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कांकेर: नक्सल प्रभावित क्षेत्र में तैनात BSF जवान ने गोली मारकर की खुदकुशी

कांकेर में BSF जवान ने गोली मारकर खुदकुशी कर ली. सर्चिंग के दौरान लौटते वक्त जवान ने खुदकुशी कर ली.

bsf jawan shot and killed himself in kanker
BSF जवान ने गोली मारकर खुदकुशी की
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Published : Jun 6, 2020, 9:32 AM IST

Updated : Jun 6, 2020, 1:35 PM IST

कांकेर: छत्तीसगढ़ में जवान लगातार आत्महत्या कर रहे हैं. जिले के धुर नक्सल प्रभावित संगम में तैनात बीएसएफ के 157वीं बटालियन के जवान ने गोली मारकर आत्महत्या कर ली. घटना सुबह 4 बजे की है.

हरियाणा का रहने वाला जवान सुरेश कुमार अपने दल के साथ सर्चिंग से लौट रहा था. इसी दौरान उसने कैम्प से महज 100 मीटर पहले ही अपनी रायफल से खुद पर गोली चला ली . गोली चलने की आवाज से सहमे साथी जवान उसे तत्काल कैम्प लेकर आए लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी. घटना की जानकारी मिलते ही बीएसएफ और पुलिस के आला अधिकारी मौके के लिए रवाना हो गए. जवान के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है, जिसके बाद उसके गृहग्राम रवाना किया जाएगा.

नारायणपुर में हुआ था गोलीकांड

अभी कुछ दिन पहले नारायणपुर में अमदई घाटी कैंप में एक जवान ने साथी जवानों पर ताबड़तोड़ गोलियां दाग दी थी, जिससे दो जवानों की मौत हो गई और एक जवान गंभीर रूप से घायल हो गया था. फरवरी 2020 में भी ऐसी घटना हुई थी. फरसेगढ़ के CAF कैम्प में एक जवान ने अपने 2 साथियों पर गोली चला दी थी. घटना के बाद जवान ने खुद को भी गोली मार ली थी. इस घटना में एक जवान की मौके पर ही मौत हो गई. जबकि एक घायल हो गया था.

छत्तीसगढ़ में डिप्रेशन और तनाव के शिकार जवान

छत्तीसगढ़ में खासतौर पर नक्सल प्रभावित इलाकों में तैनात जवानों में आत्महत्या करने का ग्राफ हर दिन बढ़ता जा रहा है. तनाव और डिप्रेशन की वजह से कई बार एक जवान दूसरे जवान की जान भी ले लेते हैं. जवानों को इन परेशानियों से बाहर निकालने के लिए कई उपाय किए जा रहे हैं. छत्तीसगढ़ में जवानों को अवसाद और तनाव से बचाने के लिए 2 जून से स्पंदन अभियान की शुरूआत हुई है. कोरोना संकट की वजह से आज हजारों जवान विभिन्न जगह पर बिना छुट्टी के अपनी ड्यूटी दे रहे हैं. खासकर नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में जवान लगातार सुरक्षा में तैनात हैं.

सीएएफ जवान ने साथी जवानों पर की ताबड़तोड़ फायरिंग, 2 जवानों की मौत

जवानों को अवसाद से निकालने की कोशिश

हालांकि इस कोरोना संकट के बीच उन जवानों को संक्रमण से बचाने के लिए कई संसाधन और सुविधा मुहैया कराई गई है. उनके स्वास्थ्य का विशेष ख्याल रखा जा रहा है, जिसकी जानकारी नक्सल ऑपरेशन डीआईजी ओपी पाल ने दी. स्पंदन अभियान के तहत अवसाद और तनाव से निकालने योजना बनाई गई है, जिसके अंतर्गत जवानों के लिए कैंपों में मनोचिकित्सक म्यूजिक थेरेपी, योग, शिक्षा, खेलकूद और पुस्तकालय आदि की व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं.

कांकेर: छत्तीसगढ़ में जवान लगातार आत्महत्या कर रहे हैं. जिले के धुर नक्सल प्रभावित संगम में तैनात बीएसएफ के 157वीं बटालियन के जवान ने गोली मारकर आत्महत्या कर ली. घटना सुबह 4 बजे की है.

हरियाणा का रहने वाला जवान सुरेश कुमार अपने दल के साथ सर्चिंग से लौट रहा था. इसी दौरान उसने कैम्प से महज 100 मीटर पहले ही अपनी रायफल से खुद पर गोली चला ली . गोली चलने की आवाज से सहमे साथी जवान उसे तत्काल कैम्प लेकर आए लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी. घटना की जानकारी मिलते ही बीएसएफ और पुलिस के आला अधिकारी मौके के लिए रवाना हो गए. जवान के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है, जिसके बाद उसके गृहग्राम रवाना किया जाएगा.

नारायणपुर में हुआ था गोलीकांड

अभी कुछ दिन पहले नारायणपुर में अमदई घाटी कैंप में एक जवान ने साथी जवानों पर ताबड़तोड़ गोलियां दाग दी थी, जिससे दो जवानों की मौत हो गई और एक जवान गंभीर रूप से घायल हो गया था. फरवरी 2020 में भी ऐसी घटना हुई थी. फरसेगढ़ के CAF कैम्प में एक जवान ने अपने 2 साथियों पर गोली चला दी थी. घटना के बाद जवान ने खुद को भी गोली मार ली थी. इस घटना में एक जवान की मौके पर ही मौत हो गई. जबकि एक घायल हो गया था.

छत्तीसगढ़ में डिप्रेशन और तनाव के शिकार जवान

छत्तीसगढ़ में खासतौर पर नक्सल प्रभावित इलाकों में तैनात जवानों में आत्महत्या करने का ग्राफ हर दिन बढ़ता जा रहा है. तनाव और डिप्रेशन की वजह से कई बार एक जवान दूसरे जवान की जान भी ले लेते हैं. जवानों को इन परेशानियों से बाहर निकालने के लिए कई उपाय किए जा रहे हैं. छत्तीसगढ़ में जवानों को अवसाद और तनाव से बचाने के लिए 2 जून से स्पंदन अभियान की शुरूआत हुई है. कोरोना संकट की वजह से आज हजारों जवान विभिन्न जगह पर बिना छुट्टी के अपनी ड्यूटी दे रहे हैं. खासकर नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में जवान लगातार सुरक्षा में तैनात हैं.

सीएएफ जवान ने साथी जवानों पर की ताबड़तोड़ फायरिंग, 2 जवानों की मौत

जवानों को अवसाद से निकालने की कोशिश

हालांकि इस कोरोना संकट के बीच उन जवानों को संक्रमण से बचाने के लिए कई संसाधन और सुविधा मुहैया कराई गई है. उनके स्वास्थ्य का विशेष ख्याल रखा जा रहा है, जिसकी जानकारी नक्सल ऑपरेशन डीआईजी ओपी पाल ने दी. स्पंदन अभियान के तहत अवसाद और तनाव से निकालने योजना बनाई गई है, जिसके अंतर्गत जवानों के लिए कैंपों में मनोचिकित्सक म्यूजिक थेरेपी, योग, शिक्षा, खेलकूद और पुस्तकालय आदि की व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं.

Last Updated : Jun 6, 2020, 1:35 PM IST
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