ का इस्तेमाल मिनी बाइपास (Mini Bypass) के रूप में सालों से किया जा रहा है, जिससे यहां की सड़क की हालत बेहद खराब हो चुकी है.
घनी आबादी वाला इलाका है अन्नपूर्णापारा और बरदेभाटा
वहीं शहर को ट्रैफिक से राहत दिलाने बनाया जा रहे बाइपास का निर्माण 6 साल बाद भी पूरा नहीं हो सका है. गौरव पथ शहर के सेन चौक से लेकर अन्नपूर्णापारा होते हुए बरदेभाटा तक बनाया गया है, जो घनी आबादी वाला इलाका है. ऐसे में इसका उपयोग मिनी बाइपास के रूप में करने से हादसों का भी खतरा बना रहता है. इसके अलावा भारी वाहनों की आवाजाही से सड़क पूरी तरह जर्जर हो चुकी है.
सड़क मरम्मत और भारी वाहनों के रोक की मांग
यहां सड़कों पर उड़ती धूल से न केवल राहगीर बल्कि इस सड़क के किनारे रहने वाले लोग भी खासे परेशान हैं. इसी के विरोध में स्थानीय लोगों ने चक्का जाम कर दिया. स्थानीय लोगों ने चक्का जाम कर सड़क की मरम्मत के साथ भारी वाहनो की आवाजाही बंद करने की मांग की है.
2010 में कराया गया था गौरव पथ का निर्माण
साल 2010 में करोड़ों की लागत से मुक्तिधाम से पंडरीपानी तक गौरव पथ का निर्माण कराया गया था. अब सड़क पर सिर्फ धूल और मिट्टी रह गई है. रायपुर से जगदलपुर जाने वाली सैकड़ों गाड़ियां रोजाना गौरव पथ से गुजरती हैं. ऐसे में गौरव पथ वाहनों के लगातार दबाव के कारण टूट चुका है. सड़क से धूल उड़ रही है. धूल ने वार्डवासियों का जीना मुहाल कर दिया है. स्थानीय लोग सड़क दोबारा बनाने की मांग कर रहे हैं.
गंभीर बीमारी की जद में आ रहे लोग
सड़क भारी वाहनों के परिचालन से पूरी तरह उखड़ गई है. धूल के कारण बुजुर्ग, महिला और बच्चों को बीमारियां घेर रही हैं. ब्लड प्रेशर, सर्दी-खांसी, दमा, त्वचा की बीमारी की शिकायतें बढ़ रही हैं. नगर पालिका से गुहार लगाने पर दिन में एक बार पानी का छिड़काव किया जाता है. स्थानीय लोग 24 घंटे धूल से परेशान रहते हैं.